Shri Ram Katha : पन्ना (मध्य प्रदेश)। सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति और संस्कारों की रक्षा तथा आने वाली पीढ़ी में उसके प्रचार-प्रसार के लिए कल (14 अक्टूबर) से श्रीराम कथा का आयोजन किया जाएगा। भारत के साथ-साथ विदेशों में भी सनातन संस्कृति का डंका बजाने वाले तथा जंगलों में रहने वाले आदिवासियों के लिए समर्पित बागेश्वर बालाजी पीठाधीश्वर के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री तथा भक्तगणों द्वारा श्रीरामकथा का आयोजन किया जा रहा है। श्रीरामकथा का आयोजन पन्ना जिले के कल्दा पवई में कल से 16 अक्टूबर तक होगा।
Shri Ram Katha :
तीन दिवसीय कथा में भारत के विभिन्न राज्यों से विभिन्न आदिवासी परिवार, राजनेता, राजमंत्री, प्रशासनिक अधिकारी मीडिया कर्मी श्री राम कथा सुनने आएंगे। यह क्षेत्र 90 प्रतिशत आदिवासी बहुल क्षेत्र शिक्षा और आर्थिक अभाव के कारण बनवासी आदिवासियों को भारत सरकार अपनी योजना के अनुसार विश्व गुरु बनने के पहले भारत के सबसे पीछे अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को विकास की गति से जोडऩे के लिए प्रयासरत है।
बालाजी पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि वह भारत के ऐसे बनवासी आदिवासी पिछड़े और अशिक्षित क्षेत्र वन जंगल में भारत के विश्व गुरु होने के और महापुरुषों द्वारा भारत को किस तरह से गुलामी से छुटकारा दिलाया है। भारत की सनातन संस्कृति सतयुग, त्रेता व द्वापर की महिमा वर्तमान कलयुग में किस तरह से धर्म की महिमा हो इसको जगाने के काम को कर रहे हैं। बागेश्वर बालाजी पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा भारत में सनातन संस्कृति बचाने तथा भारत के वेद पुराण शास्त्रों ग्रंथों को पढऩे और उनको बचाने का अभियान चलाया जा रहा है।
बुंदेलखंड क्षेत्र के सामाजिक और संस्कृति संस्कारों पर काम करने वाले समाजसेवी अनेक राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित संतोष गंगेले कर्मयोगी ने बताया मध्य प्रदेश के पन्ना जिले कल्दा पवई में जो कथा होगी वह भारत के इतिहास में मील का पत्थर साबित होने जा रही है क्योंकि अभी तक संत महात्माओं कथा व्यास प्रवचन कर्ताओं ने बड़े-बड़े मंचों से शहरों व महानगरों में कथा की है लेकिन बनवासी आदिवासी पिछड़े अनुसूचित जनजातियों के बीच उनको जागृत करने धर्म से जोडऩे और जनकल्याण के लिए जो कथा हो रही है वह भारत के प्रत्येक नागरिक के मन आत्मा और जीवन को सार्थक करने वाली होगी।
संतोष गंगेले कर्मयोगी ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी संपूर्ण टीम द्वारा भारत के सर्वोच्च पद महामहिम राष्ट्रपति के पद पर श्रीमती द्रोपती मुर्मू का निर्वाचन 25 जुलाई 2022 को हो गया है। भारतीय संविधान में आरक्षण को लेकर भारत के सर्वोच्च पद पर भारत की आदिवासी बनवासी परिवार से एक महिला को सर्वोच्च पद पर ले जाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक नेताओं एवं सनातन धर्म को बचाने वाले संस्कृति को आगे बढ़ाने वाले बुद्धिजीवी वर्ग में देश के लिए बहुत बड़ा संदेश दिया है।