Akshay Kumar : कई सारे ऐतिहासिक पात्रों के जीवन पर बनी फ़िल्म में मुख्य भूमिका निभा चुके अक्षय कुमार ने हाल में ही अपनी नयी मूवी ‘वेडात मराठे वीर दौड़ले सात’ का पहला लुक जारी किया था। जिसमें उनके गेटअप को देखने के बाद उनके फैंस ने उनकी काफ़ी तारीफ करी लेकिन वहीं कुछ लोगों को यह फ़िल्म इतिहास से छेड़छाड़ करती हुई दिख रही है। आइये जानते हैं क्या है दर्शकों की नाराजगी और एक्टर की ट्रोलिंग का कारण….
Akshay Kumar :
हाल ही में अक्षय कुमार ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स के जरिये लोगों के सामने अपनी आगामी फ़िल्म का पहला लुक जारी किया था जिसमें वे एक झूमर के आगे खड़े हुए दिखायी दे रहे हैं। आपको बता दें कि यह झुमर इलेक्ट्रिक बल्ब से बना हुआ है। जो कि यह दिखाता है कि फ़िल्म में उन चीजों का प्रदर्शन किया गया है जो महाराज शिवाजी के शासन के दौरान अविष्कृत भी नहीं हुईं थीं। अक्षय कुमार के द्वारा पोस्ट किये गए वीडियो में से ही एक दृश्य का पार्ट पोस्ट करते हुए कई लोगों ने इसे एक फैक्चुअल मिस्टेक का नाम दिया है। वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि अक्षय कुमार, छत्रपति शिवाजी महाराज के किरदार में बिल्कुल भी नहीं जंच रहे हैं।
अगर लोगों के ट्वीट्स की बात करें तो यह बात सामने आती है कि लोग काफ़ी बारीकी से इस बात को देख रहे हैं कि महाराज शिवाजी का शासन काल 1674 से लेकर 1680 तक चला जबकि इलेक्ट्रॉनिक बल्ब का अविष्कार 1880 में हुआ था। ऐसे में फ़िल्म में समय से आगे की चीजों को दिखा कर उसकी वास्तविकता से छेड़छाड़ की जा रही है।
कुछ लोगों को यह चित्रण इतना अधिक नाटकीय लगा कि उन्होंने यह कह कर अभिनेता को ट्रोल किया कि ” शायद सम्राट पृथिवीराज में उनकी खराब एक्टिंग में थोड़ी कमी रह गयी होगी जिसे अब वे इस फ़िल्म के जरिये पूरा करेंगे। ” लोगों का यह भी कहना है कि बॉलीवुड में ऐतिहासिक विषयों पर फ़िल्म बनने पर रोक लगनी चाहिये जिससे इतिहास की वास्तविकता बनी रहेगी।
महेश मांजरेकर के निर्देशन में बनी यह फ़िल्म साल 2023 में दिवाली के समय सिनेमा घर में देखने को मिलेगी। दर्शक इसे हिंदी के अतिरिक्त तमिल, तेलुगु व मराठी भाषाओं में भी देख सकेंगे।