Wednesday, 27 November 2024

Ramcharit Manas Controversy: अब सपा नेता बोले, ‘रामचरितमानस में सब बकवास’

Ramcharit Manas Controversy: लखनऊ: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने तुलसीदास की रामायण को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने…

Ramcharit Manas Controversy: अब सपा नेता बोले, ‘रामचरितमानस में सब बकवास’

Ramcharit Manas Controversy: लखनऊ: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने तुलसीदास की रामायण को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने रामचरितमानस की चौपाईयों पर सवाल खड़े करते हुए इस पर बैन लगाने की मांग की है। इसी के साथ उन्होंने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री पर भी बयान दिया।

Ramcharit Manas Controversy

उन्होंने कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि धर्म के ठेकेदार ही धर्म को नीलाम कर रहे हैं। तमाम समाज सुधारकों ने प्रयास किया और देश तरक्की के रास्ते पर चल पड़ा, लेकिन दकियानूसी सोच वाले बाबा समाज में रूढ़िवादी परंपराओं, ढकोसला, अंधविश्वास पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस की चौपाई ढोल, गवांर, शूद्र, पशु, नारी सकल ताड़ना के अधिकारी के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि हिंदू धर्म का चौथा वर्ण शूद्र समुदाय है। यह पूरी आबादी का एक बड़ा हिस्सा है। उसके ताड़ना के बारे में कहना आपत्तिजनक है।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने नैतिकता के आधार पर इन जातिसूचक दोहों और चौपाईयों को रामायण से निकलवाने तक के लिए कह दिया। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि ये देश धर्मनिरपेक्ष देश है। किसी भी धर्म को गाली देने का अधिकारी किसी के पास में नहीं है। इसी के साथ उन्होंने तमाम अन्य बातों को लेकर भी अपने विचार रखे।

उन्होंने कहा कि हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। सभी धर्मों का मकसद मानव कल्याण और मानवता का सम्मान है। मानवता को कलंकित और अपमानित करने के लिए धर्म की आड़ में आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग होता है तो उनका विरोध हम करते हैं। तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस में जाति, वर्ग विशेष को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां की है।

यद्यपि हम उसको धर्मग्रंथ इसलिए नहीं मानते हैं क्योकि तुलसीदास जी ने बालकांड की शुरुआत में ही लिख दिया है कि स्वंतः सुखाय तुलसी रघुनाथ गाधा, भाषा निबंध आदि से रचितकर्ता है। जो पुस्तक स्वतः सुखाय के लिए लिखी गई है हम उसे धर्म की पुस्तक के रूप में नहीं लेते हैं। लेकिन उन्होंने अपनी इस पुस्तक के माध्यम से जाति और अपमानों को इंगित कर टिप्पणी की है वह सभी जातियां हिंदू धर्म की ही हैं। अगर यह हिंदू धर्मग्रंथ है तो यह हिंदू जातियों को इंगित कर नीच जाति कहने का सर्टिफिकेट कैसे देती है।

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