Rahul Gandhi VS Gautam Adani नई दिल्ली (विशेष संवाददाता)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की एक बड़ी योजना प्रकाश में आई है। योजना यह है कि वे चर्चित उद्योगपति गौतम अडानी के मुददे को लम्बा खीचेंगे। राहुल गांधी की टीम ने योजना बनाई है कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक इस मुददे पर आक्रामक रूख कायम रखा जाएगा। इसी मुद्दे के जरिए कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को घेरे रखना चाहती है।
Rahul Gandhi VS Gautam Adani
क्या है पूरी योजना ?
कंग्रेस के एक विश्वसनीय सूत्र ने चेतना मंच को कांग्रेस की योजना की जानकारी दी है। सूत्र ने बताया कि राहुल गांधी किसी भी कीमत पर गौतम अडानी के मुद्दे को छोडऩा नहीं चाहते हैं। उनकी कोर टीम ने योजना बनाई है कि इस मुद्दे को अभी और धार दी जाएगी। हाल ही के कर्नाटक चुनाव हों या इसी वर्ष 2023 में होने वाले राजस्थान व मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव हों। हर जगह राहुल गांधी अडानी का मुददा प्रमुखता से उठाएंगे। साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव में भी गौतम अडानी के सहारे ही भाजपा व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को घेरा जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी की दुखती हुई रग मान रहे हैं इस मुद्दे को
राहुल गांधी व उनकी टीम गौतम अडानी के भ्रष्टाचार के मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भाजपा की दुखती हुई रग मान रहे हैं। राहुल गांधी का साफ मत है कि गौतम अडानी पर आरोप सुनते ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बौखला जाते हैं। उनकी इसी बौखलाहट के कारण उनसे कोई बड़ी गलती हो जाएगी जिसे कांग्रेस चुनावी हथियार बना कर चुनाव जीतना चाहेगी।
Rahul Gandhi – क्या है मुद्दा ?
सब जानते हैं कि एक अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी हिंडनबर्ग ने गौतम अडानी व उनके कारोबार पर अनेक गंभीर आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट के बाद दुनिया के तीसरे सबसे बड़े धनी व्यक्ति के रुतबे से अडानी नीचे खिसककर 58वें नम्बर पर पहुंच गए थे। रिपोर्ट में गौतम अडानी द्वारा फर्जी सेल कंपनियों के जरिए बड़ा घपला-घोटाला करने के आरोप हैं। साथ ही अडानी को सरकारी संरक्षण का भी गंभीर आरोप है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद भारतीय अर्थ व्यवस्था व शेयर बाजार में भूचाल सा आ गया था। लाखों निवेशकों को कई हजार करोड़ रूपए का घाटा उठाना पड़ा था। शेयर बाजार तो धीरे-धीरे संभल गया है। कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने गौतम अडानी के मामले को “महाघोटाला” बताकर इस पूरे प्रकरण की जांच संयुक्त संसदीय समिति यानि जेपीसी से कराने को बड़ा मुद्दा बनाया है। इसी मांग के बीच संसद का पूरा बजट सत्र भारी बाधा के बीच समाप्त हुआ। यह पहला मौका था जब पूरे बजट सत्र में एक दिन भी संसद में काम-काज नहीं हो पाया। अब राहुल गांधी व कांग्रेस इस मुद्दे को दूर तक लेकर जाना चाहते हैं।
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