Friday, 20 September 2024

Noida News : जल्दी बदली जाएगी अंग्रेजों की बनाई हुई ‘‘पुलिस’’ की दशा व दिशा

Noida News : नई दिल्ली। शायद आपको पता है कि भारत में पुलिस व्यवस्था किसने और क्यों बनाई थी? हम…

Noida News : जल्दी बदली जाएगी अंग्रेजों की बनाई हुई ‘‘पुलिस’’ की दशा व दिशा

Noida News : नई दिल्ली। शायद आपको पता है कि भारत में पुलिस व्यवस्था किसने और क्यों बनाई थी? हम आपको बताते हैं कि आपके आसपास जो पुलिस आपको दिखाई देती है वह हमारे देश की व्यवस्था नहीं है। यह व्यवस्था अंग्रेजों ने बनाई थी।

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क्यों बनी पुलिस ?

भारत में पुलिस तंत्र और आपराधिक न्याय व्यवस्था का सिस्टम औपनिवेशिक राज में बनाया गया था। तब पुलिस का प्रमुख उद्देश्य न तो अपराध रोकना था और न ही कानून व्यवस्था पर बहुत ध्यान देना था। पुलिस का प्रथम उद्देश्य था ब्रिटिश राज यानि अंग्रेजों के शासन की जड़ को जमाये रखना तथा राजस्व जो अधिकतर भू-राजस्व से आता था, प्राप्त होता रहे। इसलिए पुलिस को कलेक्टर के अधीन रखा गया था। बाद में जब जन जागरूकता बढ़ी और अंग्रेजी राज के खिलाफ लोग मुखर होने लगे तब जाकर आंदोलनों को दबाना और सरकार का इकबाल बनाये रखना प्रमुख कार्य हो गया। तब से लेकर आज तक पुलिस उसी अंग्रेजों पर ढर्रे पर कार्य कर रही है।

आगे क्या है योजना ?

भारत की वर्तमान सरकार ने देशी भारतीय पुलिस व्यवस्था के विषय में सोचना शुरू किया है। नोएडा में एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए भारत सरकार के गृह सचिव (Home Secretary Government of India) अजय कुमार भल्ला ने चेतना मंच को बताया कि कागजों में और सरकारी फाइलों में समय-समय पर पुलिस सुधार की बात हुई। 2014 के बाद यह उम्मीद बनी कि नरेंद्र मोदी की सरकार पुलिस सुधारों को लागू करने की दिशा में कुछ ठोस कार्य करेगी। यह सोच आगे बढ़ी है।

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 26,275 करोड़ रुपये के खर्च से साल 2021-22 से 2025-26 के लिए ‘पुलिस बलों के आधुनिकीकरण’ की व्यापक योजना को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की ‘अम्ब्रेला योजना’ (umbrella scheme) को जारी रखने की मंजूरी दी। यह मंजूरी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों को आधुनिक बनाने एवं उनके कामकाज में सुधार लाने की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पहल को आगे ले जाएगी।

उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की योजना में 4,846 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता का प्रावधान है। इस योजना के पुलिस के तहत केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर, उग्रवाद प्रभावित उत्तर पूर्वी राज्यों और वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित क्षेत्रों के लिए सुरक्षा संबंधी व्यय के लिए 18,839 करोड़ रुपये के केंद्रीय बजट का प्रावधान भी शामिल है।

भारतीय रिजर्व बटालियनों/विशेष भारतीय रिजर्व बटालियनों की स्थापना के लिए 350 करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय को मंजूरी दी गई है। 50 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ नारकोटिक्स नियंत्रण के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता हेतु केंद्रीय क्षेत्र की योजना को जारी रखा गया है।

उन्होंने बताया कि हम पुलिस सुधार के लिए जब उत्तर प्रदेश की ओर देखते हैं, तो पता चलता है कि वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में 37 सौ करोड़ से अधिक की धनराशि पुलिस सुदृढीकरण, इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और पुलिस सुधारों के लिए दी गई है। बजट में विशेष सुरक्षा बल, पुलिस इमरजेंसी प्रबंध प्रणाली के सुदृढीकरण और सिटी योजना के तहत महिलाओं की सुरक्षा पर फोकस किया है। श्री भल्ला के अनुसार पिछले पांच साल में पुलिस के बजट में करीब दुगुने और पुलिस के आवासीय, गैर- आवासीय भवनों के बजट में चार गुना वृद्धि हुई है। सरकार ने पुलिस महकमे में सबसे ज्यादा किन धनराशि आवासीय भवनों के लिए 800 करोड़ और गैर-आवासीय भवनों के लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। नवसृजित जिलों में पुलिस के आवासीय और अनावासीय भवनों के लिए 300 करोड़ और पुलिस लाइन निर्माण के लिए भूमि खरीद को 65 करोड़ 70 लाख की धनराशि प्रस्तावित की गई है।

टेक्नोलॉजी के साथ जोडऩा है पूरे पुलिस तंत्र को

केंद्रीय गृह सचिव (Home Secretary Government of India) अजय भल्ला बताते हैं कि काम अच्छा हो तो सबको दिखता है। कई बार काम अच्छा होता है और आम लोगों तक उसकी सूचना नहीं होती है। ऐसे में आधुनिक संचार माध्यम का सहारा लेकर अच्छे कामों की प्रशंसा करनी चाहिए। नए अनुसंधान और तकनीक को लेकर जनता के बीच जाना चाहिए। पुलिस बलों को भी इसी सोच के साथ काम करना चाहिए। जब आपको शाबाशी मिलेगी और प्रोत्साहित किया जाएगा तो काम में गुणात्मक असर दिखता है। ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस सोच को देश के पुलिस बलों ने अपनी कार्यशैली में उतारना शुरू कर दिया है। लखनऊ में नवंबर 2021 को आयोजित पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों के 56वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भारतीय पुलिस की खुल कर प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था कि आम जनता को 90 फीसदी से अधिक मामलों के बारे में पता नहीं होता। कारण पुलिस और अन्य सुरक्षा बल आपराधिक मामलों के निपटारे की कार्रवाई को जनता के सामने प्रस्तुत ही नहीं कर पाते। साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा था कि ऐसी 25 घटनाओं की पहचान करके उन्हें विभिन्न स्तर के अधिकारियों को सौंप कर यह पता लगाना चाहिए कि लोगों तक इसकी जानकारी क्यों नहीं पहुंच पायी। दरअसल ऐसा करने का मक़सद पुलिस की आंतरिक क्षमता के निर्माण और भविष्य में समस्याओं का निपटारा करने की क्षमता विकसित करना है।

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सम्मेलन से पूर्व कारागार सुधार, आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, साइबर अपराध, नारकोटिक्स ट्रैफि़किंग, एनजीओ (NGO) की विदेशी फंडिंग, ड्रोन संबंधी मुद्दे, सीमावर्ती गांवों का विकास इत्यादि जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों के मुख्य पहलुओं पर चर्चा के लिए पुलिस के महानिदेशकों के अनेक कोर ग्रुप गठित किए गए थे। प्रधानमंत्री ने इन सभी चर्चाओं में हिस्सा लिया और अपने सुझाव दिये।

सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने अपने समापन संबोधन में सभी पुलिस संबंधित घटनाओं के विश्लेषण तथा सीखने की इस प्रक्रिया को संस्थागत करने पर बल दिया। सम्मेलन को हाइब्रिड प्रारूप में करवाने की भरपूर प्रशंसा की और कहा कि इससे विभिन्न स्तर के अधिकारियों के बीच सूचनाओं का प्रवाह सुगम हुआ है। प्रधानमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री के नेतृत्व में एक हाई पावर पुलिस टेक्नोलॉजी मिशन गठित करने के लिए कहा, ताकि भविष्य की तकनीकों को जमीनी स्तर की पुलिस आवश्यकताओं के अनुरूप ढाला जा सके।

कोविड महामारी के बाद पुलिस के व्यवहार में जनता के प्रति आए सकारात्मक बदलाव की प्रधानमंत्री ने प्रशंसा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में लागू किए गए स्मार्ट पुलिसिंग की नियमित समीक्षा के लिए कहा और उसमें लगातार बदलाव लाने और उसे संस्थागत करने पर बल दिया। साथ ही पुलिस की रोजमर्रा की समस्या के समाधान के लिए तकनीकी शिक्षा प्राप्त युवाओं को जोडऩे के लिए कहा, ताकि हैकथॉन के माध्यम से तकनीकी समाधान तलाशे जा सके। केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्यों की पुलिस को वर्तमान की चुनौतियों का सामना करने के लिए आधुनिकीकरण और टेक्नोलॉजी को आत्मसात करने पर जोर देना होगा।

Noida News- आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए ट्रेनिंग

अप्रैल, 2022 में भोपाल में सीएपीटी में अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कॉफ्रेंस में केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री ने देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए आधुनिकीकरण के साथ ट्रेनिंग को आवश्यक बताया। उन्होंने सीसीटीएनएस के माध्यम से पुलिस को लगातार अध्ययन करने की जरूरत भी बताई। प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद पुलिस टेक्नोलॉजी मिशन का गठन कर दिया गया है। इसमें एक्सचेंज ऑफ इनफॉर्मेशन जैसे मुद्दों को शामिल किया गया है। देशभर की राज्य पुलिस को एक जैसे सीसीटीवी कैमरे उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे न केवल खर्च कम होगा, बल्कि उसके परिणाम भी एक जैसे भी आएंगे। पुलिस टेक्नालॉजी मिशन से देश को फायदा होगा। Noida News

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