Sunday, 24 November 2024

Jammu and Kashmir : कश्मीर के आतंरिक इलाकों से अभी सेना की वापसी का समय नहीं : औजला

श्रीनगर। कश्मीर की स्थिति में पिछले कुछ वर्षों में काफी सुधार हुआ है, लेकिन घाटी के आतंरिक इलाकों से सेना…

Jammu and Kashmir : कश्मीर के आतंरिक इलाकों से अभी सेना की वापसी का समय नहीं : औजला

श्रीनगर। कश्मीर की स्थिति में पिछले कुछ वर्षों में काफी सुधार हुआ है, लेकिन घाटी के आतंरिक इलाकों से सेना की वापसी का समय अभी नहीं आया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां यह जानकारी दी।

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34 वर्षों में सबसे कम है आतंकियों की सक्रियता

चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला ने विशेष साक्षात्कार में बताया कि घाटी में सक्रिय आतंकियों की संख्या पिछले 34 वर्षों में सबसे कम है। औजला ने कहा कि इंशाअल्लाह, लेकिन मुझे लगता है कि वह समय अभी नहीं आया है। इससे पहले कि हम कोई फैसला लें, हमें अभी भी बहुत सारी अच्छी चीजें होती हुई देखनी हैं। मैं खुद किसी समय सीमा पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा और न ही मैं यह कहूंगा कि यह गलत समय है या सही समय है।

जीओसी ने कहा कि कश्मीर की समृद्धि और तरक्की सुनिश्चित करने के लिए सरकार की योजनाओं में सेना सिर्फ एक उपकरण है। उन्होंने कहा कि हम राज्य प्रशासन और अन्य एजेंसियों के साथ सामूहिक रूप से काम करेंगे, ताकि हम निर्णय लेने से पहले कश्मीर को बेहतर स्थिति में देख सकें। यह एक राष्ट्रीय आह्वान है और इस बारे में फैसला सही समय पर उचित तरीके से लिया जायेगा।

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तीन दशक में बहुत सी चीजें सही हुईं हैं

उस समय जब वह एक युवा अधिकारी के रूप में करीब 30 साल पहले घाटी आए थे, तब से अब की स्थिति की तुलना के सवाल पर जीओसी ने कहा कि अब चीजें सही हुई हैं। हम जब पीछे मुड़कर तब की स्थिति पर गौर करते हैं, जब मैं पहली बार यहां आया था, तो चीजें सही नहीं थी और उन्हें नियंत्रित करना था। आज, मैं पूरी ईमानदारी के साथ कह सकता हूं कि पिछले 30 वर्षों में, और विशेष रूप से अगस्त 2019 से पिछले तीन, साढ़े तीन वर्षों में, चीजें सही हुई हैं।

अधिकारी ने कहा कि कश्मीर में अनेक बलिदान और कड़ी मेहनत के बाद सामान्य स्थिति और शांति हासिल हुई है। खुद एक सैनिक होने के नाते, मुझे लगता है कि यह वह जगह है जहां सैनिकों के बलिदान, इतनी सारी एजेंसियों के बलिदान, प्रशासन और लोगों के प्रयासों से स्थिति में बदलाव आया है।

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अब बहुत प्रयास की जरूरत

उन्होंने कहा कि यह एक क्रमिक प्रक्रिया है, जो पिछले कई वर्षों से चली आ रही है और अभी भी बहुत प्रयास किये जाने की जरूरत है। यह पूछे जाने पर कि क्या दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों की मौजूदगी चिंता का कारण है, उन्होंने कहा कि आतंकवादियों की कुछ मौजूदगी थी लेकिन चुनौती उन्हें बाहर खदेड़ने की है। बड़ी घटनाओं के दौरान आतंकवादियों की हमला करने की क्षमता पर एक सवाल के जवाब में, लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने कहा कि सुरक्षा बल किसी भी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बहुत अच्छी स्थिति में हैं।

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