Saturday, 3 May 2025

इस गांव में जूते-चप्पल पहनने की नहीं है अनुमति, ऐसा करने पर मिलती है सजा

आज कल के दौर में हमारा बिना जूते चप्पल के चलना मुमकिन नहीं है। हम तो कल्पना भी नहीं कर…

इस गांव में जूते-चप्पल पहनने की नहीं है अनुमति, ऐसा करने पर मिलती है सजा

आज कल के दौर में हमारा बिना जूते चप्पल के चलना मुमकिन नहीं है। हम तो कल्पना भी नहीं कर सकते कि कोई भी व्यक्ति बिना जूते चप्पल के जीवन बिता सकता है। आपको यकीन नहीं होगा लेकिन भारत में एक ऐसा गांव मौजूद हैं जहां जूते-चप्पल पहनना पूरी तरह प्रतिबंधित (BANNED) कर दिया गया है। यह जानकर आपआश्चर्यकित हुए होंगे लेकिन यहीं सच है।

यह गांव दक्षिण भारतीय राज्य के तामिलनाडु (TAMILNADU) में मौजूद है जो तामिलनाडु के मदुराई से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसका नाम कलिमायन गांव है। इस गांव के लोग अपने बच्चों को भी चप्पल-जूते बिल्कुल भी नहीं पहनने देते हैं। अगर इस गांव (VILLAGE) में कोई गलती से जूते या चप्पल पहने लेता है तो उसको काफी सख्त सजा दी जाती है।

जूते-चप्पल ना पहनने का क्या है कारण

जानकारी के अनुसार इस गांव के लोग अपाच्छी नामक देवता की सदियों से पूजा करते आ रहे हैं जिनके लिए उनका हदृय में बेहद सम्मान है। वह मानते हैं कि अपाच्छी देवता (GOD) ही उनकी हमेशा रक्षा करते रहते हैं। अपने देवता के प्रति आस्था के कारण गांव की सीमा के अंदर जूते-चप्पल पहनना प्रतिबंधित है।

इस परंपरा को सदियों से निभा रहे लोग

आपको जानकर थोड़ा हैरान हो रहे होंगे, लेकिन ये सच है कि गांव वाले सदियों से इस अजीबो गरीब परंपरा को पूर्ण श्रद्धा के साथ निभाते आ रहे हैं। अगर किसी को बाहर भी जाना होता है तो वह हाथ में जूते चप्पल लेकर ही जा सकते हैं और गांव की सीमा समाप्त होने के बाद उसे पहन लेते हैं। इसके बाद जब वे लौटकर वापस आते हैं, तो गांव (VILLAGE) की सीमा से पहले ही जूता चप्पल उतार कर रख देते हैं।

यह परंपरा (TRADITION) कितने समय से चलती आ रही है इसके बारे में किसी को कोई जानाकारी नहीं है। लेकिन यहां के लोग मानते हैं कि कई पीढ़ियों से गांव के लोग परंपरा को निभा रहे हैं। यहां रहने वाले बच्चे स्कूल भी नंगे पांव जाते हैं। यहां के सभी लोग जूता चप्पल के नाम से क्रोधित हो जाते हैं। भारत (INDIA) में ऐसी कई अद्भुत परंपरा को लोग आज के दौरे में पालन कर रहे हैं।

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