Gopashtami 2022: गोपाष्टमी आज, अभिजीत मुहूर्त में पूजा से मिलेगा पुण्यलाभ

Gopashtami 2022: हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक माह में कुछ खास पर्व आते हैं, जिन पर पूजा अर्चना करने से विशेष पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है। आज गोपाष्टमी पर्व है। शास्त्रों में गोपाष्टमी पर्व का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन गाय माता की पूजा- अर्चना की जाती है। गाय माता में सभी देवताओं का वास माना गया है। आज अभिजीत मुहूर्त भी बन रहा है। जिससे इस दिन महत्व और भी बढ़ गया है।
Gopashtami 2022
पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि 31 अक्टूबर को रात 01:12 से आरंभ हो चुकी है और आज रात 11:03 तक रहेगी। इसलिए उदयातिथि के अनुसार गोपाष्टमी का पर्व 1 नवंबर को ही मनाया जाएगा। आज अभिजीत मुहूर्त भी बन रहा है, जो सुबह 11 बजकर 47 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 12 बजतक 31 पर समाप्त हो जाएगा। आप अभिजीत मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं। इस मुहूर्त में पूजा का दोगुना फल प्राप्त होता है।
इस तरह करें गाय माता की पूजा
गोपाष्टमी के दिन सुबह जल्दी स्नान कर लें। इसके बाद साफ- सुथरे कपड़े पहल लें। बाद दूध देने वाली गाय और उसके बछडे़ को माला पहनाकर तिलक लगाएं। गाय और बछड़े को नया कोई वस्त्र पहनाएं। इसके बाद गाय का गन्ध पुष्पादि आदि से पूजन करें। गायों को भोजन कराएं और तिलक लगाएं। साथ ही उनके पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें। अंत में आरती करें। इस दिन गाय को गुड़ खिलाने का भी विशेष महत्व है। गुड़ खिलाने से सूर्य दोष से मुक्ति मिल सकती है। इस दिन आप चाहें तो गौशाला में दान- दक्षिणा भी भेज सकते हैं।
इसके बाद गाय को रोटी आदि खिलाएं और ये मंत्र बोलें- सुरभि त्वं जगन्मातर्देवी विष्णुपदे स्थिता। सर्वदेवमये ग्रासं मया दत्तमिमं ग्रस॥ तत: सर्वमये देवि सर्वदेवैरलड्कृते। मातर्ममाभिलाषितं सफलं कुरु नन्दिनी॥
इसके बाद गाय माता की आरती उतारें और अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
Gopashtami 2022: हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक माह में कुछ खास पर्व आते हैं, जिन पर पूजा अर्चना करने से विशेष पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है। आज गोपाष्टमी पर्व है। शास्त्रों में गोपाष्टमी पर्व का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन गाय माता की पूजा- अर्चना की जाती है। गाय माता में सभी देवताओं का वास माना गया है। आज अभिजीत मुहूर्त भी बन रहा है। जिससे इस दिन महत्व और भी बढ़ गया है।
Gopashtami 2022
पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि 31 अक्टूबर को रात 01:12 से आरंभ हो चुकी है और आज रात 11:03 तक रहेगी। इसलिए उदयातिथि के अनुसार गोपाष्टमी का पर्व 1 नवंबर को ही मनाया जाएगा। आज अभिजीत मुहूर्त भी बन रहा है, जो सुबह 11 बजकर 47 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 12 बजतक 31 पर समाप्त हो जाएगा। आप अभिजीत मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं। इस मुहूर्त में पूजा का दोगुना फल प्राप्त होता है।
इस तरह करें गाय माता की पूजा
गोपाष्टमी के दिन सुबह जल्दी स्नान कर लें। इसके बाद साफ- सुथरे कपड़े पहल लें। बाद दूध देने वाली गाय और उसके बछडे़ को माला पहनाकर तिलक लगाएं। गाय और बछड़े को नया कोई वस्त्र पहनाएं। इसके बाद गाय का गन्ध पुष्पादि आदि से पूजन करें। गायों को भोजन कराएं और तिलक लगाएं। साथ ही उनके पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें। अंत में आरती करें। इस दिन गाय को गुड़ खिलाने का भी विशेष महत्व है। गुड़ खिलाने से सूर्य दोष से मुक्ति मिल सकती है। इस दिन आप चाहें तो गौशाला में दान- दक्षिणा भी भेज सकते हैं।
इसके बाद गाय को रोटी आदि खिलाएं और ये मंत्र बोलें- सुरभि त्वं जगन्मातर्देवी विष्णुपदे स्थिता। सर्वदेवमये ग्रासं मया दत्तमिमं ग्रस॥ तत: सर्वमये देवि सर्वदेवैरलड्कृते। मातर्ममाभिलाषितं सफलं कुरु नन्दिनी॥
इसके बाद गाय माता की आरती उतारें और अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।





