भारत में ऑप्शन ट्रेडिंग से अमेरिकी ट्रेडिंग कंपनी ने कमा लिए एक अरब डॉलर

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Jane Street Options Trading
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 12:06 PM
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Jane Street Options Trading : यूं तो ऑप्शन ट्रेडिंग को लेकर लोगों के मन में हमेशा ही एक डर सा बना रहता है । लोग इसे काफी रिस्की भी मानते हैं।  लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक अमेरिकी ट्रेडिग कंपनी Jane Street Group  ने  भारत में ऑप्शन ट्रेडिंग करके भारत समेत पूरी दुनिया के मार्केट एक्सपर्ट्स को चौंका दिया है। Jane Street Group ने इंडियन ऑप्शन पर सफल ट्रेडिंग करके एक अरब डॉलर से भी ज्यादा कमा लिए हैं । खास बात यह है कि स्ट्रीट ने कोई आम रणनीति इस्तेमाल नहीं की बल्कि एक ऐसा तरीका अपनाया जिसने भारतीय बाजार के जानकारों को भी चौंका दिया है।  चलिए आपको बताते हैं पूरा मामला।

भारतीय शेयर बाज़ार में ऑप्शन पर सफल ट्रेडिंग करके कमाए अरब डॉलर से भी ज्यादा

ग्लोबल इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट फॉर्म Jane Street Group और मिलेनियम मैनेजमेंट ग्लोबल इन्वेस्टमेंट( Millennium Management Global Investment) के बीच कोर्ट में एक बहस चल रही है जिसके कारण दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ रहे भारत के डेरिवेटिव मार्केट पर अब सब की निगाहें टिक गई है । भले ही Jane Street Group की खास ट्रेडिंग रणनीति के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं मिली है लेकिन कंपनी का दावा है कि इस रणनीति से पिछले 1 साल में उसने करीब एक बिलियन डॉलर कमा लिए हैं । ब्लूमबर्ग की 1 जनवरी की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने पिछले साल शुद्ध कारोबार राजस्व में 10 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा की कमाई की थी।  यह मामला बताता है कि हाई स्पीड ट्रेंडिग फर्म भारत के बाजार से किस तरह मुनाफा कमा रही है।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा ऑप्शन ट्रेडिंग का मार्केट 

पिछले दशक में भारत दुनिया का सबसे बड़ा ऑप्शन ट्रेडिंग का मार्केट बन चुका है।  इसी वजह से Jane Street Group की प्रतिस्पर्धी कंपनी जैसे Optive, सीटाडेल सिक्योरिटीज , आईएमसी ट्रेडिग और जम ट्रेडिंग भी तेजी से भारतीय बाजार में पैर पसारना चाहती हैं।  मुंबई के बाजार जानकार भी Jane Street Group की ट्रेडिंग रणनीति को लेकर अभी अंदाजा ही लग रहे हैं । इस बीच कई लोगों को चिंता है कि कंपनी का इतना मुनाफा छोटे निवेशको की जेब से कटकर तो नहीं आ रहा।  गौरतलब है कि भारत में करीब 35 फ़ीसदी ऑप्शन ट्रेडिंग रिटेल इन्वेस्टर ही करते हैं।  भारत में Jane Street Group को JSI  के नाम से जाना जाता है । इसकी इंडिया यूनिट ने मार्च 2020 के बाद भारत में काम काज शुरू किया है।  2023 मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष में कंपनी का ऑपरेटिंग रिवेन्यू 1 से 100 करोड रुपए तक था और इस दौरान कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट साल दर साल 649 फीसदी चढ़ा है।  माना जा रहा है कि अगर कंपनी का पूरा रिवेन्यू इंडिया से आया है तो JSI इन्वेस्टमेंट इंडिया से ऑपरेट करने वाली सबसे ज्यादा प्रॉफिटेबल एल्गो ट्रेडिंग फॉर्म बन जाएगी।  भारत में डेरिवेटिव वॉल्यूम अंडरलाइन कैश मार्केट का करीब 400 गुना हो गया है।  ज्यादातर दूसरे मार्केट में यह 5 से 15 गुना के बीच है लेकिन JSI के इस मामले में एक पेंच है। ट्रेडिंग फर्म ने अपने दो पूर्व कर्मचारी और दूसरी कंपनी बिलोरियम मैनेजमेंट पर मुकदमा दायर किया है।  उन पर आरोप है कि उन्होंने Jane Street की खास ट्रेडिंग रणनीति चुरा ली है जो भारत के ऑप्शन पर फोकस करती है। Jane Street का कहना है कि यह रणनीति बेहद गोपनीय है ।  इस मामले ने वॉल स्ट्रीट पर हलचल मचा दी है। क्योंकि इससे पता चलता है की ट्रेडिंग फर्म किस तरह की गोपनीय जानकारी का इस्तेमाल करती है।

Jane Street Options Trading

ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए भारत बना आकर्षक बाजार

हालांकि ऑप्शन ट्रेडिंग में भले ही जोखिम मौजूद है लेकिन भारत घरेलू और विदेशी दोनों तरह के बाजार निर्माताओं के लिए अभी भी एक आकर्षक बाजार बना हुआ है। इसकी कई वजह है। पहली वजह है 2024 में स्थापित हुई हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग करने वाली भारतीय कंपनी ग्रेविटोंन रिसर्च कैपिटल (Graviton Research Capital) की सफलता। दूसरी वजह है दुबई और सिंगापुर को टक्कर देने के लिए भारत का गिफ्ट सिटी नाम का एक वित्तीय केंद्र बनाने का प्रयास। जानकारों के मुताबिक भारतीय बाजार में मौजूद लिक्विडिटी ही असल में बाजार निर्माता को खींचने वाली ताकत है। सेबी के मुताबिक 90% एक्टिव रिटेल ट्रेडर्स डेरिवेटिव्स के में पैसा गवा देते हैं।

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तो...इस वजह से ओला कैब से गायब हुआ Google Maps

Ola
Ola Cabs Update
locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 Apr 2024 11:21 PM
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Ola Cabs Update:  अगर कही जानें के लिए आप ओला कैब का इस्तेमाल करते हो तो ये खबर आपके काम आ सकती है। क्योंकि ओला कैब में कुछ अपडेट हुआ है, जिसकी वजह से ओला ऐप से गूगल मैप्स (Google Maps) के  फीचर को हटा दिया गया है।

क्या है पूरा मामला?

दऱअसल ओला कैब ने अपने यूजर्स के को सफर को आसान बनाने के लिए गूगल मैप्स को हटाकर ओला ऐप में ओला मैप्स नेविगेशन सिस्टम को अपडेट कर दिया है। अब ओला में ओला मैप्स (Ola Maps) का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके साथ ही एप में Krurtim चैटबोट को भी जोड़ा गया है। इस बात की जानकारी खुद ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल ने एक पोस्ट के जरिए शेयर की है।

Ola Cabs Update

https://twitter.com/bhash/status/1782690655787241731

Google Maps की जगह आया Ola Maps

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ओला मैप्स में पहले रास्ते की जानकारी के लिए गूगल मैप्स का इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन अब गूगल मैप्स की जगह ओला मैप्स को दे दी गई। ओला मैप्स को ज्यादा फास्ट और सटीक जानकारी के साथ पेश किया गया है, जिससे ओला राइड में और सुधार किया जा सकेगा। इस एप का मकसद लोकेशन की जानकारी को और भी सटीक बनना है, जिससे कैब बुकिंग को और भी आसान बनाया जा सके। बता दें कि अब कंपनी अपने यूजर से फीडबैक भी लेगी, जिससे नेविगेशन सिस्टम में लगातार सुधार किया जा सके। साथ ही इस अपडेट से कंपनी ओला एप पर लोगों के भरोसे को भी बढ़ाना चाहती है।

नेविगेशन बार हुआ री-डिजाइन

ओला कैब एप के नेविगेशन बार (Navigation Bar) को भी री-डिजाइन किया गया है। इसके होम पेज पर कंपनी की ओर से AI चैटबोट Krutrim को से कनेक्ट किया गया है, जिसके जरिए वर्कआउट प्लान, भारत में बेस्ट बजट स्मार्टफोन जैसे सवालों के जवाब भी मिल सकेंगे। इसके होम परKrutrim के साथ ही कैब बुकिंग, फूड ऑडरिंग समेत ईवी ऑडरिंग का ऑप्शन भी शामिल है। Ola Cabs Update

आखिर क्यों हॉर्लिक्स अब नहीं रही ‘हेल्दी ड्रिंक’, जानें वजह?

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आखिर क्यों हॉर्लिक्स अब नहीं रही 'हेल्दी ड्रिंक', जानें वजह?

Horlicks new
Horlicks Health Label
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 08:05 PM
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Horlicks Health Label:  भारत में हॉर्लिक्स को 'हेल्दी ड्रिंक' में गिना जाता था। बच्चों को इसका स्वाद पीने में बड़ा पंसद आता है, लेकिन अब हॉर्लिक्स पीने वालों के सामने एक बूरी खबर सामने आई है। दरअसल हॉर्लिक्स अब 'हेल्दी ड्रिंक' नहीं रहा है। इंडियान गवर्नमेंट के आदेश के बाद इसकी पैरेंट कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (Hindustan Unilever) ने हॉर्लिक्स की कैटेगरी को बदल दिया है। साथ ही कपंनी ने हॉर्लिक्स का लेबल भी हटा दिया है। Horlicks Health Label

नाम में हुआ ये बदलाव

आपको बता दें कि कंपनी ने इसका नाम बदलकर 'फंक्शनल न्यूट्रिशनल ड्रिंक्स' (FND) कर दिया हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कई पेय पदार्थों की कंपनियों को अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से 'हेल्थ ड्रिंक' कैटेगरी को हटाने का निर्देश दिया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हॉर्लिक्स और बूस्ट जैसी ड्रिंक्स हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) की कंपनी के प्रोडक्ट हैं।

Horlicks Health Label

इससे पहले वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कंपनियों को अपने प्रोडक्ट्स से हेल्दी ड्रिंक कैटेगरी का नाम हटाने का निर्देश जारी किया था, जिसके बाद ही इस कदम को उठाया गया। वहीं 24 अप्रैल को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान HUL के मुख्य वित्तीय अधिकारी रितेश तिवारी ने घोषणा करते हुए कहा कि यह बदलाव हमारे प्रोडक्ट की कैटेगरी को ज्यादा सटीक और पारदर्शिता प्रदान करेगा। क्यों बदली गई कैटेगरी अब आपको जानकर यह हैरानी जरूर हुई होगी की आखिर कंपनी को हॉर्लिक्स से 'हेल्दी ड्रिंक' का लेबल क्यों हटाना पड़ गया। दरअसल, फूड फार्मर नामक एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर ने लोगों का बॉर्नविटा में हाई शुगर होने के बारें में जानकारी दी थी। इसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) को जांच का आदेश दिया गया था, इसकी के बाद कंपनियों को अपने प्रोडक्ट की कैटेगरी बदलनी पड़ गई। एचयूएल की मानें तो, 'फंक्शनल न्यूट्रिशनल ड्रिंक्स' श्रेणी का मतलब प्रोटीन और कई पोषक तत्वों की कमी की जरूरतों को पूरा करना होता है। एफएनडी को किसी भी नॉन-अल्कोहॉलिक ड्रिंक के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। Horlicks Health Label

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