Holi Special : अब सब्जियों से भी बन रहा हर्बल ग़ुलाल।

Holi Special
लोग अक्सर समझते हैं कि हर्बल ग़ुलाल सिर्फ प्राकृतिक फूलों की पंखुड़ियों से ही तैयार किये जाते हैं। किन्तु आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि आलोर गाँव के माँ शीतला स्व सहायता समूह की आदिवासी महिलाएं पिछले तीन साल से सब्जियों से ग़ुलाल बना कर तैयार कर रहीं हैं। कोंडागांव के कृषि विज्ञान केंद्र से सीखी गयी तकनीक के अनुसार ये महिलाओं का समूह कृषि आदि कार्यों से मुक्त होने के बाद ग़ुलाल बनाने का काम करता है और अतिरिक्त धन भी अर्जित करता है।कैसे तैयार होता है सब्जियों से रंग?
होली ( Holi Special) पर सब्जियों और फूलों से हर्बल ग़ुलाल तैयार करने के लिए अलोरा गाँव की महिलाएं सबसे पहले गाजर, पलास, पालक, गेंदा और अन्य फूलों को पानी में उबालती हैं और इसके रंगीन पानी को आरारोट में मिलाती हैं। सुखाने के पश्चात इसे छन्नी से छाना जाता है। सुगंध के लिए इसमें इत्र और चंदन पाउडर भी मिलाया जाता है। समूह की महिलाओं का कहना है कि ये हर्बल ग़ुलाल त्वचा के लिए बिल्कुल सुरक्षित हैं।हजारों रुपये के बिक जाते हैं हर्बल ग़ुलाल
कलेक्टोरेट परिसर में लगे स्टॉल में जब महिलाओं से होली (Holi Special) पर बिकने वाले इन हर्बल ग़ुलाल की बिक्री के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि पिछले साल उन्होंने 38 हजार रूपये का ग़ुलाल बेचा था तो वहीं 2020 में 40 हजार का ग़ुलाल बेचा गया। वे 100 रुपये में आधा किलो रंग और 50 रूपये में एक पाव रंग के पैक को बेचती हैं।Astro Tips : चमत्कारी पौधे जो नकरात्मकता करेंगे दूर और बनायेंगे बिगड़े काम
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लोग अक्सर समझते हैं कि हर्बल ग़ुलाल सिर्फ प्राकृतिक फूलों की पंखुड़ियों से ही तैयार किये जाते हैं। किन्तु आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि आलोर गाँव के माँ शीतला स्व सहायता समूह की आदिवासी महिलाएं पिछले तीन साल से सब्जियों से ग़ुलाल बना कर तैयार कर रहीं हैं। कोंडागांव के कृषि विज्ञान केंद्र से सीखी गयी तकनीक के अनुसार ये महिलाओं का समूह कृषि आदि कार्यों से मुक्त होने के बाद ग़ुलाल बनाने का काम करता है और अतिरिक्त धन भी अर्जित करता है।कैसे तैयार होता है सब्जियों से रंग?
होली ( Holi Special) पर सब्जियों और फूलों से हर्बल ग़ुलाल तैयार करने के लिए अलोरा गाँव की महिलाएं सबसे पहले गाजर, पलास, पालक, गेंदा और अन्य फूलों को पानी में उबालती हैं और इसके रंगीन पानी को आरारोट में मिलाती हैं। सुखाने के पश्चात इसे छन्नी से छाना जाता है। सुगंध के लिए इसमें इत्र और चंदन पाउडर भी मिलाया जाता है। समूह की महिलाओं का कहना है कि ये हर्बल ग़ुलाल त्वचा के लिए बिल्कुल सुरक्षित हैं।हजारों रुपये के बिक जाते हैं हर्बल ग़ुलाल
कलेक्टोरेट परिसर में लगे स्टॉल में जब महिलाओं से होली (Holi Special) पर बिकने वाले इन हर्बल ग़ुलाल की बिक्री के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि पिछले साल उन्होंने 38 हजार रूपये का ग़ुलाल बेचा था तो वहीं 2020 में 40 हजार का ग़ुलाल बेचा गया। वे 100 रुपये में आधा किलो रंग और 50 रूपये में एक पाव रंग के पैक को बेचती हैं।Astro Tips : चमत्कारी पौधे जो नकरात्मकता करेंगे दूर और बनायेंगे बिगड़े काम
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