उपराष्ट्रपति की रेस में विपक्ष का बड़ा दांव, पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी उम्मीदवार घोषित

उपराष्ट्रपति की रेस में विपक्ष का बड़ा दांव, पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी उम्मीदवार घोषित
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calendar29 Nov 2025 12:32 PM
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उपराष्ट्रपति चुनाव की जंग दिलचस्प मोड़ पर पहुँच गई है। विपक्षी दलों के गठजोड़ इंडिया अलायंस ने सोमवार को अपने प्रत्याशी का नाम औपचारिक तौर पर घोषित कर दिया। गठबंधन ने आंध्र प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है।    Vice Presidential Election

सीपी राधाकृष्णन से होगा सीधा मुकाबला

रेड्डी का सीधा मुकाबला सत्ता पक्ष एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम की घोषणा करते हुए कहा कि विपक्ष एकजुट होकर इस चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहता है। बी. सुदर्शन रेड्डी का न्यायपालिका में लंबा अनुभव रहा है और वे अपने सख़्त एवं निष्पक्ष निर्णयों के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में उनके मैदान में उतरने से उपराष्ट्रपति चुनाव और दिलचस्प हो गया है।

Vice Presidential Election

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मोदी का तीसरा कार्यकाल: बीजेपी-संघ रिश्तों का 'स्वर्णकाल' या रणनीतिक समझौता?

मोदी का तीसरा कार्यकाल: बीजेपी-संघ रिश्तों का 'स्वर्णकाल' या रणनीतिक समझौता?
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 Nov 2025 02:10 AM
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साल 2024 का लोकसभा चुनाव भारतीय राजनीति के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ। नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने लेकिन इस बार उनकी पार्टी बीजेपी को बहुमत नहीं मिला। मजबूरी में सहयोगी दलों पर निर्भर नई सरकार बनी लेकिन इस चुनावी चुनौती के बाद एक और बड़ा घटनाक्रम हुआ बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के रिश्तों में एक अप्रत्याशित मिठास लौट आई। Hindi India News  इसी साल 30 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी का नागपुर दौरा, जहां उन्होंने संघ संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार को श्रद्धांजलि दी और RSS प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की, इन बदले समीकरणों का प्रतीक बना। इसके बाद लाल किले से 15 अगस्त के भाषण में संघ की अप्रत्यक्ष तारीफ और उपराष्ट्रपति पद पर संघ पृष्ठभूमि वाले सी.पी. राधाकृष्णन की नियुक्ति यह सब इस बात का संकेत था कि मोदी का तीसरा कार्यकाल बीजेपी-संघ रिश्तों का 'स्वर्णकाल' बनता जा रहा है।

संघ-बीजेपी: दो जिस्म एक जान?

भारतीय राजनीति में आम धारणा यही रही है कि बीजेपी और RSS एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। लेकिन यह रिश्ता जितना सहज दिखता है उतना है नहीं। संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने इसी साल मार्च में बेंगलुरु में आयोजित अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में जब पत्रकारों से बात की, तो उन्होंने कहा, "हम किसी भी सरकार के अभिभावक बनने को तैयार हैं, सिर्फ बीजेपी के नहीं। कोई भी पार्टी हमारे विचारों से मेल खाती है तो हम साथ आ सकते हैं।" इस बयान से स्पष्ट है कि संघ अपने आपको बीजेपी तक सीमित नहीं मानता। इतिहास गवाह है कि कांग्रेस नेता इंदिरा गांधी तक ने संघ से परोक्ष समर्थन लिया था। वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी की किताब के मुताबिक, 1980 में इंदिरा को सत्ता में लौटने में संघ की भूमिका रही थी। राजनीति में यह साफ संदेश है कि संघ अपने हितों के लिए किसी भी दल से समझौता कर सकता है।

संगठन से ऊपर सत्ता नहीं

पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने जहां संगठन को मजबूत किया वहीं संघ से दूरी भी कई बार नजर आई। 2024 के लोकसभा चुनावों में संघ की जमीनी सक्रियता कम रही, जिसे बीजेपी के कमजोर प्रदर्शन से जोड़ा गया। जेपी नड्डा के उस बयान ने आग में घी डालने का काम किया जिसमें उन्होंने कहा था, "शुरुआत में हम अक्षम थे, RSS की जरूरत पड़ती थी... अब हम सक्षम हैं, बीजेपी खुद को चला सकती है।" संघ के कई कार्यकर्ताओं और नेताओं ने इसे अपमानजनक माना। यही कारण था कि चुनाव के बाद जब बीजेपी को बहुमत नहीं मिला, तो पार्टी को संगठनात्मक रूप से संघ की ओर लौटना पड़ा। अब राज्यों में पार्टी नेतृत्व में संघ और ABVP पृष्ठभूमि वाले नेताओं को तरजीह दी जा रही है।

अतीत के झगड़े और वर्तमान की समझदारी

ये पहली बार नहीं है जब बीजेपी और संघ के बीच रिश्ते बिगड़े हों। वाजपेयी सरकार के दौरान भी गोधरा कांड, आर्थिक नीतियां और ब्रजेश मिश्रा जैसे सलाहकारों को लेकर संघ और बीजेपी में मतभेद गहरे हो गए थे। संघ प्रमुख के.एस. सुदर्शन ने तब खुलकर वाजपेयी की आलोचना की थी। इसी तरह, जनसंघ के जनता पार्टी में विलय के बाद 1977 में भी संघ और राजनीतिक शाखा के बीच टकराव हुआ था। 1980 में बीजेपी के गठन को इसी टकराव का परिणाम माना गया।

भागवत का बदला रुख

पिछले एक साल में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कई ऐसे बयान दिए जो बीजेपी नेतृत्व पर परोक्ष चोट की तरह थे। नवंबर 2024 में जब उन्होंने 75 साल की उम्र में रिटायरमेंट की बात की, तो इसे मोदी-शाह के खिलाफ नाराजगी माना गया। लेकिन 2025 में जैसे-जैसे सत्ता की मजबूरियां बढ़ीं बीजेपी और संघ फिर करीब आते गए।अब ऐसा प्रतीत होता है कि नरेंद्र मोदी ने संघ के साथ रिश्तों को उस स्तर तक पहुंचा दिया है जहां दोनों एक बार फिर 'मिशन 2029' की रणनीति में एकजुट नजर आ रहे हैं।

क्या यह 'स्वर्णकाल' स्थायी है?

आज भले ही बीजेपी और संघ का रिश्ता फिर से मजबूत होता नजर आ रहा हो, लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह संबंध पूरी तरह स्थायी हो गया है। दोनों संगठनों की मूल प्रवृत्तियां अलग हैं RSS सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर जोर देता है जबकि बीजेपी सत्ता और चुनावी राजनीति में व्यस्त रहती है। फिलहाल, दोनों ने एक बार फिर हाथ मिला लिया है बीजेपी को सत्ता चलाने के लिए संघ का नेटवर्क चाहिए और संघ को अपनी विचारधारा को आगे ले जाने के लिए एक राजनीतिक माध्यम लेकिन भारतीय राजनीति में समीकरण बदलते देर नहीं लगती।

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पीएम मोदी का तीसरा कार्यकाल सिर्फ सत्ता में बने रहने की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक रणनीतिक संतुलन की मिसाल बनता जा रहा है जहां राजनीति और विचारधारा ने एक बार फिर हाथ मिला लिया है। संघ और बीजेपी का यह नया मेल अगले कुछ वर्षों की भारतीय राजनीति की दिशा तय करेगा। Hindi India News 
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मुंबई में समंदर सड़कों पर उतर आया! भारी बारिश से लगातार बिगड़ रहे हालात

मुंबई में समंदर सड़कों पर उतर आया! भारी बारिश से लगातार बिगड़ रहे हालात
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userचेतना मंच
calendar19 Aug 2025 12:16 PM
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मायानगरी मुंबई में मूसलाधार बारिश ने एक बार फिर शहर की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। बीती रात से मुंबई में जारी मूसलाधार बारिश ने सड़कों को समंदर बना दिया है न सड़कें दिख रही हैं, न रेल ट्रैक और न ही हाईवे। शहर की कई डरावनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं जिसमें हालात लगातार बिगड़ते हुए नजर आ रहे हैं। Mumbai Rains 

आज सभी सरकारी और अर्ध-सरकारी दफ्तर बंद

मुंबई में हालात को देखते हुए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने बड़ा फैसला लेते हुए मंगलवार को सभी सरकारी और अर्ध-सरकारी दफ्तर बंद रखने का आदेश दिया है। साथ ही सभी निजी कंपनियों से Work From Home की अपील की गई है ताकि लोग अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित रहें।

कहां कितनी बारिश हुई?

द्वीपीय मुंबई 186.43 मिमी, पूर्वी उपनगर 208.78 मिमी, पश्चिमी उपनगर 238.19 मिमी। इन आंकड़ों से साफ है कि मुंबई के सभी हिस्से भीग चुके हैं और पानी निकासी की व्यवस्था फेल होती दिख रही है। रेलवे ट्रैकों पर पानी भरने की शिकायतें दादर, माटुंगा, परेल और सायन जैसे निचले इलाकों से आई हैं। हालांकि रेलवे का दावा है कि पानी ट्रैक के ऊपर नहीं आया लेकिन ट्रेनों की रफ्तार पर असर पड़ा है।

मुख्य लाइन पर लोकल ट्रेनें 10 मिनट लेट

हार्बर लाइन: 5 मिनट की देरी। पश्चिम रेलवे: खराब दृश्यता की वजह से सेवाएं धीमी।

हाई टाइड और जलभराव ने बिगाड़े हालात

सुबह 9:16 बजे समुद्र में 3.75 मीटर ऊंची हाई टाइड आई वहीं को रात 8:53 बजे फिर 3.14 मीटर की टाइड का अनुमान लगाया जा रहा है। हिंदमाता, अंधेरी सबवे, ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे, मुंबई-गुजरात हाईवे और ईस्टर्न फ्रीवे इन सभी जगहों से जलभराव की रिपोर्ट्स सामने आई हैं। ट्रैफिक पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है। मौसम विभाग (IMD) ने मुंबई के लिए 'रेड अलर्ट' जारी किया है। अनुमान है कि दिन भर बारिश बहुत भारी से अत्यंत भारी हो सकती है। साथ ही हवाएं 45–55 किमी/घंटा की रफ्तार से चल सकती हैं जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं।

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BMC की अपील

शहर के हालात को देखते हुए BMC और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि घरों से बाहर न निकलें जब तक कोई जरूरी काम न हो। आपात सेवाएं सक्रिय हैं लेकिन भारी बारिश की वजह से राहत कार्यों में बाधाएं आ रही हैं। Mumbai Rains