New Delhi News : ‘राजपथ’ नहीं, ‘कर्तव्य पथ’ कहिये जनाब!

WhatsApp Image 2022 09 06 at 3.01.58 PM
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 01:55 AM
bookmark
New Delhi : नई दिल्ली। ‘राजपथ’ नहीं, ‘कर्तव्य पथ’ कहिये जनाब! बस दो दिन इंतजार कीजिये और अपने मानस पटल पर दर्ज कर लीजिए ‘कर्तव्य पथ’। शहरों और सड़कों के नाम बदलने का बीजेपी का दस्तूर काफी पुराना हो गया है। लेकिन, अब देश की शान कहे जाने वाले ‘राजपथ’ का नाम बदलने की कवायद शुरू हो गई है। इस पर जमकर सियासत भी शुरू हो गई है। नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) ने सात सितंबर को एक विशेष बैठक बुलाई है। इसमें राजपथ का नाम बदलने के प्रस्ताव को परिषद के सामने रखा जाएगा। एनडीएमसी ने यह बैठक राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने के उद्देश्य से ही बुलाई है। राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ करने की खबरों के बाद विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा का एक ट्वीट सामने आया है। उन्होंने लिखा है, यह क्या हो रहा है? क्या भाजपा ने हमारी संस्कृति को बदलने का अपना एकमात्र कर्तव्य बना लिया है। क्या उनके महापाप और पागलपन में हमारी विरासत का इतिहास फिर से लिखा जाएगा? सरकार के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उसे राजपथ का नाम बदलकर ‘राजधर्म पथ’ करना चाहिए था, जिससे अटल बिहारी वाजपेयी जी की आत्मा को शांति मिलती। वहीं, दूसरी तरफ पार्टी के ही नेता मिलिंद देवड़ा ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कार्तव्य पथ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर की ओर जाने वाली सड़क का उपयुक्त नाम है। जानकारी के मुताबिक, नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) ने सात सितंबर को एक विशेष बैठक बुलाई है। इस दौरान नाम बदलने के प्रस्ताव को परिषद के सामने रखा जाएगा। एनडीएमसी ने यह बैठक राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर कार्तव्य पथ करने के उद्देश्य से ही बुलाई है। इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक की पूरी सड़क और क्षेत्र कार्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा। ब्रिटिश शासन के दौरान राजपथ को किंग्सवे के नाम से जाना जाता था। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी आठ सितंबर की शाम पूरे क्षेत्र का उद्धाटन करेंगे।
अगली खबर पढ़ें

Ganesh Visarjan 2022 कब होगा गणेश विसर्जन, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और विधि

Ganpatiji
Ganesh Visarjan 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 01:54 AM
bookmark

Ganesh Visarjan 2022 पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन मंदिरों, पंडालों और घरों में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करके 10 दिनों तक उनकी सेवा-पूजा की जाती है। इस साल 31 अगस्त 2022 को गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया गया और दस दिवसीय गणेशोत्सव के बाद अब अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाएगा।

Ganesh Visarjan 2022

यह तिथि हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को आती है। इस साल 9 सितंबर 2022 को अनंत चतुर्दशी पड़ रही है। इस दिन भगवान गणेश जी की प्रतिमा को पूजन के बाद जल में प्रवाहित या विसर्जित किया जाएगा। तो आइए जानते हैं अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त और विसर्जन विधि के बारे में...

गणेश विसर्जन 2022 मुहूर्त

पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ गुरुवार, 08 सितंबर 2022 को रात 0902 बजे होगा और इसकी समाप्ति शुक्रवार, 09 सितंबर 2022 को शाम 06:07 बजे होगी। वहीं गणेश विसर्जन के लिए 9 सितंबर 2022 को तीन शुभ मुहूर्त हैं-

गणेश विसर्जन के लिए सुबह का मुहूर्त- 06:03 बजे से 10:44 बजे तक गणेश विसर्जन के लिए दोपहर का मुहूर्त- 12:18 बजे से 01:52 बजे तक गणेश विसर्जन के लिए शाम का मुहूर्त- 5.00 बजे से 06:.31 बजे तक

गणेश विसर्जन विधि-

अनंत चतुर्दशी के दिन शुभ मुहूर्त में गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। परंतु विसर्जन से पहले बप्पा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इसके लिए सबसे पहले भगवान गणेश की रोली, चंदन, अक्षत, फूल, माला आदि अर्पित कर गणेश जी को मोदक समेत पसंदीदा चीजों का भोग लगाएं। साथ ही पूजन के बाद धूप-दीप जलाकर मंत्र जाप और आरती करें। फिर गणपति बप्पा से बीते 10 दिनों में पूजन के दौरान हुई भूल-चूक के लिए क्षमा मांगे।

इसके बाद भगवान गणेश को अर्पित की हुई सभी चीजों को एक पोटली में बांध लें। फिर बप्पा की मूर्ति को गाजे-बाजे के साथ विसर्जन के लिए लेकर जाएं तथा किसी पवित्र नदी में विसर्जित कर दें। ध्यान रहे कि विसर्जन के दौरान गणेश जी की मूर्ति को एकदम से पानी में न छोड़ें बल्कि प्रतिमा को धीरे-धीरे विसर्जित करें। इसके बाद हाथ जोड़कर भगवान गणेश से कृपा प्राप्ति और अगले साल जल्दी आने की प्रार्थना करें।

अगली खबर पढ़ें

Gujrat Political News : हर वर्ग की समस्या जानने का कल्चर सिर्फ अरविंद केजरीवाल ही लाए हैं : गोपाल इटालिया

WhatsApp Image 2022 09 06 at 10.42.54 AM 1 1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 04:20 AM
bookmark
 गुजरात सरकार छोटे व्यापारियों और उद्योगपतियों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है: सागर रबारी Mehsana : मेहसाणा। आम आदमी पार्टी सिर्फ कहती नहीं है, करने में यकीन रखती है। व्यापारियों को भी प्रत्येक क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दूसरी पार्टियां आती हैं, झूठे वादे करती हैं और जनता को लूटकर चली जाती हैं। किसी को भी आगे आकर अपनी समस्याएं रखने का मौका नहीं देते। लेकिन, इस कुप्रथा को आम आदमी पार्टी ने रोक दिया है। आम आदमी पार्टी ने गुजरात के हर जिले में जाकर व्यापारियों की समस्याएं जानने के लिए एक नया अभियान शुरू किया है। इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए आम आदमी पार्टी के गुजरात क्षेत्र के प्रमुख गोपाल इटालिया पूरे गुजरात के व्यापारियों से मिलेंगे और उनसे बातचीत कर उनकी समस्याएं जानेंगे। इस कार्यक्रम को रोकने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन, आम आदमी पार्टी रुकेगी नहीं। इसी अभियान के तहत व्यापारियों से बातचीत करने के लिए महेसाणा टाउन हाल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आम आदमी पार्टी ने गुजरात के हर शहर में व्यापार संवाद का आयोजन किया है। इसके तहत लगातार एक महीने तक संवाद करके सभी तक पहुंचकर उनके विचार जानेगी। आम आदमी पार्टी के गुजरात प्रदेश प्रमुख गोपाल इटालिया ने मेहसाणा में व्यापारियों के साथ जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज तक सभी नेता आते थे और भाषण देकर चले जाते थे। कोई हमारी बात सुनता नहीं था। लेकिन, अरविंद केजरीवाल ही ऐसा कल्चर लाए हैं कि सबकी बात सुनी जाए, हर वर्ग की समस्याएं जानी जाए। आम आदमी पार्टी, संवाद कार्यक्रम के माध्यम से जनता की सभी समस्याओं का समाधान लाने का प्रयास कर रही है। अब तक जितने भी व्यापारी संवाद हुए हैं, उससे साफ पता चलता है कि जीएसटी कानून गड़बड़ है। व्यापारी लोग सरकार को टैक्स देना चाहते हैं, लेकिन वे सभी चाहते हैं कि ईमानदारी से टैक्स वसूला जाए, सरकार ईमानदारी से पैसा ले। सरकार को टैक्स इस तरह लेना चाहिए कि किसी को यह न लगे कि मेरी जेब से पैसे निकाले जा रहे हैं। लेकिन, जब स्कूल बनते हैं, अस्पताल बनते हैं, बिजली दी जाती है, तब जनता को यह महसूस होना चाहिए कि सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है। इस तरह की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन यहां लूटपाट मचा दी गई है। देश में महंगाई बहुत बढ़ गई है। आठ साल पहले चीजों के जो दाम थे, वो अब दोगुने हो गए हैं। बचे हुए दूध, घी आदि पर भी टैक्स लगाया गया है। यह महंगाई क्यों बढ़ रही है? भाजपा के भक्त बताते हैं कि रशिया-यूक्रेन का युद्ध हुआ, उससे महंगाई बढ़ रही है। लेकिन, सच्चाई यह है कि जनता के टैक्स के पैसे का इस्तेमाल उनके दोस्तों का कर्ज माफ करने में किया जाता है। उन्होंने अपने दोस्तों का 10 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है। इस कर्ज माफी के लिए कि दूध और दही पर टैक्स लगाया जाता है। आठ साल पहले एक रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत सिर्फ तीन रुपये थी। आज यह बढ़कर 50 रुपये हो गई है। ट्रेन से यात्रा करने की कीमत अब दोगुना हो गयी है। इतना टैक्स इकट्ठा किया है तो वह जाता कहां है? इस टैक्स का इस्तेमाल भाजपा अपनी पार्टी का प्रचार करने के लिए, अपने मित्रों के कर्ज को माफ करने के लिए करती है। इन सबको रोकने के लिए एक ईमानदार सरकार की जरूरत है। ऐसी सरकार की जरूरत है जो जनता को ईमानदारी से लिया गया टैक्स का पैसा लौटाए। जनता के लिए अच्छे स्कूल बनाएं, जनता को अच्छी से अच्छी चिकित्सा सुविधा दे, जनता को मुफ्त बिजली दे, जनता की सेवा करने के लिए एक ईमानदार सरकार की जरूरत है। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में ऐसी ईमानदार सरकार बनाकर दिखाया है। गुजरात में पिछले कुछ समय से चली आ रही अड़ियल व्यवस्था के कारण व्यापारियों को तीन मुख्य प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पहली कठिनाई लाइसेंस राज की है। व्यापार करने के लिए लाइसेंस को प्राप्त करने के लिए व्यापारियों को यहां से वहां धक्के खाने पड़ते हैं। इसलिए अरविंद केजरीवाल ने गुजरात से लाइसेंस राज खत्म करने का संकल्प लिया है। एक और कठिनाई रेड राज की है। अगर कोई आदमी आवाज उठाता है, सवाल पूछता है, बीजेपी की रैलियों में नहीं जाता है और बीजेपी को फंड नहीं देता है, तो उसके यहां रेड पड़ती है। जब अरविंद केजरीवाल की सरकार बनी तो दिल्ली के व्यापारियों की सबसे बड़ी समस्या यह थी कि सरकारी अधिकारी कभी भी रेड कर व्यापारियों को धमकाते थे और इससे व्यापारियों को परेशानी होती थी। फिर अरविंद केजरीवाल ने एक नियम बनाया कि वहां कोई भी व्यापारी के यहां रेड नहीं पड़ेगी और व्यापारियों को पूरी आजादी के साथ निडर माहौल में व्यापार करने का मौका दिया जाएगा। व्यापारियों की तीसरी परेशानी थी हफ्ता राज। शाम को एक कार आती है और सड़क पर लॉरी से व्यापार करने वाले व्यक्ति से 200, 500 रुपये लेती है। इस तरह पूरे गुजरात में छोटे-बड़े व्यापारियों से हफ्ता वसूल किया जा रहा है। व्यापारियों की गाढ़ी कमाई छीन ली जा रही है, इन सबके पीछे कौन है? यह हफ्ता राज कौन चला रहा है? अरविंद केजरीवाल ने आश्वासन दिया है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी, उसके बाद गुजरात से यह हफ्ता राज बंद हो जाएगा। बीजेपी वालों की दो ही मानसिकता है, पहला व्यापारी टैक्स नहीं देते और टैक्स चुराते हैं और दूसरा यह कि उनका सम्मान नहीं किया जाना चाहिए। व्यापारियों को धमकी दी जाती है कि यदि आप किसी अन्य पार्टी की रैली या सभा में जाते हैं तो आपका व्यवसाय बंद कर दिया जाएगा। अरविंद केजरीवाल ने व्यापारियों के लिए गारंटी दी है कि व्यापारियों को इज्जत दी जाएगी, उनका सम्मान किया जाएगा। उन्होंने एक और गारंटी दी है कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद हम व्यापारियों के बीच भय का माहौल खत्म कर रेड राज बंद कर देंगे, ताकि व्यापारी शांति से कारोबार कर सकें। छोटे व्यापारियों को सरकारी दस्तावेज प्राप्त करने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है। उनकी कमाई वकीलों और क्लर्कों के खर्च जितनी नहीं है। कानून को इतना जटिल बना दिया गया है कि आम आदमी भ्रमित हो जाता है। अरविंद केजरीवाल ने गारंटी दी है कि सरकारी कार्यालय या जीएसटी कार्यालय व्यावसायियों को कानूनी कार्यों में मदद करने के लिए एक व्यक्ति की व्यवस्था करेंगे। भले ही व्यापारियों ने जीएसटी रिटर्न समय पर दाखिल कर दिया हो, लेकिन ऊपर से रिफंड निर्धारित समय के भीतर नहीं लौटाया जाता, व्यापारियों का पैसा फंस जाता है, व्यापार की स्थिति खराब हो जाती है और व्यापार को नुकसान होता है। इसलिए अरविंद केजरीवाल ने गारंटी दी है कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद जीएसटी और वैट रिफंड क्लियर हो जाएगा। आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपप्रमुख और बेचराजी विधानसभा के उम्मीदवार सागर भाई रबारी ने मेहसाणा में व्यापारियों की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के लिए शोषण करने का सबसे आसान क्षेत्र व्यापारी लोग हैं। जब किसी राजनीतिक कार्यक्रम के लिए, उनके किसी समारोह के लिए और किसी भी तरह की जमापूंजी इकट्ठी करनी हो तो यह सरकार सबसे पहले छोटे व्यापारियों को ही टारगेट करती है। यह सरकार गुजरात के छोटे व्यापारियों और उद्योगपतियों के साथ उस तरह का व्यवहार करती है कि वो टैक्स चोर है, कानून तोड़ने वाले हैं। देश की स्वतंत्रता आंदोलन में किसानों और गांव में हर व्यक्ति के बाद सबसे अधिक योगदान छोटे व्यापारियों ने देकर एक प्रमुख भूमिका निभाई थी। गुजरात और पूरा देश आज गुलामी की स्थिति में है। हम आजादी की एक और लड़ाई लड़ रहे हैं। इस लड़ाई में हम सभी को मिलकर लड़ना है। छोटे व्यापारियों के लिए कारोबार करना मुश्किल है। जीएसटी का डर, कॉर्पोरेशन का डर, तौल माप के हफ्ते और कई तरह की हफ्तों में आज छोटा व्यापारी पिस रहा है। गुजरात के इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण समय है, जिसमें हम संपूर्ण रूप से आजाद हो जाएं। अगर हम संपूर्ण आजादी चाहते चाहते हैं, गुजरात को रहने योग्य रखना चाहते हैं, गुजरात को व्यापार के लिए रखना चाहते हैं, गुजरात को आजाद रूप से फलने-फूलने देना चाहते हैं, तो हम सभी को एक साथ संघर्ष करना होगा। पहले तो हमारे पास कोई विकल्प नहीं था। दोनों पार्टियों का तौर तरीका एक जैसा था। हर एक छोटे वर्ग को डराने-धमकाने के रखा गया था। आज गुजरात के पास आम आदमी पार्टी के नाम पर एक विकल्प है ,जो नागरिकों के मूल अधिकारों के लिए और जनता की सेवा करने की भावना रखने वाली पार्टी है।