Manmohan Singh Birthday: भारत के इस PM ने बदली थी देश की आर्थिक दशा और दिशा

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Manmohan Singh Birthday
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 05:57 PM
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Manmohan Singh Birthday देश के पूर्व प्रधानमंत्री रहे सरदार मनमोहन सिंह (Ex PM Manmohan Singh) को कौन नहीं जानता है। उस समय विपक्ष उन पर खूब तंज कसता था, लेकिन वह भारत के एक ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्होंने देश को कई तरह की आर्थिक मुसीबतों से उबारा है। वह महान अर्थशास्त्री भी है। आज पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का जन्म दिन है। इस अवसर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा देशभर में उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज उनके जन्म दिन के अवसर पर हम आपको कुछ ऐसी महत्वपूर्ण बात बताएंगे, जिन्हें शायद ही आप जानते हों।

Manmohan Singh Birthday 2023

नरसिम्हा राव की पहली पसंद

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज 91 साल के हो गए हैं। उन्हें देश में आर्थिक सुधारों का सूत्रपात करने वाला अर्थशास्त्री कहा जाता है। देश को गंभीर आर्थिक संकट से निकालने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। मनमोहन सिंह ने 24 जुलाई 1991 को ऐसा बजट पेश किया था जिसने देश की दिशा और दशा को हमेशा के लिए बदल दिया था। केंद्रीय वित्त मंत्री के पद के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की पहली पसंद अर्थशास्त्री आईजी पटेल थे, लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से राव की पेशकश को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद राव को मनमोहन सिंह का नाम सुझाया गया जो आरबीआई के गवर्नर, योजना आयोग के प्रमुख और मुख्य आर्थिक सलाहकार रह चुके थे।

देश में आर्थिक सुधारों का श्रेय तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की जोड़ी को दिया जाता है। डॉ. मनमोहन सिंह ने 24 जुलाई 1991 को ऐतिहासिक बजट को पेश करते हुए फ्रांसीसी विद्वान विक्टर ह्यूगो को उद्धृत करते हुए कहा था कि दुनिया की कोई ताकत उस विचार को नहीं रोक सकती जिसका समय आ गया हो। उससे पहले भारत की क्लोज इकॉनमी में सरकार ही सब कुछ तय करती थी। किस सामान का उत्पादन कितना होगा, उसे बनाने में कितने लोग काम करेंगे और उसकी कीमत क्या होगी, सब सरकार तय करती है। इस सिस्टम को लाइसेंस परमिट राज कहा जाता था।

लाइसेंस परमिट राज से मुक्ति

24 जुलाई 1991 के बजट ने लाइसेंस परमिट राज से देश को मुक्ति दिला दी। देश में खुली अर्थव्यवस्था का रास्ता साफ हुआ। इसमें प्राइवेट कंपनियों को कई तरह की छूट और प्रोत्साहन दिए गए। सरकारी निवेश कम करने और खुले बाजार को बढ़ावा देने का फैसला किया गया। इस बजट ने देश की तस्वीर बदलकर रख दी। कंपनियां फलने-फूलने लगीं और करोड़ों नई नौकरियां मार्केट में आईं। आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनमी बनकर उभरा है। अमेरिका समेत दुनिया के कई देश जहां मंदी की आशंका में जी रहे हैं, वहीं भारत की इकॉनमी तेजी से आगे बढ़ रही है।

वर्ष 1991 में प्रधानमंत्री बनने से दो दिन पहले नरसिंह राव को कैबिनेट सचिव नरेश चंद्रा ने एक नोट दिया था जिसमें बताया गया था कि भारत की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। देश के पास एक महीने के आयात के लिए भी पैसे नहीं बचे थे। ऐसे में उन्हें वित्त मंत्री के रूप में एक ऐसे शख्स की तलाश थी जो देश को इस स्थिति से उबार सकता था। तब पीसी अलेक्जेंडर ने उन्हें रिजर्व बैंक के गवर्नर रह चुके और लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के डायरेक्टर आईजी पटेल का नाम सुझाया, लेकिन आईजी पटेल दिल्ली आना नहीं चाहते थे क्योंकि उनकी मां बीमार थीं।

अलेक्जेंडर ने सुझाया था मनमोहन का नाम

इसके बाद अलेक्जेंडर ने ही मनमोहन सिंह का नाम सुझाया। अलेक्जेंडर ने शपथ ग्रहण समारोह से एक दिन पहले मनमोहन सिंह को फोन किया। वह कुछ ही घंटे पहले विदेश से लौटे थे और उस समय सो रहे थे। जब मनमोहन सिंह को इस प्रस्ताव के बारे में बताया गया तो उन्होंने इस पर विश्वास नहीं किया। उनका कहना था कि अधिकारी इस तरह की बातें करते रहते हैं। अगले दिन शपथ ग्रहण समारोह से तीन घंटे पहले मनमोहन सिंह के पास यूजीसी के ऑफिस में नरसिम्हा राव का फोन आया। उन्होंने कहा कि मैं आपको अपना वित्त मंत्री बनाना चाहता हूं।

शपथ ग्रहण समारोह से पहले नरसिम्हा राव ने मनमोहन सिंह से कहा था कि अगर हम सफल हुए तो इसका श्रेय हम दोनों को मिलेगा लेकिन असफलता का ठीकरा आपके सिर पर फूटेगा। साल 1991 के ऐतिहासिक बजट से दो हफ्ते पहले जब मनमोहन सिंह बजट का मसौदा लेकर नरसिम्हा राव के पास गए तो उन्होंने उसे सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए आपको फाइनेंस मिनिस्टर नहीं बनाया गया है। मनमोहन सिंह ने अपने बजट भाषण में जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का कई बार नाम लिया लेकिन उनकी आर्थिक नीतियों को एक झटके में पलट दिया।

मनमोहन सिंह का जीवन परिचय

मनमोहन सिंह एक अर्थशास्त्री हैं, जिन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में दो कार्यकालों तक अपनी सेवाएं दीं। उनसे पहले केवल जवाहर लाल नेहरू ही थे, जो दो बार लगातार पीएम रहे। उनके बाद नरेंद्र मोदी। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी सिंह से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट के साथ अपनी युवावस्था में संयुक्त राष्ट्र के लिए काम किया और बाद में भारत देश के आर्थिक शासन में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उन्हें 1991 में देश की अर्थव्यवस्था को फिर से विकसित करने के लिए संरचनात्मक सुधारों की रूपरेखा तैयार करके देश को पूर्ण आर्थिक संकट के कगार से बचाने का श्रेय दिया जाता है। वित्त मंत्री के रूप में उनके नेतृत्व में, संकट सफलतापूर्वक टल गया और भारत विश्व बाजार में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनने की राह पर आगे बढ़ता गया।

मनमोहन सिंह ने 1993 में वर्ष के वित्त मंत्री के रूप में यूरोमनी पुरस्कार जीता तथा 1993 और 1994 के लिए एशिया के वर्ष के वित्त मंत्री के रूप में एशियामनी पुरस्कार जीता।

Manmohan Singh Birthday : मनमोहन सिंह जन्म 26 सितंबर 1932 गांव गाह (पश्चिम पंजाब) में हुआ था। उन्होंने सिविल सेवा, अर्थशास्त्री, राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक और शिक्षाविद के रुप में कार्य किया है। उनके पिता का नाम गुरमुख सिंह तथा माता का नाम अमृत कौर है। उनकी जीवनसाथी का नाम गुरशरण कौर है, जो एक गृहिणी है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह सिंह की तीन पुत्रियां हैं। वर्ष 1982 में वह भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर बने। Manmohan Singh Birthday

World Environmental Health Day : हर बरस बढ़ रहा भारत का औसत तापमान

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World Environmental Health Day : हर बरस बढ़ रहा भारत का औसत तापमान

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World Environmental Health Day
locationभारत
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calendar02 Dec 2025 01:40 AM
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World Environmental Health Day 2023। आज विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस है। यह दिवस भारत समेत पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है। यह दिन दुनिया भर में पर्यावरण के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाता है और उन कदमों पर चर्चा को गति देता है जो लोग पर्यावरण की रक्षा और इसके खतरों से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठा सकते हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, वैश्विक मौतों में से 24% पर्यावरण से जुड़ी हैं, जो प्रति वर्ष लगभग 13.7 मिलियन मौतें हैं।

पूरी दुनिया में ग्लोबल वार्मिंग का असर लगातार देखने में आ रहा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। जलवायु परिवर्तन के चलते जहां देश के औसत तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, वहीं वार्षिक वर्षा और समुद्र के स्तर में भी बदलाव देखने को मिल रहे हैं।

117 साल के पर्यावरण पर अध्ययन

वर्ल्ड एग्रोफोरेस्ट्री (आईसीआरएएफ) के राजस्थान राज्य संयोजक और राजपूताना सोसाइटी ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के पूर्व निदेशक और पर्यावरणविद् डॉ. सत्य प्रकाश मेहरा ने बताया कि आधुनिकता की अंधी दौड़ में सबसे बड़ा नुकसान पर्यावरण का हुआ है। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से भारत के औसत तापमान, औसत वर्षा समेत अन्य पहलुओं में बदलाव देखने को मिल रहे हैं। हाल ही में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अध्ययन 'असेसमेंट ऑफ क्लाइमेट चेंज ओवर द इंडियन रीजन' में भी ये तथ्य सामने आए हैं। यह अध्ययन वर्ष 1901 से 2018 तक के पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर किया गया है।

डॉ. मेहरा ने बताया कि आधुनिक संसाधनों का भरपूर इस्तेमाल और पेड़ों की कटाई के चलते ओजोन परत को नुकसान पहुंचा है। इससे पृथ्वी का औसत तापमान बढ़ रहा है. अध्ययन में पता चला है कि वर्ष 1901 से 2018 के दौरान भारत के औसत तापमान में 0.7 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है।

ये-ये बदलाव आए

वर्ष 1950 से 2015 के दौरान दैनिक वर्ष की आवृत्ति (150 मिमी प्रति दिन से अधिक तीव्र वर्षा) में करीब 75% की वृद्धि हुई है। पिछले ढाई दशक (1993 से 2017 तक) उत्तरी हिंद महासागर में समुद्र स्तर में 3.3 मिमी की दर से वृद्धि हुई है।

वर्ष 1998 से 2018 के मानसून बाद ऋतु के दौरान अरब सागर में प्रचंड चक्रवाती तूफान की आवृत्ति में वृद्धि हुई है.मौसम विभाग के 30 साल के आंकड़ों (1989 से 2018 तक) के विश्लेषण से पता चला है कि उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मेघालय, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में वार्षिक वर्षा के ट्रेंड में कमी आई है।

वर्ष 1989 से 2018 के दौरान सौराष्ट्र और कच्छ, राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी भाग, तमिलनाडु के उत्तरी भाग, आंध्रप्रदेश के उत्तरी भाग, दक्षिण पश्चिमी ओडिशा के सीमावर्ती क्षेत्र, छत्तीसगढ़ के कई भाग, दक्षिण पश्चिमी मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, मिजोरम, कोंकण, गोवा और उत्तराखंड में भारी वर्षा वाले दिनों की आवृत्ति में काफी वृद्धि देखी गई है।

डॉ. सत्य प्रकाश मेहरा ने बताया कि वर्ष 2021 में बीएससी स्टूडेंट हर्ष सिंघल ने 'क्लाइमेट चेंज एंड द अविफौनल पैटर्न ऑफ़ द वेटलैंड इन एंड अराउंड केवलादेव नेशनल पार्क' विषय पर अध्ययन किया था। इसमें पता चला था कि वर्ष 1991 से 2000 तक बरसात के औसत दिन 35 तक हुआ करते थे जो वर्ष 2011 से 2020 तक सिमट कर 25 से 27 दिन रह गए।

बीते 30 वर्ष में बरसात के औसत दिनों में करीब 20% तक की गिरावट हुई। इस अवधि के अध्ययन में पता चला कि सर्दी का औसत न्यूनतम तापमान भी 3 से 4 डिग्री से बढ़कर 6 से 7 डिग्री हो गया। यानी सर्दी के औसत न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री तक की वृद्धि हो गई।

विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस 2023 : कोट्स

1. "परिवर्तन के बिना प्रगति असंभव है, और जो लोग अपना मन नहीं बदल सकते वे कुछ भी नहीं बदल सकते।" - जॉर्ज बर्नार्ड शॉ

2. "यदि हम पर्यावरण को नष्ट करेंगे तो हमारे पास कोई समाज नहीं होगा।" -मार्गरेट मीड

3. "हमें स्वस्थ पर्यावरण के लिए एक मजबूत अर्थव्यवस्था का त्याग नहीं करना है।" - डेनिस वीवर

4. "हमारे ग्रह को बचाना, लोगों को गरीबी से बाहर निकालना, आर्थिक विकास को आगे बढ़ाना... ये एक ही लड़ाई हैं। हमें जलवायु परिवर्तन, पानी की कमी, ऊर्जा की कमी, वैश्विक स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण के बीच बिंदुओं को जोड़ना होगा। एक समस्या का समाधान सभी के लिए समाधान होना चाहिए।" - बान की मून

5. "अगर आपके पास इसे रखने के लिए सहनीय ग्रह नहीं है तो घर का क्या फायदा?" - हेनरी डेविड थॉरो

6. "पर्यावरण नष्ट करना किसी की संपत्ति नहीं है; इसकी रक्षा करना हर किसी की ज़िम्मेदारी है।" - मोहित अगाड़ी

7. "पर्यावरण प्रदूषण न केवल मानवता के प्रति, बल्कि पृथ्वी पर रहने वाले अन्य सभी प्राणियों के साथ भी विश्वासघात है!" - मेहमत मूरत इल्डन

8. "जब आखिरी पेड़ काट दिया जाएगा और आखिरी मछली मार दी जाएगी, आखिरी नदी जहरीली हो जाएगी, तब आप देखेंगे कि आप पैसा नहीं खा सकते।" - जॉन मे

9. "शरीर को अच्छा स्वास्थ्य रखना एक कर्तव्य है...अन्यथा हम मन को मजबूत और स्पष्ट नहीं रख पाएंगे।" - गौतम बुद्ध

10. “अच्छा स्वास्थ्य कोई ऐसी चीज़ नहीं है जिसे हम खरीद सकें। हालाँकि, यह एक अत्यंत मूल्यवान बचत खाता हो सकता है।"- ऐनी विल्सन शेफ़ (World Environmental Health Day)

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Shameful Incident In Bihar : सुशासन बाबू के राज्य में घटी, मानवता को शर्मसार करने वाली शर्मनाक घटना

Man kidnaps sister in law
Shameful Incident In Bihar
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 02:52 AM
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Shameful Incident In Bihar : बिहार में सुशासन का दावा किया जाता है, इसलिए सीएम नीतीश कुमार खुद को सुशासन बाबू कहलवाना भी पसंद करते हैं। पिछले कुछ समय में राज्य में घटी कई घटनाओं ने उनके इन दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब उनकी सरकार की नाक के नीचे राजधानी पटना से रौंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है। देशभर से मानवता को लज्जित करने वाली कई घटनाएं पिछले दिनों सामने आ चुकीं हैं, जिन्होंने हमारे सभ्य समाज के नागरिक होने के दावों पर प्रश्न चिन्ह लगाया है। अब बिहार से ऐसी ही एक और घटना सामने आई है। जिस के बाद सभी का सिर शर्म से झुक गया है। जहां बेखौफ दबंगों ने एक महिला को पहले तो नंगाकर लाठी से बुरी तरह पीटा और फिर उसको पेशाब पिलाया। जब इतने से जी नहीं भरा, तो फिर इसके बाद उस महिला को पीट-पीट कर गंभीर रूप से घायल भी कर दिया कि उसे हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा।

पटना की है ये इंसानियत को शर्मसार करने वाली दरिंदगी की घटना

प्राप्त जानकारी के अनुसार पटना के खुसरुपुर थाना क्षेत्र के मौसिमपुर गांव में यह मानवता को शर्मसार करने वाली दरिंदगी की घटना घटी है। ये घटना शनिवार रात की बताई जा रही है, लेकिन दबंगों के खौफ के कारण इसके सामने आने में काफी समय लग गया। इन दबंगों ने एक महादलित समाज की महिला को पहले तो नंगाकर लाठी से बुरी तरह पीटा और फिर उसको पेशाब भी पिलाया। इस महिला की इन वहसियों ने इतनी बुरी तरह से पीटा कि उसके सिर से खून भी निकल आया। इस कारण महिला गंभीर रूप से घायल हो गई और उसे इलाज के लिए तुरंत हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। इस घटना के बाद से पीड़ित महिला का परिवार दहशत में है। इस घटना को अंजाम देने वाले दबंगों का क्षेत्र में इतना खौफ है कि डर के मारे लोग कुछ बोल भी नहीं रहे हैं।

Shameful Incident In Bihar : पीड़ित महिला ने सुनाई आपबीती

पीड़ित महिला के अनुसार शनिवार की रात उसके गांव के ही रहने वाले प्रमोद सिंह और उनके बेटा चार अन्य लोगों के साथ मिलकर पहले उनके घर पहुंचे और फिर जबरन उसे अपने घर ले गए। इसके बाद इन लोगों ने उसके साथ इस शर्मनाक घटना को अंजाम दिया। पहले तो दबंगों ने महिला को निर्वस्त्र कर लाठी-डंडों से खूब पीटा और जब उनका इतने से भी मन नहीं भरा तो प्रमोद सिंह ने अपने बेटे अंशु से महिला के मुंह में पेशाब करवाया। इसके बाद महिला वहां से जैसे-तैसे जान बचाकर भागने में कामयाब रही। बताया ये जा रहा है कि महिला के साथ किए गए इस दुर्व्यवहार की वजह पैसों का लेनदेन है।

परिवार का दावा कोई उधार बाकी नहीं था, फिर भी किया जा रहा था परेशान

महिला के परिजनों की मानें तो महिला ने दबंग प्रमोद से कुछ रुपए उधार लिए थे। महिला ने उसका मूलधन और ब्याज दोनों दे दिया था, लेकिन फिर भी उसे बार-बार तकादा कर परेशान किया जा रहा था। महिला को देख लेने की धमकी भी दी जा रही थी। इससे परेशान होकर उसने इसकी जानकारी पुलिस को दी। जिसके बाद इस बात का पता चलने पर प्रमोद सिंह बौखला गया और उसने अपने साथियों के साथ मिलकर इस शर्मनाक घटना को अंजाम दे दिया। सरकार की नाक के नीचे इस तरह की घटना होना अपराधियों के बेखौफ होने को दर्शाती है।

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