सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या से राजस्थान में तनाव

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Sukhdev Gogamedi Murder Case
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 02:05 AM
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Sukhdev Gogamedi Murder Case : राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राजस्थान अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की जयपुर में दिनदहाड़े हत्या से पूरा राजपूत समाज आक्रोशित है। राजधानी जयपुर में प्रदेश और देशभर से राजपूत नेता पहुंच गए हैं। जयपुर समेत पूरे राजस्थान में बंद का आह्वान किया गया है। बंद के आह्वान को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

जयपुर के श्यामनगर में राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की बदमाशों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दिए जाने के मामले को लेकर आज सुबह सीकर जिला मुख्यालय स्थित रामलीला मैदान में राजपूत समाज सहित सर्वसमाज के लोग बड़ी संख्या में एकत्र हुए। साथ ही सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या पर आक्रोश जताते हुए हत्या करने वाले आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दिए जाने की मांग की गई।

Sukhdev Gogamedi Murder Case

आक्रोशित लोगों ने इस संबंध में पुलिस पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस की लापरवाही की वजह से सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या हुई है। रामलीला मैदान एकत्र होने के बाद सभी युवा सीकर के बाजारों की ओर बंद करवाने निकल पड़े। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी समेत दो लोगों की हत्या के बाद से आज राजस्थान में तनाव का माहौल है। प्रदेश भर में सर्व समाज समेत अन्य कई समाज के प्रतिनिधियों ने पूरे प्रदेश में बंद का आह्वान किया है। इस आह्वान का असर दिखना शुरू हो गया है। प्रदेश भर के अधिकतर जिलों में स्कूल कॉलेज बंद होने की सूचनाएं आ रही हैं।

स्कूली छात्रों के परिजनों को बंद का मैसेज देर रात से ही भेजा गया है, यहां तक की कई स्कूलों में शिक्षकों तक को नहीं बुलाया गया है। इस बीच डीजीपी उमेश मिश्रा ने आज प्रदेश भर में जनता से शांति की अपील की है। साथ ही प्रदेश भर में पुलिस की तमाम एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। पूरे प्रदेश भर में अस्सी हजार से भी ज्यादा पुलिसकर्मी आज सड़कों पर ड्यूटी कर रहे हैं।

गोगामेड़ी की हत्या से गुस्साए लोगों नें जयपुर, जोधपुर, अलवर समेत कई जगहों पर प्रदर्शन की खबरें सामने आई हैं। इसके अलावा चुरु में सरकारी बस पर भी पथराव किया गया। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना और राजस्थान के अन्य संगठनों ने सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के विरोध में बुधवार (6 दिसंबर) को राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया है। उनकी मांग की हत्यारों का एनकाउंटर किया जाए।

दो युवक गिरफ्तार

करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्या मामले में राजस्थान पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार की है। गरफ्तार किए गए दोनों युवकों का नाम रोहित राठौड़ और नितिन फौजी है। बता दें कि हत्यारों के साथ आए नवीन के मोबाइल से जानकारी लेकर पता लगाया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार हत्या के आरोपी नवीन को अपने साथ गोगामेड़ी के घर लेकर गए थे। घटना के समय शूटरों ने नवीन को भी मार दिया गया था। अब उसके परिजनों से पूछताछ की जा रही है।

हत्याकांड में बड़ा खुलासा

राजस्थान में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड में एक बड़ा खुलासा हुआ है। पंजाब की बठिंडा जेल में बंद गैंगस्टर संपत नेहरा (लॉरेंंस बिश्नोई गैंग) द्वारा इस हत्याकांड की साजिश रची थी। पंजाब पुलिस से इस तरह की सूचना राजस्थान पुलिस को मिली है।

20 सेकेंड में मारी 6 गोलियां

सुखदेव सिंह के घर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। लेकिन सुखदेव नवीन को जानते थे। इसलिए उन्होंने बिना चेकिंग के ही नवीन शेखावत को आने दिया। थोड़ी देर तक दोनों में बातचीत चली। सोफे पर एक तरफ सुखदेव बैठे थे तो सामने नवीन के साथ आए दोनों युवक। वहीं, बगल में नवीन शेखावत भी बैठे थे। किसी सिलसिले में चारों आपस में बात कर ही रहे थे कि तभी सुखदेव के मोबाइल पर एक कॉल आया। जैसे ही सुखदेव ने कॉल उठाया, नवीन के साथ आए दोनों युवकों में से एक युवक अचानक उठा और सुखदेव को गोली मार दी।

बिना समय गंवाए दूसरे युवक ने भी फायरिंग शुरू कर दी। सुखदेव को जैसे ही गोली लगी तो उनके शरीर से खून की धार निकलनी शुरू हो गई। वहां मौजूद सुखदेव के बॉडीगार्ड कुछ समझ पाते कि तभी दोनों युवकों ने नवीन शेखावत पर भी फायरिंग कर दी। पूरा कमरा गोलियों की आवाज से गूंज पड़ा। फायरिंग के दौरान गोगामेड़ी के गार्ड ने उन्हें बचाने की कोशिश भी की। लेकिन बदमाशों ने उस पर भी फायरिंग कर दी। जाते समय भी एक बदमाश ने गोगामेड़ी के सिर में गोली मार दी।

गैंगस्टर रोहित गोदारा गैंग ने ली जिम्मेदारी

पुलिस पर भी फरार आरोपियों को पकडऩे का दबाव बनने लगा तो इसी बीच फेसबुक पर एक ऐसा पोस्ट आया जिससे और बवाल मच गया। यह पोस्ट था गैंगस्टर रोहित गोदारा के नाम से। गैंगस्टर रोहित गोदारा के नाम से बने फेसबुक पेज पर सुखदेव की हत्या की जिम्मेदारी ली गई थी। उस पोस्ट में लिखा, 'सभी भाइयों को राम राम, मैं रोहित गोदारा कपूरीसर, गोल्डी बराड़। भाइयों, आज सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या कर दी गई। हम इसकी पूरी जिम्मेदारी लेते हैं। यह हत्या हमने करवाई है। भाइयों मैं चाहता हूं कि आपको बता दें कि वह हमारे दुश्मनों का साथ देते थे। उन्हें मजबूत करते थे। जहां तक दुश्मनों की बात है तो उन्हें अपने घर के दरवाजे पर अपनी अर्थी तैयार रखनी चाहिए। जल्द ही उनसे भी मुलाकात होगी।

खान सर की बात मान ली तो आपको गूगल पर सर्च करेगी दुनिया

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खान सर की बात मान ली तो आपको गूगल पर सर्च करेगी दुनिया

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Khan Sir Bihar
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 03:30 PM
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Khan Sir Bihar : बिहार की राजधानी पटना में बच्चों को सस्ती कोचिंग देने वाले खान सर ने अनूठी बात कही है। खान सर की इस अनूठी बात को अपने जीवन में अपना कर कोई भी व्यक्ति सफलता की उस ऊंचाई तक पहुंच सकता है जिसको पाने के लिए हर कोई सपना जरूर देखता है। हम आपको नीचे बता रहे हैं खान सर का सबसे बड़ा गुरू मंत्र।

Khan Sir Bihar

यह कर लिया तो गूगल पर सर्च करेंगे लोग

हाल ही में खान सर ने अपनी एक कोचिंग क्लास में छात्रों को सफलता के अनोखे मंत्र बताए। खान सर के अनोखे मंत्रों में सबसे बड़ा मंत्र है अपने आपको अपने कैरियर के लिए समय देना। खान सर ने छात्रों से कहा कि "अगर अपने ऊपर समय दोगे, समय देकर खुद को एक शानदार इंसान के रूप में डवलप करोगे तो आने वाले समय में पूरी दुनिया आपको गूगल पर सर्च करेगी।" अपने इस वॉक्य के अर्थ को खान सर ने विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए कभी भी कोई शॉर्टकट नहीं होता है।

शॉर्टकट से सफलता का भ्रम तो पाला जा सकता है किन्तु शॉर्टकट के द्वारा जीवन में सफलता अर्जित नहीं की जा सकती है। जो भी युवक, युवती छात्र अपना अथवा किसी भी उम्र का व्यक्ति सफल होना चाहता है तो उसे अपने ऊपर समय लगाना पड़ेगा। अपने काम को पूरी जान लगाकर एक सेकेंड भी बर्बाद किए बिना मेहनत करनी पड़ेगी। खान सर ने कहा कि आलस्य सफलता के मार्ग का सबसे बड़ा शत्रु है। जिस किसी ने आलस्य नाम के शत्रु को पराजित कर दिया है उस व्यक्ति को जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है।

फिदा हो जाती है

अपनी क्लॉस में पढ़ाते हुए खान सर ने कहा कि सफलता की सबसे बड़ी खास बात यह होती है कि वह बिना थके, बिना रूके, बिना आलस्य किए मेहनत करने वाले व्यक्ति के ऊपर फिदा हो जाती है। जब सफलता ही आपके ऊपर फिदा हो जाएगी तो फिर भला आपको दुनिया की कौन सी ताकत सफल होने से रोक सकती है। खान सर ने अपनी बात को साबित करने के लिए अनेक उदाहरण भी दिए।

परिणाम बता देता है कि मेहनत कैसी थी

पूरी दुनिया में पहचान बना चुके खान सर पटना में सबसे सस्ती कोचिंग क्लास चलाते हैं। विभिन्न प्रतियोगिताओं की तैयारी कराने वाले सफलता के नए-नए सूत्र बताते रहते हैं। अपनी एक अन्य क्लॉस में खान सर ने कहा कि "किसी भी कार्य का परिणाम यह बता देता है कि उस कार्य को करने के लिए मेहनत कैसी की गई थी। इसी प्रकार परिणाम तो बता ही देता है कि आपकी मेहनत कैसी थी।"

खाली पेट

अपनी क्लॉस में खान सर ने कहा कि यह बिल्कुल जरूरी नहीं है कि हर बात आपको किताबों और यूनिवर्सिटी में ही पढ़ाई जाए। ढ़ेर सारी बातें आपको खाली पेट तथा खाली जेब भी सिखा देती है। खान सर ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करके सफलता पाने वाला व्यक्ति अधिक देर तक सफलता का स्वाद व आनंद ले सकता है। खान सर अपनी सभी बातों को उदाहरण देकर समझाते हुए नजर आते हैं। उनकी बात छात्रों को हमेशा-हमेशा के लिए याद हो जाती है। खान सर हमेशा जोर देकर कहते हैं कि जीवन में कभी भी किसी भी हाल में घमंड नहीं करना चाहिए। घमंड बड़ी से बड़ी हस्ती को मिटा या समाप्त कर देता है।

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Mahaparinirvan Diwas: डॉ. भीमराव अंबेडकर ने क्यों छोड़ा था हिंदू धर्म?

संविधान निर्माता, महान समाज सुधारक और राजनेता डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि 6 दिसंबर को मनायी जाती है...

Mahaparinirvan Diwas: डॉ. भीमराव अंबेडकर ने क्यों छोड़ा था हिंदू धर्म?
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 Dec 2023 11:40 AM
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Mahaparinirvan Diwas: संविधान निर्माता, महान समाज सुधारक और राजनेता डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि 6 दिसंबर को मनायी जाती है। उनकी पुण्यतिथि को पूरे देश में महापरिनिर्वाण (BR Ambedkar's death anniversary) के रूप में मनाया जाता है।

क्यों मनाते हैं महापरिनिर्वाण दिवस:

डॉ. भीमराव अंबेडकर जी ने भारत के अलावा भी कई देशों में एक अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ के रूप में भूमिका अदा की है। डॉ. भीमराव अंबेडकर जी का निधन 6 दिसंबर 1956 में हुआ था। इसलिए हर साल 6 दिसंबर के दिन उनकी पुण्यतिथि या Mahaparinirvan Diwas के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने अपने जीवन काल में समाजिक भेदभाव, छुआछूत, जातिवाद को खत्म करने के लिए बहुत संघर्ष किया था।

अंबेडकर, जी का जन्म और शिक्षा:

डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर, जिन्हें बीआर अंबेडकर के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को महार जाती के हिंदू परिवार में हुआ था। इस दिन को हर साल अंबेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है। जब भीमराव लगभग 15 साल के थे, तब 9 साल की लड़की रमाबाई से उनकी शादी कराई गई थी। बाद में उन्होंने साल 1956 में अपने 5 लाख फोलोअर्स के साथ बौद्ध धर्म अपना लिया। उन्होने अपनी शिक्षा संयुक्त राज्य अमेरिका में कोलंबिया विश्वविद्यालय और यूनाइटेड किंगडम में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पूरी की थी।

समाजिक और राजनीतिक योगदान:

डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर जी ने भारतीय रिजर्व बैंक के गठन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने संवैधानिक सुधारों के लिए ऑल व्हाइट साइमन कमीशन में काम करके देश की नियती को आकार देकर अपनी प्रारंभिक भागीदारी दी। उनके योगदान से श्रम सुधारों में उल्लेखनीय 14 घंटे के कार्य से 8 घंटे के कार्य दिवस में बदलाव किया। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू की पहली कैबिनेट में कानून और न्याय मंत्री का पद भी संभाला और हिंदू धर्म त्यागने के बाद, दलित बौद्ध आंदोलन के लिए प्रेरणा के रूप में कार्य किया। असल में जब उन्होंने अपने 5 लाख से ज्यादा अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म को अपनाया था, उसे ही दलित बौद्ध आंदोलन कहा गया था। उन्होंने संविधान सभा की प्रारूप समिति की अध्यक्षता की। इसके बाद अंबेडकर ने भारत के लोगों के सामने मसौदा संविधान प्रस्तुत किया, जिसे 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया था। उन्होंने समाज के कमजोर वर्ग और महिलाओं को समानता का अधिकार दिलाने और उन्हें मजबूत, सशक्त बनाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।

बौद्ध धर्म अपनाया:

डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर जी ने 13 अक्टूबर 1935 में हिंदू धर्म छोड़ने पर विचार किया। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व ये तीनों ही चीजें बहुत जरूरी हैं और मुझे वह धर्म पसंद है, जो ये तीनों चीजें सिखाता हो। इसलिए भीमराव अंबेडकर ने 14 अक्तूबर 1956 को बौद्ध धर्म अपना लिया। उन्होनें बौद्ध धर्म पर एक किताब ‘बुद्ध और उनका धर्म’ लिखी, जिसका प्रकाशन उनके मरणोपरांत (Mahaparinirvan) हुआ।

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