Kolkata Tram 36 Now Bus 36: हाल में ही कोलकाता 36 नंबर ट्राम को बस में बदल दिया गया है। इसका मतलब यह हुआ है कि जो ट्राम कोलकाता के खिदिरपुर से एस्प्लानेड यानी धर्मतल्ला जाती थी उस रूट को अब बंद करके इस रूट पर इसी नंबर से बस सेवा शुरू की गई है। हालांकि इस रूट में ट्राम सेवा काफी सालों से बंद थी जहां पर अब बस सेवा चलाई जा रही है।
डब्ल्यूबीटीसी (सीटीसी) द्वारा ट्राम 36 वाले रूट को बस रूट में बदलने पर लोगों ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। कुछ लोगों ने इस पहल को सही बताया है तो कुछ ने इसे लेकर एतराज जताया है। ऐसे में किसने क्या कहा है, आइए जान लेते हैं।
क्या है पूरा मामला
आपकी और मेरी पसंदीदा ट्राम 36 को डब्ल्यूबीटीसी द्वारा बस सेवा में बदल दिया गया है। यह ट्राम खिदिरपुर होते हुए कोलकाता मैदान को क्रॉस करते हुए धर्मतल्ला जाती थी। ट्राम 36 कोलकाता का एक आइकॉन था। यह न सिर्फ एक साधन थी, बल्कि शहर की धड़कन का एक हिस्सा थी। हर रोज हजारों की संख्या में लोग सफर करते थे।
आखिर किन कारणों से इस रूट का ट्राम बंद किया गया है, यह तो अभी साफ नहीं हुआ है। लेकिन कुछ खबरों की अगर माने तो इस रूट पर ट्राम चलाने से डब्ल्यूबीटीसी को काफी नुकसान होता है। वहीं अगर बस की बात करें तो यह डब्ल्यूबीटीसी के लिए एक मुनाफे की सेवा है क्योंकि ट्राम के मुकाबले बसें ज्यादा किफायती और रख-रखाव में भी काफी आसान हैं।
लोगों ने दी अलग-अलग राय
ट्राम 36 कोलकाता का एक प्रतिष्ठित हिस्सा था और कई लोगों के लिए बचपन की यादें थीं। यह सस्ता, सुविधाजनक और पर्यावरण के अनुकूल यात्रा का एक तरीका था। ऐसे में डब्ल्यूबीटीसी द्वारा इस रूट पर ट्रम के बदले बस चलाने को एक गलत फैसला बता रहे हैं।
लोगों का यह कहना है कि ट्राम कोलकाता की विरासत का एक हिस्सा है और इसे संरक्षित किया जाना चाहिए था। उनका यह भी कहना है कि बसें ट्राम की तुलना में अधिक प्रदूषण पैदा करती है और मैदान के आसपास के शांत वातावरण को भी नुकसान पहुंचा सकती है।
वहीं कुछ लोगों को यह मानना है कि बसें ट्राम की तुलना में अधिक तेज और आरामदायक होती हैं और इससे सफर करना काफी सही होता है। वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों को यह भी कहना है कि ट्राम के मुकाबले बसें काफी ज्यादा यात्री को ले जा सकती है और इससे ट्राम रूट के रख-रखाव पर होने वाले खर्च को बचा सकती हैं। ऐसे में इन सब पर आपकी क्या राय है, कमेंट कर नीचे लीखिए।