क्रिकेट में अनुशासन की सीमा कहां तक? जाने आईसीसी नियमों की जानकारी
क्रिकेट में खिलाड़ियों का मैदान के बाहर आचरण भी उतना ही अहम माना जाता है जितना मैदान के अंदर प्रदर्शन। हाल ही में इंग्लैंड क्रिकेट टीम से जुड़ा एक मामला चर्चा में है, जिसने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या मैच खत्म होने के बाद या सीरीज के ब्रेक में क्रिकेटर्स शराब का सेवन कर सकते हैं?

दरअसल, गाबा में दूसरा टेस्ट आठ विकेट से हारने के बाद इंग्लैंड की टीम क्वींसलैंड के नूसा शहर में चार रातों के लिए रुकी थी। यह सीरीज के बीच का ब्रेक था। इसी दौरान खिलाड़ियों पर अत्यधिक शराब सेवन के आरोप लगे। टीम के हेड कोच ब्रेंडन मैकुलम ने इस ट्रिप को खिलाड़ियों के “रिफ्रेशमेंट” के तौर पर बताया, जबकि टीम के मैनेजिंग डायरेक्टर रॉब की इसमें मौजूदगी नहीं थी। कुछ रिपोर्ट्स ने इस ट्रिप की तुलना बैचलर पार्टी से भी की, जिसके बाद अब आईसीसी या टीम स्तर पर जांच संभव मानी जा रही है।
आईसीसी के नियम क्या कहते हैं?
बता दें कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के कोड ऑफ कंडक्ट में खिलाड़ियों के व्यवहार को लेकर साफ दिशानिर्देश दिए गए हैं। नियमों के मुताबिक, सीरीज के दौरान, मैच के बीच ब्रेक, अभ्यास सत्र, टीम से जुड़े आधिकारिक समय इन सभी परिस्थितियों में खिलाड़ियों से अपेक्षा की जाती है कि वे नशीले पदार्थों और शराब के सेवन से बचें, खासकर ऐसे किसी भी व्यवहार से जो टीम, खेल या दर्शकों की छवि को नुकसान पहुंचाए। हालांकि आईसीसी पूरी तरह से निजी जीवन में दखल नहीं देता, लेकिन यदि शराब का सेवन अनुशासनहीनता, सार्वजनिक विवाद या प्रदर्शन पर असर डालता है, तो इसे नियम उल्लंघन माना जा सकता है।
मैच ब्रेक के दौरान सख्ती क्यों?
मैच या सीरीज के बीच मिलने वाला ब्रेक खिलाड़ियों के लिए रिकवरी और मानसिक ताजगी का समय होता है। इस दौरान शराब का सेवन प्रतिक्रिया समय को धीमा कर सकता है, फिटनेस पर असर डाल सकता है, टीम अनुशासन और फोकस को नुकसान पहुंचा सकता है और
इसी वजह से आईसीसी और टीम मैनेजमेंट इस दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरतते हैं।
नियम तोड़ने पर क्या कार्रवाई हो सकती है?
यदि कोई खिलाड़ी आईसीसी कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उस पर आर्थिक जुर्माना, मैच फीस कटौती, एक या अधिक मैचों का बैन, गंभीर मामलों में लंबा प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इसके अलावा, संबंधित देश का क्रिकेट बोर्ड अपनी आंतरिक अनुशासनात्मक कार्रवाई भी कर सकता है।
हालिया मामलों से बढ़ी सख्ती
पिछले कुछ समय में सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो और तस्वीरों के चलते कई युवा खिलाड़ियों को चेतावनी दी जा चुकी है। आईसीसी अब ऐसे मामलों को पहले से ज्यादा गंभीरता से ले रहा है और टीम मैनेजमेंट को भी खिलाड़ियों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
दरअसल, गाबा में दूसरा टेस्ट आठ विकेट से हारने के बाद इंग्लैंड की टीम क्वींसलैंड के नूसा शहर में चार रातों के लिए रुकी थी। यह सीरीज के बीच का ब्रेक था। इसी दौरान खिलाड़ियों पर अत्यधिक शराब सेवन के आरोप लगे। टीम के हेड कोच ब्रेंडन मैकुलम ने इस ट्रिप को खिलाड़ियों के “रिफ्रेशमेंट” के तौर पर बताया, जबकि टीम के मैनेजिंग डायरेक्टर रॉब की इसमें मौजूदगी नहीं थी। कुछ रिपोर्ट्स ने इस ट्रिप की तुलना बैचलर पार्टी से भी की, जिसके बाद अब आईसीसी या टीम स्तर पर जांच संभव मानी जा रही है।
आईसीसी के नियम क्या कहते हैं?
बता दें कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के कोड ऑफ कंडक्ट में खिलाड़ियों के व्यवहार को लेकर साफ दिशानिर्देश दिए गए हैं। नियमों के मुताबिक, सीरीज के दौरान, मैच के बीच ब्रेक, अभ्यास सत्र, टीम से जुड़े आधिकारिक समय इन सभी परिस्थितियों में खिलाड़ियों से अपेक्षा की जाती है कि वे नशीले पदार्थों और शराब के सेवन से बचें, खासकर ऐसे किसी भी व्यवहार से जो टीम, खेल या दर्शकों की छवि को नुकसान पहुंचाए। हालांकि आईसीसी पूरी तरह से निजी जीवन में दखल नहीं देता, लेकिन यदि शराब का सेवन अनुशासनहीनता, सार्वजनिक विवाद या प्रदर्शन पर असर डालता है, तो इसे नियम उल्लंघन माना जा सकता है।
मैच ब्रेक के दौरान सख्ती क्यों?
मैच या सीरीज के बीच मिलने वाला ब्रेक खिलाड़ियों के लिए रिकवरी और मानसिक ताजगी का समय होता है। इस दौरान शराब का सेवन प्रतिक्रिया समय को धीमा कर सकता है, फिटनेस पर असर डाल सकता है, टीम अनुशासन और फोकस को नुकसान पहुंचा सकता है और
इसी वजह से आईसीसी और टीम मैनेजमेंट इस दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरतते हैं।
नियम तोड़ने पर क्या कार्रवाई हो सकती है?
यदि कोई खिलाड़ी आईसीसी कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उस पर आर्थिक जुर्माना, मैच फीस कटौती, एक या अधिक मैचों का बैन, गंभीर मामलों में लंबा प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इसके अलावा, संबंधित देश का क्रिकेट बोर्ड अपनी आंतरिक अनुशासनात्मक कार्रवाई भी कर सकता है।
हालिया मामलों से बढ़ी सख्ती
पिछले कुछ समय में सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो और तस्वीरों के चलते कई युवा खिलाड़ियों को चेतावनी दी जा चुकी है। आईसीसी अब ऐसे मामलों को पहले से ज्यादा गंभीरता से ले रहा है और टीम मैनेजमेंट को भी खिलाड़ियों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।












