BrahMos supersonic cruise Missile- सतह से सतह मार करने वाली मिसाइल का भारत में सफल परीक्षण

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ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण
locationभारत
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calendar24 Mar 2022 05:30 PM
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BrahMos supersonic cruise Missile- भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया जा चुका है। इस मिसाइल का परीक्षण अंडमान और निकोबार (Andaman and Nicobar) द्वीप समूह में किया गया। मिसाइल के परीक्षण के दौरान परीक्षण स्थल पर एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी (Air chief Marshal Vivek Ram Chaudhari)के साथ रक्षा अधिकारी मौजूद थे। मिसाइल का परीक्षण सफल रहा और मिसाइल अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाने में कामयाब हुई।

चीफ मार्शल ने मिसाइल के सफल परीक्षण की दी बधाई -

सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के परीक्षण के दौरान स्थल पर मौजूद एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने मिसाइल के सफल परीक्षण की बधाई दी। इस मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद देश की मारक क्षमता बढ़ जाएगी। BrahMos दो शब्दों Brah व Mos से मिलकर बना है जिसमें Brah का मतलब है- ब्रह्मपुत्र जो कि एक नदी का नाम है व Mos का मतलब है मोस्कवा जो रूस में बहने वाली एक नदी का नाम है। भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मा ब्रह्मोस एयरोस्पेस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (Brahmos aerospace supersonic cruise missile) का निर्माण करता है। यह मिसाइल इस सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक है।
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क्या है ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की खासियत -

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos supersonic cruise Missile) को पनडुब्बियों, जलपोत, विमान तथा भूतल पर स्थित प्लेटफार्म से प्रक्षेपित किया जा सकता है। यह मिसाइल 2.8 ध्वनि के गति से भी 3 गुना तेज रफ्तार से प्रक्षेपित की जा सकती है। इसके साथ इस मिसाइल को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह दुश्मन के रडार से आसानी पूर्वक बच निकलने में सफल रहेगी। पहले इस मिसाइल को 300 किलोमीटर के लक्ष्य को भेदने की क्षमता के साथ तैयार किया गया था। बाद में इस क्षमता को बढ़ाकर 350 से 400 किलोमीटर कर दिया गया। अब इसके 800 किलोमीटर वाले वेरिएंट पर काम किया जा रहा है। यह मिसाइल 4300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दुश्मन के ठिकानों पर प्रहार कर सकती है।
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Congress President चुनाव में हार के बाद अब कौन बनेगा कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष?

Soniya rahul
Congress President
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calendar24 Mar 2022 04:04 PM
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Congress President : हाल ही में उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव करारी हार का सामना करने वाली कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन किए जाने के लिए मंथन शुरु हो गया है। इसके लिए शनिवार को पार्टी के महासचिव और और प्रभारियों की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक का मुख्य एजेंडा संगठन का चुनाव, सदस्यता अभियान और आगामी आंदोलन कार्यक्रम रहेगा।

Congress President

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और मणिपुर में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव में हार के बाद से पार्टी नेता संगठन के आंतरिक सुधारों पर जो रहे हैं। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने मंगलवार को नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं आनंद शर्मा, मनीष तिवारी और विवेक तन्खा से मुलाकात की। ये नेता पांच राज्यों में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार पर सवाल उठा रहे हैं। सोनिया गांधी पार्टी के भीतर गहरी दरार को पाटने की कोशिश के लिए इन नेताओं से मिल रही हैं।

माना जाता है कि उक्त नेता संगठन में बदलाव किए जाने पर जोर दे रहे हैं, जबकि सोनिया गांधी ने बैठक में कहा कि पार्टी अध्यक्ष के लिए अगस्त-सितंबर के चुनाव के बाद जरूरी कदम उठाए जाएंगे। पार्टी सूत्र बताते हैं कि सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं से कहा कि, अगस्त-सितंबर तक पार्टी अध्यक्ष का चुनाव खत्म हो जाएगा। उस पर ध्यान दें। तब तक मैं कुछ हद तक ही बदलाव कर सकती हूं।'

कांग्रेस को पांच राज्यों (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड गोवा, मणिपुर और पंजाब) में हार का सामना करना पड़ा, जहां हाल ही में चुनाव हुए थे। हिमाचल प्रदेश और गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।

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Aksai Chin Dispute: संयुक्त राष्ट्र में उठी मांग, अक्साई चिन को चीन अधिकृत जम्मू और कश्मीर मानने की बात ।

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locationभारत
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calendar24 Mar 2022 03:57 PM
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  Aksai Chin Dispute: जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 49वें सत्र के दौरान मानवाधिकार कार्यकर्ता द्वारा अक्साई चिन पर चीन के अवैध कब्जे का मुद्दा उठाया गया। की जो श्रीनगर के जुनैद कुरैशी ब्रसेल्स स्थित यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (EFSAS) के निदेशक हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सत्र में क्या उठी मांग ! जिनेवा में बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 49वें सत्र के दौरान कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ता जुनैद कुरैशी ने अक्साई चिन पर चीन के अवैध कब्जे का मुद्दा उठाया। जिस पर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से कहा कि अक्साई चिन के एक बहुत बड़े हिस्स पर चीन ने कब्जा किया हुआ है, इसलिए उसे औपचारिक रूप से 'चीन के कब्जे वाला जम्मू और कश्मीर' की मान्यता दी जानी चाहिए। श्रीनगर के जुनैद कुरैशी ब्रसेल्स स्थित यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (EFSAS) के निदेशक हैं। विवाद सुलझाने का जरिया हैं शब्दावलियां । वही उसके बाद जवाब में जुनैद ने कहा कि मैं अपने पूर्वजों की भूमि जम्मू और कश्मीर के मुद्दे पर परिषद का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। जिस पर दशकों से परिषद में बहस होती रही है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा गढ़े गए मुद्दे से संबंधित ज्यादातर शब्दावलियां वर्षों सामान्य उपयोग में हैं। उपयुक्त शब्दावली का निर्माण और उसका अंगीकरण न केवल एक विवादित ममाले को परिभाषित करने बल्कि उसके समाधान की राह तलाशने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। UNA, UNHRC ने की अनदेखी। जुनैद कुरैशी ने कहा, ''अक्साई चिन जम्मू और कश्मीर के 20 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है, जो कि लगभग भूटान के आकार के बराबर है। संयुक्त राष्ट्र और उसके विभिन्न अंग जैसे यूएनएचआरसी ने जम्मू और कश्मीर मुद्दे पर मौजूदा शब्दावली के आधार पर अक्साई चिन पर चीन के अवैध कब्जे की पूरी तरह से अनदेखी की है। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर का मुद्दा जितना गंभीर है, उस लिहाज से इस तरह की चूक का गंभीर प्रभाव पड़ा है।