Mother's Day 2023: कुछ इस तरह बनाएं अपनी माँ के लिए यह दिन ख़ास

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Make your mom smile by giving surprises.
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 01:12 PM
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Mother's Day 2023 : "माँ' दुनिया के शायद सबसे छोटे शब्दों में से एक है लेकिन अगर इस शब्द के अर्थ या सार को ढूंढने चलें तो यह इतना गहरा प्राप्त होता है कि इसमें ढेरों समंदर समा जाएँ। माँ के लिए अपने बच्चों के द्वारा कोई एक दिन ख़ास तरीके से उन्हें डेडिकेट करना शायद सबसे अच्छा गिफ्ट हो सकता है। तो चलिए जानते हैं कि गिफ्ट और कार्ड्स देने के अतिरिक्त आप अपनी माँ को कैसे Mother's Day 2023 की बधाई दे सकते हैं?...

कैसे करें दिन को प्लान?

अपनी माँ के लिए एक यादगार Mother's Day 2023 बनाने के लिए आप उनके दिन की शुरुआत ख़ास बना सकते हैं और पूरे दिन के लास्ट मोमेंट तक उन्हें स्पेशल महसूस करा सकते हैं। आइये जानते हैं उन सभी सरप्राइजेस के बारे में जो शायद साइज में छोटे हों लेकिन उनकी अहमियत बहुत ज्यादा हो। 1. सीक्रेट डेकोरेशन और पसंदीदा ब्रेकफास्ट : वैसे तो हर घर में दिन की शुरुआत का रूटीन अलग -अलग होता है लेकिन ज़्यादातर लोगों की मॉर्निंग रूटीन में एक अच्छा ब्रेकफास्ट जरुर शामिल होता है। ऐसे में आप अपने घर के किसी एक रूम को खुद से सजा सकते हैं, वहाँ एक फूलों का गुलदस्ता रख सकते हैं, उनके लिए कोई गिफ्ट रख सकते हैं और उनकी पसंद का ब्रेकफास्ट खिला कर उन्हें सरप्राइज कर सकते हैं। 2. बुक करें एक रिलैक्सिंग ब्यूटी सेशन : वैसे तो एक माँ के हर दिन की शुरुआत अपनी फैमिली के ख्याल रखने से शुरु होती है और इसी के साथ खत्म भी हो जाती है। लेकिन Mother's Day 2023 में उनके इस बिजी शेड्यूल को आप एक "Me Time" में बदल सकते हैं। इसके लिए आप अपनी माँ के लिए एक मसाज या ब्यूटी ट्रीटमेंट बुक कर सकते हैं जहाँ वे रिलैक्स महसूस कर सकें।   3. प्लान करें एक छोटी सी आउटिंग : एक ही दिन में किसी जगह पर जाना और घूम कर वापस आना शायद हर किसी के लिए पॉसिबल नहीं हो सकता है। तो ऐसे में किसी नजदीकी जगह को चुने जहाँ आपकी माँ को जाना पसंद हो। इसमें मंदिर, प्राकृतिक स्थान, बुक स्टोर, सिनेमा हाउस, शॉपिंग प्लेस या फिर कोई अन्य पब्लिक प्लेस भी हो सकता है। लेकिन अगर आपका बजट अच्छा है और आपके पास वक़्त की भी कमी नहीं है तो आप एक हफ्ते की टूर प्लानिंग भी कर सकते हैं।

Mother's Day 2023

  4. माँ के साथ लंच /डिनर डेट : हर किसी को अपनी माँ के हाथ का खाना बेहद पसंद होता है लेकिन Mother's Day 2023 पर अब आपकी बारी है यह पता लगाने की कि आपकी माँ को सबसे ज्यादा क्या पसंद है। अगर आप बेहतर खाना बना सकते हैं तो घर पर ही सबके साथ उनका फेवरेट मील तैयार करें या आप उन्हें किसी ख़ास रेस्टोरेंट ले जा सकते हैं जहाँ उनकी फेवरेट डिशेज मिलती हैं।   5. ताज़ा करें पुरानी यादें : सिर्फ गिफ्ट्स, बुके या आउटिंग ही एक बेस्ट Mother's Day के लिए काफी नहीं हैं बल्कि इसे ख़ास बनाने के लिए आपका उनके साथ बैठना, बातें करना और अपनी लाइफ में उनकी वैल्यू का उन्हें अहसास कराना शायद सबसे अच्छा तोहफा हो सकता है। आप दिन के अंत में कोई पुरानी एल्बम के पन्ने उनके साथ पलट सकते हैं जिनमें आपकी और आपकी माँ की कहानी एक साथ मौजूद है। इसके अलावा आप उनकी हॉबीज़ को भी जानकर उन्हें उससे संबंधित कोई सरप्राइज दे सकते हैं। जैसे कि अगर उन्हें गार्डनिंग का शौक है तो ढेर सारे उनकी पसंद के प्लांट्स लाइये और घर के किचन गार्डेन में उनकी मदद से उन्हें सजाएं। ये उनके साथ समय बिताने का एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। आप इस Mother's Day 2023 रूटीन में अपने हिसाब से भी कई बदलाव शामिल कर सकते हैं लेकिन उन सभी का फोकस सिर्फ एक ही होगा - आपकी माँ को मुस्कुराते हुए देखना।

Kedarnath Dham : बर्फबारी के बीच केदारनाथ के कपाट खुले

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Kedarnath Dham : बर्फबारी के बीच केदारनाथ के कपाट खुले

Kedar
The doors of Kedarnath opened amid snowfall
locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 Apr 2023 07:58 PM
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रुद्रप्रयाग। विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ के कपाट आगामी छह महीने के लिए भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं। इस अवसर पर 10 हजार से अधिक भक्त मौजूद थे। मौसम खराब होने की वजह से सीएम पुष्कर सिंह धामी वहां नहीं पहुंच सके।

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सुबह 6.15 बजे खोला गया कपाट

पौराणिक परंपरा के अनुसार मंगलवार सुबह 6:15 मिनट पर मंदिर के मुख्य कपाट खोल दिए गए। इससे पूर्व सुबह तड़के केदार बाबा की पंचमुखी मूर्ति का श्रृंगार किया गया, भोग लगाया गया व पूजा अर्चना की गई।

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बाबा हो गए अपने धाम में विराजमान

इसके पश्चात पंचमुखी डोली को मंदिर परिसर में लाया गया, सील बंद कपाट को प्रशासन ने मंदिर समिति की मौजूदगी में खोल दिए। इसके साथ ही भोले बाबा अपने धाम में विराजमान हो गए। कपाट खोलते ही केदारनाथ धाम भोले बाबा की जयकारों से गूंज उठा। इस अवसर पर केदारनाथ धाम में बड़ी संख्या में भक्त मौजूद थे। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Shankaracharya Jayanti : जन्म से पहले ही तय हो गई थी शंकाराचार्य की मृत्यु

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 05:38 PM
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Shankaracharya Jayanti : आज हिंदुओं के सबसे बड़े धर्म आचार्य आदि गुरु शंकराचार्य की जयंती (Shankaracharya Jayanti) है। हिंदू पंचांग के अनुसार इनका जन्म 788 ईसवी में वैशाख मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को हुआ था। इस वर्ष वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 25 अप्रैल को पड़ रही है। आदि गुरु शंकराचार्य का जन्म दक्षिण भारत में एक नंबूदरी ब्राह्मण कुल में हुआ था।

8 साल की उम्र में हुआ वेदों का ज्ञान -

शंकराचार्य जी ने मात्र 8 साल की उम्र में वेद, पुराण उपनिषद, रामायण महारत सहित सभी धर्मग्रंथ कंठस्थ कर लिए थे।

हिंदू धर्म के रक्षक थे शंकराचार्य-

हिंदू धर्म के रक्षक आदि गुरु शंकराचार्य का उल्लेख शास्त्रों में भी किया गया है। सनातन धर्म में इन्हें शिव का अवतार माना जाता है। उन्होंने वेदों में लिखे ज्ञान का प्रचार प्रसार किया है, और भारत के चार कोनों में चार मठों की स्थापना की है। 8 वर्ष की अवस्था में ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के ठीक नीचे इन्होंने गोविंदाचार्य से दीक्षा लेकर सन्यास ग्रहण किया था। इसके बाद वाराणसी होते हुए बद्रिकाश्रम तक पैदल यात्रा की थी। 16 वर्ष की आयु में बद्रिकाश्रम में इन्होंने ब्रह्मसूत्र विषय पर भाष्य लिखा था।

जन्म से पहले ही तिथि शंकराचार्य की मृत्यु -

पौराणिक मान्यता के अनुसार आदि गुरु शंकराचार्य की माता आर्यंबा और पिता शिवगुरु ने पुत्र प्राप्ति के लिए शिवजी की कठिन आराधना की थी। इनकी प्रार्थना से प्रसन्न हो भोलेनाथ ने इन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया। यह भी मान्यता है कि इनके माता-पिता ने शिवजी से आराधना की थी कि, उनके संतान की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैले। शिव जी ने इनके माता-पिता की यह मनोकामना तो पूरी कर दी, लेकिन इसके बदले में यह शर्त भी रखी कि या तो उनका पुत्र प्रसिद्धि हासिल करेगा या फिर दीर्घायु होगा। शंकराचार्य के माता-पिता ने सर्वज्ञ संतान की कामना की। जिसकी वजह से शंकराचार्य अल्पायु हुए। मात्र 32 साल की अवस्था में 820 ईसवी में शंकराचार्य जी ने समाधि ले ली।

Shankaracharya Jayanti -

ओंकारेश्वर से है आदि गुरु शंकराचार्य का खास रिश्ता -

मध्यप्रदेश में स्थित ओमकारेश्वर से आदि गुरु शंकराचार्य का एक बेहद खास रिश्ता है। यह आदि गुरु शंकराचार्य की दीक्षा स्थली है। गुरु शिष्य के सम्मान भरे रिश्ते की प्रतीक इस तीर्थ स्थली में शंकराचार्य के गुरु गोविंदपाचार्य की गुफा है। इस गुफा में आदि गुरु शंकराचार्य को मां नर्मदा को अपना कमंडल लेते हुए दिखाने वाली एक मूर्तियां स्थापित की गई। ओंकारेश्वर आने वाले श्रद्धालुओं को सबसे पहले गोविंदपाचार्य की मूर्ति के ही दर्शन प्राप्त होते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार एक बार नर्मदा नदी में बाढ़ आने से उसका पानी गोविंदपाचार्य की गुफा तक पहुंच चुका था। उस समय गोविंदपाचार्य गुफा के अंदर तपस्या कर रहे हैं। उस समय गुरु की तपस्या भंग ना हो इसलिए शंकराचार्य ने मां नर्मदा से शांत हो जाने की प्रार्थना की थी। उसी समय मां नर्मदा शंकराचार्य के कमंडल में समा गई थी। इसके बाद से ही इस गुफा की महत्वता और भी अधिक बढ़ गई है।

ओमकारेश्वर में बन रही आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा -

मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा बन रही है जो 108 फीट ऊंची होगी, जिसे 54 फीट ऊंचे प्लेटफार्म पर स्थापित किया जाएगा। इस प्रतिमा को बनाने के लिए दो हजार करोड़ रुपए की लागत लग रही है। यह प्रतिमा आदिगुरु शंकराचार्य के बाल स्वरूप की होगी। प्रतिमा का निर्माण कंस्ट्रक्शन कंपनी, पर्यटन विकास निगम के जरिए किया जा रहा है।

Statue of Oneness- मध्यप्रदेश में बन रही आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा