देवघर में कांवड़ियों की बस हुई हादसे का शिकार, 18 की मौत

Jharkhand Accident
Jharkhand Samachar
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Jul 2025 03:19 PM
bookmark
झारखंड के देवघर जिले में मंगलवार सुबह श्रद्धा का सफर एक भीषण सड़क हादसे में तब्दील हो गया। गोड्डा-देवघर मुख्य मार्ग पर मोहनपुर थाना क्षेत्र के जमुनिया मोड़ के पास कांवड़ियों से भरी बस और ट्रक की आमने-सामने टक्कर हो गई। इस दर्दनाक हादसे में 18 श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा सुबह करीब 5:30 बजे हुआ जब कांवरिया जलाभिषेक के लिए बाबा बैद्यनाथ धाम की ओर जा रहे थे। टक्कर इतनी भीषण थी कि बस के परखच्चे उड़ गए और घायलों की चीख-पुकार से इलाका दहल उठा। Jharkhand Samachar

कईयों की हालत गंभीर

सूचना मिलते ही मोहनपुर थाना प्रभारी प्रियरंजन के नेतृत्व में पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची। स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को मोहनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में भर्ती कराया गया। कई घायलों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए देवघर रेफर किया गया है।

CM हेमंत सोरेन ने जताया शोक

हादसे की खबर मिलते ही क्षेत्रीय बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, “श्रावण मास की पवित्र यात्रा के दौरान यह हादसा बेहद दुखद है। बाबा बैद्यनाथ दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें और परिजनों को इस दुःख को सहने की शक्ति दें।” वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी हादसे पर संवेदना जताते हुए ट्वीट किया, “देवघर के मोहनपुर प्रखंड के जमुनिया चौक के पास हुए हादसे की खबर बेहद पीड़ादायक है। जिला प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है और घायलों को हर संभव चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा रही है। ईश्वर मृतकों की आत्मा को शांति और परिजनों को यह वज्रपात सहने की शक्ति दें।”

यह भी पढ़े: बोचहां में पुलिस टीम पर हमला, थानाध्यक्ष समेत 6 जवान घायल

श्रावण मास में उमड़ती है आस्था की भीड़

देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम को द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख माना जाता है। श्रावण महीने में देशभर से लाखों श्रद्धालु गंगा जल लेकर जलाभिषेक के लिए यहां आते हैं। ऐसे में यह हादसा न केवल दर्दनाक है बल्कि प्रशासन और सड़क सुरक्षा पर भी कई सवाल खड़े करता है। फिलहाल राहत कार्य जारी है और घायलों के इलाज पर नजर रखी जा रही है। प्रदेश सरकार ने हादसे की जांच के आदेश भी दिए हैं। वहीं, मृतकों के परिजनों को मुआवजे और अन्य सहायता देने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। Jharkhand Samachar
अगली खबर पढ़ें

अनिल अंबानी जाएगा जेल में, हुआ फ्रॉड का खुलासा

Anil Ambani 2
Anil Ambani
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Jul 2025 06:54 PM
bookmark
अनिल अंबानी की मुसीबत ED की रेड तक खत्म होने वाली नहीं है। ED के सूत्रों ने अनिल अंबानी को लेकर बड़ा दावा किया है। ED के सूत्रों का दावा है कि छापेमारी के दौरान अनिल अंबानी (Anil Ambani) के फ्रॉड का खुलासा हो गया है। ED ने अनिल अंबानी  के विरुद्ध अलग-अलग FIR दर्ज कर रखी है। छापेमारी के बाद ED जल्दी ही अनिल अंबानी से पूछताछ करेगी। पूछताछ में अनिल अंबानी पर्याप्त सबूत व जानकारी नहीं दे पाया तो अनिल अंबानी को PMLA के तहत गिरफ्तार किया जाएगा। Anil Ambani

ED  की छापेमदारी में मिले हैं बहुत बड़े सबूत

रिलायंस समूह के मालिक अनिल अंबानी के 52 ठिकानों पर ED ने तीन दिन तक छापेमारी की है। ED के सूत्रों का दावा है कि अनिल अंबानी के ठिकानों से बड़े-बड़े सबूत मिले हैं। इन्हीं सबूतों को आधार बनाकर ED आगे की कार्यवाही करेगी। ED के सूत्रों का दावा है कि अनिल अंबानी को PMLA के तहत जेल भी भेजा जा सकता है। छापेमारी से जुड़े ED के सूत्रों का दावा है कि अनिल अंबानी के ठिकानों से उन्हें अनेक प्रकार के सबूत मिले हैं। इन सबूतों के आधार पर अनिल अंबानी को पूछताछ के लिए पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध ना कराने पर अनिल अंबानी को जेल में भी भेजा जा सकता है। अगले कुछ दिन अनिल अंबानी के भविष्य के बहुत महत्वपूर्ण साबित होंगे।

यह भी पढ़े: अनिल अंबानी की कंपनियों के शेयर गिरे धडाम, बड़ा घाटा

सार्वजनिक धन की हेराफेरी के सबूत मिले हैं ED को

ED के सूत्रों ने बताया है कि, छापेमारी के दौरान पता चला है कि अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियां सार्वजनिक धन की हेराफेरी और वित्तीय संस्थानों को गुमराह करने के लिए एक सोची-समझी प्लानिंग में शामिल थीं। इसमें कथित तौर पर 2017 और 2019 के बीच यस बैंक से करीब 3,000 करोड़ रुपये के लोन की अवैध रूप से हेराफेरी शामिल थी। अधिकारियों का कहना है कि लोन वितरण से ठीक पहले, यस बैंक के प्रमोटर्स से जुड़ी संस्थाओं को पैसा हासिल हुआ था। इससे बैंक अधिकारियों और उधारकर्ता फर्मों के बीच संभावित रिश्वतखोरी और लेन-देन की व्यवस्था के सवाल उठे हैं। ईडी अब यस बैंक के प्रमोटर्स और अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों के बीच कथित सांठगांठ की जांच कर रही है। ED को पता चला है कि यस बैंक के अधिकारी अनिल अंबानी के साथ मिलकर बहुत बड़ी गड़बड़ी कर रहे थे। ईडी के सूत्रों ने बताया कि पिछली तारीख के क्रेडिट अप्रूवल मेमोरेंडम (सीएएम), बिना जांच-पड़ताल या क्रेडिट एनालिसिस के किए गए निवेश, और बैंक की अपनी क्रेडिट पॉलिसी का उल्लंघन करते हुए लिए गए फैसले अनियमितताओं में शामिल हैं। अनिल अंबानी को दिए गए लोन के मामलों में औपचारिक मंजूरी से पहले ही लोन वितरण किया गया और आवेदन जमा होने के दिन ही रकम जारी कर दी गई। कुछ फर्म, जिन्हें रकम मिली है, की वित्तीय स्थिति कथित तौर पर कमजोर थी, उनके पते और डायरेक्टर एक जैसे थे, साथ ही उनके पास उचित दस्तावेजों की कमी थी जिससे शेल कंपनियों और राउंड-ट्रिपिंग का शक बढ़ गया है।

सेबी ने भी ED को दी है गड़बड़ी की जानकारी

अनिल अंबानी की एक प्रमुख कंपनी रिलायंस होम फाइनेंस भी  ED की रडार पर है। रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) में भी भारी गड़बड़ी की गई है। बताया जा रहा है कि सेबी ने RHFL की तरफ से दिए गए कॉर्पोरेट लोन में भारी उछाल देखने के बाद अपनी फाइंडिंग ईडी के साथ शेयर की है। क्योंकि कॉर्पोरेट लोन वित्त वर्ष 2017-18 में 3,742.60 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2018-19 में 8,670.80 करोड़ रुपये हो गया। ED इस बात की जांच कर रही है कि क्या यह उछाल किसी बड़े लोन डायवर्जन प्लान से जुड़ी थी। अनिल अंबानी की कंपनी  RHFL  की जांच के हिस्से के तौर पर अनियमित और जल्द अप्रूवल, प्रक्रिया उल्लंघन और संबंधित पक्षों को आगे लोन देने को भी उजागर किया गया है।

यह भी पढ़े: अनिल अंबानी पर ED की दोहरी मार, दिल्ली-मुंबई में लगातार छापे

भारतीय स्टेट बैंक ने अनिल अंबानी को घोषित किया फ्रॉड

आपको बता दें कि, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) भारत का सबसे बड़ा बैंक है। SBI ने अनिल अंबानी को फ्रॉड घोषित किया है। SBI के द्वारा अनिल अंबानी को फ्रॉड घोषित करने के बाद ही ED की छापेमारी शुरू हुई है। SBI बैंक ने इस धोखाधड़ी की सूचना RBI को दे दी है। आरकॉम को SBI के लोन में 2,227.64 करोड़ रुपये के फंड-बेस्ड लोन और 786.52 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी शामिल है। कंपनी दिवालिया कार्यवाही से गुजर रही है और राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के अंतिम फैसले का इंतजार किया जा रहा है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने हाल ही में संसद को सूचित किया कि एसबीआई ने दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के तहत अनिल अंबानी के खिलाफ भी व्यक्तिगत दिवाला कार्यवाही शुरू की है। ED की छापेदारी अनिल अंबानी के 35 से ज्यादा परिसरों, 50 से ज़्यादा कंपनियों के ठिकानों पर हुई और मामले से जुड़े 25 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई। ये छापे मुंबई और दिल्ली में मारे जा गए हैं और इनमें अनिल अंबानी के व्यावसायिक कार्यों से जुड़े दफ्तर और प्रतिष्ठान शामिल हैं। ED ने अनिल अंबानी के घर की तलाशी अभी तक नहीं की है।

यह भी पढ़े: पूरी तरह से कंगाल हो गया है अनिल अंबानी

अगली खबर पढ़ें

पटना में गजब की लापरवाही, 'डॉग बाबू' को मिला आवासीय प्रमाण पत्र!

Dog Certificate
Bihar Samachar
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 04:47 PM
bookmark
बिहार की राजधानी पटना से प्रशासनिक लापरवाही की एक बेहद हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। मसौढ़ी प्रखंड कार्यालय ने एक कुत्ते के नाम पर बाकायदा आवासीय प्रमाण पत्र जारी कर दिया। इस प्रमाण पत्र में आवेदक का नाम “डॉग बाबू”, पिता का नाम “कुत्ता बाबू” और मां का नाम “कुटिया देवी” दर्ज है। इतना ही नहीं प्रमाण पत्र में एक कुत्ते की फोटो भी लगी हुई है। यह मामला उस समय तूल पकड़ गया जब यह विवादित प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया और जांच के आदेश दिए गए। Bihar Samachar

क्या है पूरा मामला?

बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे गहन मतदाता पुनरीक्षण अभियान के तहत बड़ी संख्या में लोगों ने आवासीय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। इसी दौरान मसौढ़ी अंचल कार्यालय के आरटीपीएस काउंटर से 24 जुलाई को यह प्रमाण पत्र जारी हुआ, जिसकी संख्या BRC/CO/2025/15933581 है। प्रमाण पत्र पर राजस्व पदाधिकारी मुरारी चौहान का डिजिटल हस्ताक्षर भी मौजूद था। प्रमाण पत्र में दिए गए पते में काउलीचक, वार्ड-15, मसौढ़ी लिखा है, और फोटो की जगह एक कुत्ते की तस्वीर लगी है।

यह भी पढ़े: बोचहां में पुलिस टीम पर हमला, थानाध्यक्ष समेत 6 जवान घायल

प्रमाण पत्र हुआ रद्द

सोशल मीडिया पर मामला वायरल होने के बाद आरटीपीएस पोर्टल से यह प्रमाण पत्र तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया। साथ ही राजस्व पदाधिकारी का डिजिटल सिग्नेचर भी हटा दिया गया है। मसौढ़ी के अंचलाधिकारी प्रभात रंजन ने इस बात की पुष्टि की है कि सर्टिफिकेट रद्द कर दिया गया है। वहीं, पटना डीएम डॉ. त्यागराजन एस. एम. ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए दोषी कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। डीएम त्यागराजन ने कहा, “यह लापरवाही अस्वीकार्य है। संबंधित कर्मियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की गलती दोबारा न हो।” इस मामले ने बिहार की ई-गवर्नेंस प्रणाली और डिजिटल प्रमाण पत्रों की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल ये भी उठता है कि बिना किसी जांच के, सिर्फ सिस्टम में डेटा फीड होते ही प्रमाण पत्र कैसे जारी हो गया? Bihar Samachar