Delhi News: अवैध मतांतरण पर रोक के लिए लाया जाए केंद्रीय कानून : विहिप

Surendra jain
Delhi News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:39 AM
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Delhi News: विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने अवैध मतांतरण पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय की चिंता से सहमति व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से अवैध मतांतरण को रोकने के लिए शीघ्र ही केंद्रीय कानून बनाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न घटनाओं और इस विषय पर गठित आयोगों का यही निष्कर्ष है कि अवैध मतांतरण धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर इसे नहीं रोका गया तो देश के लिए खतरनाक स्थिति निर्माण हो जाएगी।

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डॉ. जैन ने कहा कि माननीय न्यायपालिका ने पहले भी कई मामलों में अवैध मतांतरण पर केंद्रीय कानून बनाने की आवश्यकता पर बल दिया था। बार बार यह स्पष्ट हो गया है कि जबरन, धोखे से व लालच से किया गया मतांतरण अवैध है परंतु स्पष्ट कानून के अभाव में षड्यंत्रकारियों को सजा नहीं मिल पाती थी।

विश्व हिंदू परिषद व भारत के संतों, महापुरुषों का हमेशा से ही यह मत रहा है कि अवैध मतांतरण को रोकना चाहिए। इसके लिए कई महापुरुषों और संगठनों ने निरंतर संघर्ष किए हैं और बलिदान भी दिए हैं। मिशनरियों से जनजातियों की रक्षा के लिए भगवान बिरसा मुंडा का संघर्ष और बलिदान अविस्मरणीय है। सिक्ख गुरुओं, स्वामी श्रद्धानंद, स्वामी लक्ष्मणानन्द आदि कई महापुरुषों ने मतांतरण को रोकने के लिए ही अपने बलिदान दिए थे। विहिप ने इस विषय पर कई बार प्रस्ताव भी पारित किए हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों के कई उदाहरण यह स्पष्ट करते हैं कि अवैध मतांतरण के कारण राष्ट्र का अस्तित्व और सुरक्षा खतरे में पड़ी है। अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश का तो निर्माण ही मतांतरण के कारण हुआ था। कश्मीर, पूर्वोत्तर, बंगाल और केरल के कई जिलों में हिंदुओं की दुर्दशा के पीछे भी अवैध मतांतरण ही दोषी है। श्रद्धा, निकिता जैसी सैकड़ों लड़कियों की वीभत्स और बर्बर हत्या के पीछे भी मूल कारण मतांतरण ही है। इस काम के लिए विदेशी शक्तियों के समर्थन से भारत में कई राष्ट्र विरोधी शक्तियां सक्रिय हैं। कई बार तो मासूम व विकलांग बच्चों का भी मतांतरण करने वाले माफिया पकड़े गये हैं। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इन मासूम बच्चों को मानव बम के रूप में प्रयोग करने की आशंका भी व्यक्त की गई है। अवैध मतांतरण केवल राष्ट्रीय सुरक्षा ही नहीं सामाजिक सौहार्द के लिए भी खतरा निर्माण करता है। स्वतंत्रता के बाद अवैध मतांतरण पर बनाये गये सभी आयोगों का यह स्पष्ट अभिमत है कि इसे रोकने के लिए केंद्रीय कानून अवश्य बनाना चाहिए।

डॉ. जैन ने कहा कि इस समय भारत के 8 राज्यों में अवैध मतांतरण को रोकने के लिए कानून की व्यवस्था की गई है। परंतु यह समस्या राष्ट्रव्यापी है जिसके पीछे अंतराष्ट्रीय षडयंत्रकारी शक्तियां सक्रियता से काम कर रही हैं। इनके द्वारा भेजी जा रही अकूत धनराशि के कई बार प्रमाण भी मिले हैं। पूर्वोत्तर व पूर्वी राज्यों में मिशनरी और देशभर में पीएफआई की गतिविधियों से यह स्पष्ट हो गया है कि मतांतरण के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा भी खतरे में पड़ती रही है। इसके बाबजूद वोट बैंक की राजनीति के चलते कुछ राजनीतिक दल इसका विरोध करते हैं जबकि पहले वही राजनीतिक दल अपने शासित राज्यों में यह कानून लेकर आए थे। इससे स्पष्ट होता है की ये राजनीतिक दल अपने निहित स्वार्थ के कारण अपने शासन वाले राज्यों में धर्मांतरण विरोधी कानून नहीं लाने वाले। आज के समय में अवैध मतांतरण की समस्या एक भीषण रूप धारण कर चुकी है। अवैध मतांतरण के इस भीषण स्वरूप को देखकर यह स्पष्ट होता है कि केवल कुछ राज्यों में कानून बनाने से इस राष्ट्र विरोधी और समाज विरोधी षडयंत्र को नहीं रोका जा सकता है। उन्होंने दोहराया कि यह आज के समय की आवश्यकता है कि केंद्रीय कानून अविलंब लाना चाहिए जिससे भारत को अवैध मतांतरण की समस्या से मुक्ति दिलाई जा सके।

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UP Political News : रालोद को खतौली पर वाकओवर देगी कांग्रेस, नो कैंडिडेट

Rahul Gandhi with Jayant Chaudhary
locationभारत
userचेतना मंच
calendar15 Nov 2022 10:33 PM
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Muzaffarnagar : मुजफ्फरनगर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण खतौली विधानसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है। इस चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल को देश की बड़ी पार्टी कांग्रेस वाकओवर देगी। यहां भाजपा को हर हाल में शिकस्त मिले, इसे लेकर नए राजनीतिक समीकरण बन चुके हैं। ज्ञात रहे कि साल-2014 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भाजपा नेतृत्व वाले राजग की अगुवाई में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था, तब इसी मुजफ्फरनगर के दंगों को प्रचार का केन्द्र बनाया गया था। पूरे देश में इसी को लेकर भाजपा आगे चली और प्रचंड जीत हासिल की। राजनीतिक हालात ऐसे हुए कि रालोद सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह उनके सुपुत्र और मौजूदा रालोद मुखिया जयंत चौधरी तक चुनाव हार गए। कहते हैं इतिहास अपने आपको दोहराता है। इन्हीं दंगों के आरोपी विक्रम सैनी को जीत के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया। अब वे न्यायालय के आदेश के बाद अयोग्य घोषित हो गए हैं। इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। यदि साल- 2022 के चुनाव की बात करें तो खतौली से रालोद ने राजपाल सैनी को चुनाव में उतारा था। बसपा से करतार सिंह भड़ाना चुनाव मैदान में थे। जबकि कांग्रेस ने गौरव कुमार भाटी पर अपना दांव लगाया था। पीछे चलें तो इस सीट पर 1967 से तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह उसके बाद चौ. अजित सिंह का दबदबा रहा। असर ये था कि फरीदाबाद से तकरीबन 175 किलोमीटर दूर खतौली ले जाकर चौधरी अजित सिंह ने करतार भड़ाना को यहां का विधायक बनाया था। खतौली में कुल 2 लाख 72 हजार 214 मतदाता हैं। इनमें से बड़ी संख्या में गुर्जर, जाट और मुस्लिम मतदाता हैं। सैनी समाज की भी यहां खासी आबादी है। साल-2022 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल पूरे प्रदेश में आठ विधायकों के साथ विधानसभा में हैं। यदि देखा जाए तो ये बसपा से कहीं आगे है। प्रदेश में बसपा का केवल एक विधायक है। हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने रामपुर के विधायक मोहम्मद आजम खां की सदस्यता समाप्त की। इसके बाद एक पत्र रालोद मुखिया चौधरी जयंत ने उन्हें लिखा। इस पत्र में उन्होंने खतौली का जिक्र किया और भाजपा विधायक विक्रम सैनी अयोग्य घोषित हो गए।

UP Political News :

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि राजनीति में आक्रामकता का होना बहुत जरूरी है। जिस तरह से रालोद मुखिया जयंत चौधरी इन दिनों अपने भाषणों में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आक्रामक हैं, उससे विपक्षी दलों के रणनीतिकारों को लगने लगा है कि खतौली पर भाजपा की नाव डूब सकती है। सपा-रालोद गठबंधन को मूक समर्थन देते हुए कांग्रेस के वाकओवर से भी बीजेपी की चिंता बढ़ गई है। आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने भी अपना पूर्ण समर्थन रालोद उम्मीदवार मदन भैया को देने का ऐलान कर दिया है। देखना दिलचस्प होगा कि खतौली में ऊंट किस करवट बैठता है। कांग्रेस ने की पुष्टि : युवा कांग्रेस के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष ओमवीर यादव ने चेतना मंच से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है कि कांग्रेस ने खतौली सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ये चुनाव कई मायनों में अहम है। पार्टी के जिम्मेदार नेता चाहते हैं कि खतौली में किसी भी कीमत पर भाजपा को हराया जाए। इससे साल-2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में स्वाभाविक तौर पर फायदा होगा। पार्टी के कार्यकर्ताओं को इस निर्णय से बल मिलेगा। ये होगा असर : खतौली से पूर्व विधायक मदन भैया को चुनाव में उतारने के पीछे बड़ी राजनीतिक सोच काम कर रही है। सूत्र बताते हैं कि मदन भैया खेकड़ा से तीन बार विधायक रहे हैं। इस विधायकी के पीछे जयंत चौधरी के पिता चौधरी अजित सिंह की बड़ी रणनीति थी। खेकड़ा में उस समय बड़ा वोट बैंक गुर्जर और मुस्लिम जाति का मदन भैया के साथ रहता था। इनमें से कुछ लोग यदि नाराज भी होते थे तो लगभग 18 हजार जाट वोटरों का समर्थन चौधरी साहब की वजह से मदन भैया को मिल जाता था और वे घर बैठे चुनाव फतह कर लेते थे। अब नए परिसीमन में परिस्थितियां बदल चुकी हैं। यही वजह है कि मदन भैया बड़बोले नंद किशोर गुर्जर से लोनी में चुनाव हार गए। मदन भैया का असर लोनी यानि बागपत संसदीय क्षेत्र में है।

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खतौली से यदि मदन भैया चुनाव जीतते हैं तो वे केवल खतौली तक सीमित नहीं रहेंगे। उनका राजनीतिक उपयोग साल-2024 में मुजफ्फरनगर और बागपत के अलावा सहारनपुर लोकसभा सीट पर भी होगा। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह चुनाव कई मायनों में जयंत चौधरी और रालोद के राजनीतिक भविष्य से जुड़ा हुआ है। इसलिए रालोद से खतौली सीट पर टिकट की दावेदारी कर रहे दादरी मंडोरा निवासी अभिषेक चौधरी को बुलाकर पुचकार दिया गया है। उन्हें संगठन में जिम्मेदारी दी जाएगी। मदन भैया के बेहद करीबी कर्मवीर प्रमुख से चेतना मंच ने बात की। उन्होंने बताया कि आज एक अहम बैठक जयंत चौधरी के साथ हुई है। इस बैठक में चुनाव की रणनीति पर चर्चा हुई है। पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ा जाएगा। वहीं, राष्ट्रीय लोकदल के नेता यतेन्द्र बागी ने चेतना मंच को बताया कि पार्टी किसान मजदूर के साथ खड़ी है। खतौली के चुनाव में जनता हमें अपना आशीर्वाद अवश्य देगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट मदन भैया का चुनाव प्रचार करने के लिए खतौली आएंगे। इस चुनाव को हम बड़ी शिददत के साथ लड़ेंगे।
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Viral Video महाराष्ट्र में शिवसैनिकों में जमकर मारपीट, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

Maharashtra
Viral Video
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 05:11 AM
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Viral Video: खबर महाराष्ट्र से है, जहां पर शिवसेना के दो गुटों के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर मारपीट हो गई। इस मारपीट वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो सोमवार की शाम का बताया जा रहा है। घटना महाराष्ट्र के किशन नगर क्षेत्र में उस समय हुई, जब उद्धव ठाकरे की शिवसेना गुट के नए पदाधिकारियों का अभिनंदन किया जा रहा था। सभा में सांसद रजंन विचारे खुद नए पदाधिकारियों को बधाई देने पहुंचे थे।

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस कार्यक्रम में सीएम एकनाथ शिंदे गुट के कार्यकर्ता भी वहां पहुंच गए और नारेबाजी शुरू कर दी। बाद दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हुई जो मारपीट तक जा पहुंची। वायरल वीडियो में दोनों पक्षों को नारेबाजी और मारपीट करते हुए देखा जा सकता है। बाद में दोनों गुट थाणे के श्रीनगर पुलिस स्टेशन पहुंचे और एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। हालांकि यहां भी विवाद नहीं थमा तो पुलिस को लाठी चार्ज करके भीड़ को भगाना पड़ा।

आपको बता दें कि इससे पहले लातूर से भाजपा और कांग्रेस के 40 पदाधिकारी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली ‘बालासाहेबंची शिवसेना’ में शामिल हो गए हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली पार्टी के एक जिला पदाधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। जब वे उनकी पार्टी में शामिल हुए तब शिंदे रविवार को मुंबई में हुए कार्यक्रम में मौजूद थे।

देखिए वायरल वीडियो

https://twitter.com/nitesh_sriv/status/1592415615410573312?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1592415615410573312%7Ctwgr%5Ed32157ad7c3b42523d0a1f9d616a1b7b640782eb%7Ctwcon%5Es1_c10&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.india.com%2Fhindi-news%2Fmaharashtra%2Fmaharashtra-hindi-news-clash-between-uddhav-thackeray-and-eknath-shindes-factions-in-maharashtras-thane-5743819%2F

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