नई दिल्ली/बॉलीवुड: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले ने सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था को ही नहीं, बल्कि भारत-पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक रिश्तों को भी प्रभावित किया है। इस हमले के बाद एक बार फिर पाकिस्तानी कलाकारों के साथ बॉलीवुड का रिश्ता सवालों के घेरे में आ गया है।
पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान और भारतीय अभिनेत्री वाणी कपूर की फिल्म ‘अबीर गुलाल’ की रिलीज़ पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। भारत में फिल्म के वितरकों और थिएटर मालिकों में फिल्म को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कई लोग फवाद की पाकिस्तानी नागरिकता के चलते फिल्म का विरोध कर रहे हैं।
पहलगाम आतंकी हमला और भारत सरकार के फैसले:
18 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले में कई निर्दोष लोगों की जान गई। हमले के बाद भारत सरकार ने सुरक्षा और रणनीतिक स्तर पर कई अहम फैसले लिए हैं:
पांच प्रमुख फैसले:
सिंधु जल संधि स्थगित: जब तक पाकिस्तान आतंकवादियों का समर्थन बंद नहीं करता, सिंधु जल समझौता भारत की ओर से एकतरफा स्थगित रहेगा।
राजनयिकों की संख्या में कटौती: दोनों देशों में कार्यरत एक-दूसरे के उच्चायोगों में राजनयिकों की संख्या 55 से घटाकर 30 की गई। साथ ही रक्षा सेवाओं से जुड़े अधिकारियों की तैनाती तुरंत समाप्त कर दी गई है।
सीमा चौकी बंद: अटारी-वाघा सीमा चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है।
वीज़ा नीति में सख्ती: पाकिस्तानी नागरिकों को सांस्कृतिक या अन्य उद्देश्यों से भारत आने के वीज़ा पर रोक लगा दी गई है। जो पहले से भारत में हैं, उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ना होगा।
संस्कृति और मीडिया निगरानी: फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में पाकिस्तान से जुड़े कलाकारों पर नए दिशानिर्देशों के तहत कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
फिल्म इंडस्ट्री पर भी पहलगाम आतंकी हमले का असर:
‘अबीर गुलाल’ जैसी फिल्में जहां दो देशों के कलाकारों के बीच सांस्कृतिक पुल का कार्य करती हैं, वहीं ऐसे हमले और उसके बाद की सख्त नीतियां इन संबंधों को बाधित करती हैं। पहले भी माहिरा खान, आतिफ असलम और फवाद जैसे कलाकारों की फिल्मों को भारत में रिलीज़ करने पर विवाद हो चुका है। अब इस आतंकी हमले के बाद फवाद खान और वाणी कपूर की फिल्म ‘अबीर गुलाल’ पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं।