AR Rahman Birthday Special- एआर रहमान… इस नाम का भी परिचय देने की भला कोई ज़रूरत है! ये नाम तो खुद ही एक पहचान है। एआर रहमान के संगीत के तो क्या ही कहने। इनकी तो बात ही कुछ निराली होती है। बच्चा हो या बूढ़ा हर कोई इनके संगीत का दीवाना है। ये सुरों के वो बादशाह हैं जिन्होंने हिंदी के साथ- साथ कई भाषाओं की फिल्मों में संगीत प्रदान किया है। गोल्डन ग्लोब अवार्ड से सम्मानित किए जा चुके ये पहले भारतीय हैं। आज इनका जन्मदिन है। आइये इस मौके पर इनके बारे में जानते हैं।
एआर रहमान का बचपन-
एआर रहमान (AR Rahman) का जन्म 6 जनवरी 1967 में चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ था। शुरुआती दौर में इनका नाम ए एस दिलीप कुमार था। संगीत इन्हें विरासत में मिला था। इनके पिताजी मलयाली फिल्मों में संगीत दिया करते थे। बस यहीं से इन्हें प्रेरणा मिली और ये निकल पड़े इस राह पर। जब ये 11 साल के थे तब ये अपने बचपन के साथी शिवमणि के साथ रहमान बैंड रूट्स के लिए की बोर्ड बजाया करते थे। इन्हें पियानो, गिटार, हारमोनियम सब कुछ बजाना आता था।
इनके पिता इन्हें बहुत छोटी उम्र में ही छोड़कर चले गए थे जिसके बाद इनका परिवार बहुत मुश्किल दौर से गुजरा। उसी समय हालात कुछ ऐसे हुए की इन्हें अपना धर्म तक परिवर्तित करना पड़ा। असल में जब इनके पिता इस दुनिया को छोड़कर गए, उसके बाद से ही कट्टरपंथियों ने इन्हें बेहद परेशान करना शुरू किया। इस वजह से ये हमेशा परेशान रहा करते थे।
बहन की वजह से कबूला इस्लाम-
1989 का वो समय था जब रहमान की छोटी बहन बहुत ज्यादा बीमार हो गई थी। लगभग हर एक डॉक्टर ने जबाब दे दिया था और उसके बचने की कोई उम्मीद नहीं थी। बहन को बचाने के लिए रहमान ने बहुत दुआएं मांगीं। वो मस्जिद में जाकर दुआ मांगते थे और करिश्मा हुआ भी। उनकी बहन को कुछ नहीं हुआ और वो सही सलामत हो गई। बस इसी चमत्कार को देखकर एआर रहमान ने इस्लाम को कबूल लिया।
एक ज्योतिषी के कहने पर बदला नाम-
रहमान को अपना रियल नेम कभी भी अच्छा नहीं लगा था। कभी- कभी उन्हें ख्याल आता था कि वो अपना नाम बदल लें मगर ऐसा कुछ कभी हुआ नहीं। फिर एक दिन अचानक उनकी मां उनकी बहन की कुंडली दिखाने के लिए, उन्हें लेकर ज्योतिषी के पास गईं। उस ज्योतिषी ने ही इन्हें नाम बदलने के लिए कहा। बस उसके कहने पर इन्होंने नाम बदल लिया और ये दिलीप कुमार से एआर रहमान बन गए। एआर नाम इसलिए चुना क्योंकि उनकी मां चाहती थीं कि उनके बेटे के नाम में अल्लाह रक्खा को भी जोड़ा जाए।
स्लमडॉग मिलेनियर के लिए मिला ऑस्कर-
एआर रहमान (AR Rahman) को फ़िल्म स्लमडॉग मिलेनियर के लिए दो ऑस्कर अवार्ड मिल चुके हैं। यही नहीं, रहमान दो ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित किए जाने वाले पहले भारतीय हैं। इसी के साथ उन्हें 4 नैशनल फिल्म अवॉर्ड, 15 फिल्मफेयर अवॉर्ड, 1 बाफ्टा अवार्ड, 1 गोल्डन ग्लोब अवार्ड और 13 साउथ फिल्मफेयर अवार्ड के साथ नवाजा जा चुका है।