Monday, 17 February 2025

कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’, भारतीय राजनीति के सबसे काले दौर की कहानी, क्यों उठ रही बैन की मांग ?

Kangana Ranaut: बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ आज 17 जनवरी को सिनेमाघर में रिलीज हो गई है। भारतीय…

कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’, भारतीय राजनीति के सबसे काले दौर की कहानी, क्यों उठ रही बैन की मांग ?

Kangana Ranaut: बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ आज 17 जनवरी को सिनेमाघर में रिलीज हो गई है। भारतीय राजनीति के सबसे काले दौर की कहानी को दर्शाती ये फिल्म रिलीज से पहले ही विवादों में घिरी हुई थी, जिसकी वजह से फिल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट प्राप्त करने में काफी मेहनत करनी पड़ी। यहां तक की कानूनी अड़चन का भी सामना करना पड़ा। काफी मशक्कत के बाद फाइनली यह फिल्म आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है, लेकिन फिल्म को लेकर विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है। फिल्म के रिलीज होने के बाद एक बार फिर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है और फिल्म को बैन करने की मांग की है। यह सब क्यों हो रहा है, यह आगे जानेंगे। इससे पहले आइए जानते हैं कि फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर क्या रिव्यू सामने आए हैं।

कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ का रिव्यू:

कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी भारत के इतिहास के उसे पाने को दर्शा रही है, जिसमें अपने प्रधानमंत्री कल के दौरान इंदिरा गांधी ने जब देश में इमरजेंसी लगा दिया था। इस फिल्म में उस दौर के सभी ऐतिहासिक मुद्दों जैसे बांग्लादेश स्वतंत्रता युद्ध, ऑपरेशन ब्लू स्टार, खालिस्तान आंदोलन और इंदिरा गांधी की हत्या आदि को बखूबी दर्शाया गया है।

फिल्म इमरजेंसी की शुरुआत इंदिरा गांधी के बचपन (साल 1929) से हुई है। फिल्म के पहले सीन में छोटी सी इंदिरा गांधी अपने दादा से इंद्रप्रस्थ की कहानी सुनते नजर आ रही है। यह कहानी छोटी सी इंदिरा के दिमाग पर इस कदर छा जाती है कि वो अपने दिमाग में ये बैठा लेती है कि जो दिल्ली पर राज करेगा वह पूरे देश में राज करेगा। और इस तरह फिल्म की कहानी देश के सभी राजनीतिक मुद्दों को अपने अंदर समेटते हुए आगे बढ़ती है।

इंटरवल तक ये मूवी आपको थोड़ी बोरिंग लग सकती है, क्योंकि सभी मुद्दों को दर्शाने के चक्कर में फिल्म की कहानी को खींच दिया गया है। इंदिरा गांधी द्वारा देश में इमरजेंसी लागू किए जाने के साथ फिल्म का इंटरवल हो जाता है। इंटरवल के बाद की कहानी दर्शकों को बंद के रखने वाली है। इस फिल्म की सबसे खास बात यह है कि इसमें सभी ऐतिहासिक मुद्दों को बखूबी दर्शाया गया है, साथ ही उस दौर को ज्यों का त्यों दिखाने का प्रयास किया गया है। फिल्म में किसी भी जगह इंदिरा गांधी के कामों को छुपाने अथवा उन्हें बदनाम करने का प्रयास नहीं किया गया है। बल्कि पूरी निष्पक्षता के साथ भारतीय राजनीति के विभिन्न पहलुओं को दर्शकों के सामने रखने का प्रयास किया गया है।

पॉलिटिक्स में इंटरेस्ट रखने वालों के लिए यह फिल्म बहुत ही प्रभावशाली है। हालांकि मनोरंजन के लिहाज से इस फिल्म को देखने से निराशा हाथ लग सकती है।

क्यों हो रहा फिल्म ‘ इमरजेंसी ‘ का विरोध:

कंगना रनौत की फिल्म को रिलीज होने के बाद विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) पंजाब में इस फिल्म को बैन करने की मांग कर रही है। कमेटी की तरफ से ये ऐलान किया गया है यदि फिल्म सिनेमा घरों में रिलीज हुई तो वो विरोध प्रदर्शन करेंगे। पंजाब भर में SGPC मुलाजिमों की ड्यूटी लगा दी गई है, और उनका कहना है कि अगर विरोध बढ़ता है, तो पंजाब सरकार जिम्मेदार होगी। गुरुवार को अमृतसर के डीसी को इस संबंध में एक मांग पत्र भी दिया गया था। फिल्म के विरोध के चलते, अमृतसर के सिनेमाघरों के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

SGPC के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक पत्र लिखा है, जिसमें फिल्म ‘इमरजेंसी’ को पंजाब में बैन करने की मांग की गई है। उनका आरोप है कि कंगना ने इस फिल्म में सिखों को बदनाम किया है। बता दें कि फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने पर भी सिख संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद सेंसर बोर्ड ने फिल्म के सर्टिफिकेट को रोक लिया था। इसके बाद फिल्म में कई बदलाव होने के बाद ही इसे रिलीज के लिए मंजूरी दी गई।

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