नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में आम आदमी के लिए अपना घर बनाना काफी महंगा हो चुका है। यहां आवास विकास परिषद द्वारा जमीनों (Land Price) के रेट में 5 से 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है। हालांकि परिषद द्वारा फ्लैट की कीमतों को नहीं बढ़ाया गया है।
जमीनों के दाम बढ़ने से तत्काल प्रभाव से लागू होना शुरु हो जाएंगे। वहीं आवास विकास परिषद की बात करें तो इस कदम से माना गया है कि दूसरे प्राधिकरण (Land Price) और निजी कंपनियां में आने वाले दिनों में जमीन के दाम में बढ़ोतरी की जा सकती है।
आवास विकास वाले इस कदम से सबसे अधिक महंगी जमीन लखनऊ, गोंडा, वाराणसी, गोरखपुर और बाराबंकी की योजनाओं की हो चुकी है। परिषद ने वाराणसी की बात करें तो पांडेपुर योजना, गोरखपुर की बेतियाहाता दक्षिणी योजना, गोंडा की भरतपुर योजना, बाराबंकी की ओवरी योजना और लखनऊ की वृंदावन योजना में 15 फीसदी तक दाम में बढ़ोतरी कर दी है।
वहीं बलिया, गाजीपुर, आजमगढ़, प्रयागराज, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, फतेहपुर, बस्ती, गोरखपुर, अयोध्या, सुल्तानपुर, गोंडा, झांसी, बांदा में आवास विकास की जमीन की कीमत में 10 प्रतिशत तक ही बढ़ोतरी हुई है।
इसके अलावा जालौन, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मथुरा, हाथरस, कासगंज, अलीगढ़, मेरठ, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर में भी जमीन के दाम 10 फ़ीसदी तक बढ़ना शुरु हो गए हैं। इसके साथ मुरादाबाद, रामपुर, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, लखीमपुर में भी 10 फ़ीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है।
हालांकि एक राहत इस बात से मिली है कि फिलहाल कानपुर, फर्रुखाबाद, इटावा, बहराइच, औरैया, कन्नौज, बरेली में जमीन के रेट में कोई उछाल नहीं की गई है। पीलीभीत, संभल, अमरोहा, शाहजहांपुर, बिजनौर, हापुड़ और बागपत में भी दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।