-अंजना भागी
SPECIAL STORY: आखिर आशुतोष महाराज के शरीर को जलाने की ऐसी भी क्या जल्दी है? हिंदू धर्म के अनुसार समाधिस्थ के शरीर के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकते । कोर्ट डिसीजन नहीं ले पा रहा शायद इसमें मास इंवॉल्व है। लोगों की आस्था और विश्वास का सवाल है । हर 6 महीने बाद 3 डॉक्टरों की एक टीम बाबा आशुतोष के शरीर की जांच के लिए जाती है। उनका शरीर एक फ्रीजर में जिसका तापमान माइनस 22 डिग्री है में आशुतोष बाबा समाधिस्थ हैं। इस बॉक्स के चारों तरफ उनके लगभग 20 अनुयायी हर वक्त रहते हैं उनमें से कुछ मंत्र जाप तो कुछ योगिक क्रियाएं करते हैं । क्योंकि उनका मानना है कि बाबा कभी भी समाधि से जाग सकते हैं । इस तरह से नूर महल के उस डेरे में एक बहुत अच्छा माहौल बनाया गया है
SPECIAL STORY
बाबा आशुतोष का असली परिचय कुछ इस प्रकार है। महेश झा उर्फ बाबा आशुतोष महाराज का जन्म सन 1946 में बिहार के दरभंगा जिले के नखलोर गांव में हुआ था। अपनी शादी के 18 महीने बाद ही वे अपनी पत्नी व बेटे को छोड़ आशुतोष मानव उत्थान सेवा समिति के संस्थापक सतपाल महाराज के शिष्य बन गए। उन्होंने 1983 में अपना संप्रदाय शुरू किया। नूर महल में 16 मरला का घर खरीदने से पहले वे गांव में भजन कीर्तन के कार्यक्रम आयोजित करते थे और इस तरह से उन्होंने डीजेजेएस का गठन किया। जो 1991 में मुख्यालय के रूप में दिल्ली के साथ पंजीकृत हुआ। आज डीजेजेएस का जालंधर नकोदर रोड पर 40 एकड़ का परिसर है और हमारे देश में उनके लगभग 100 से अधिक केंद्र पूरे भारत में हैं । 8 जनवरी 2014 में बाबा के सीने में जकड़न की शिकायत थी। हालत बिगड़ने पर सतगुरु प्रताप सिंह अपोलो अस्पताल से एंबुलेंस आई थी । वहां से आए डॉक्टरों ने घोषित किया था बाबा अब और नहीं इस खबर के बाद कुछ ऐसी भी खबर थी कि बाबा बीमार है या बाबा समाधि में चले गए। इसके पश्चात यह सूचना चारों ओर फैल गई कि बाबा आशुतोष फिर से समाधि में चले गए हैं। ऐसा माना गया है कि पहले भी वह उत्तराखंड की पहाड़ियों में लगभग 20 साल तक समाधि में रहे थे। इस तरह ऐसे ही वे 13 साल समाधि में रहे ।
जब 13 साल बाद वे समाधि से उठे थे तब उनको किसने देखा यह प्रश्न भी आस्था के खिलाफ ही हैं। अब बाबा कब उठेंगे यह एक प्रश्न है ? आज 9 साल होने को हैं। बाबा को नूर महल के एक बड़े हॉल में एक बड़े फ्रिजर में-22 डिग्री टेंपरेचर पर रखा गया है। हर 6 महीने बाद डॉक्टर उनके शरीर का चेकअप करते हैं। हमारा संविधान जीवित और मृत दोनों को बराबर का सम्मान देता है बाबा की समाधि का सच क्या है यह तो भगवान जाने पर लोगों की आस्था और विश्वास वापस आने वाले उनके भक्तों के शब्दों में बाबा समाधि पर और भी एक दिन प्रकट होंगे। जब उनसे पूछा गया कि कब प्रकट होंगे तो उनके अनुयायियों का मानना है कि जिस दिन हमारे देश पर कुछ घोर संकट जाएगा उसी दिन बाबा समाधि से उड़ जाएंगे। बाबा की सेवा में रहे एक और बाबा महादेव उनका मानना है कि बाबा जरूर आएंगे बल्कि वे तो हर रोज मेरे सपने में आते हैं कि मेरी समाधि अब पूरी करवा दो।
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3 डॉक्टर्स का पैनल हर 6 महीने बाद जिनमें से एक दयानंद मेडिकल कॉलेज लुधियाना के हैं डॉ अजय गोयल। उसी कॉलेज के फोरेन्सीक विभाग से डॉ गौतम विश्वास और जालंधर के सिविल सर्जन शामिल हैं। पिछला निरीक्षण 2018 में किया गया था।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ द्वारा शरीर का दाह संस्कार करने का 2014 का आदेश एक खंडपीठ द्वारा पलट दिया गया था जिससे 5 जुलाई 2017 को भी उसके शरीर को सुरक्षित जालंधर के सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार बुगाटी कहा कि उनके शरीर के सड़ने के कोई निशान नहीं है शरीर पर बैक्टीरिया कल्चर परीक्षा भी नकारात्मक निकला है यदि कोई भी अपनी उंगली को वर्ष में या ठंडे पानी में थोड़ी देर भी रखे तुम्हें सिकुड़ जाती है फिर काली पड़ जाती है बाबा आशुतोष का शरीर वैसे का वैसा ही है अब इससे ज्यादा क्या कहें जहां आस्था है वह विश्वास है करने की अनुमति दीजिए