Adhik Maas Pradosh Vrat 2023: श्रावण अधिक मास का पहला प्रदोष होगा रवि प्रदोष व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त पूजा समय 

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Adhik Maas Pradosh Vrat 2023
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calendar02 Dec 2025 05:05 AM
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एस्ट्रोलॉजर राजरानी, 21 जुलाई 2023, नोएडा Adhik Maas Pradosh Vrat 2023, ग्रेटर नोएडा न्यूज़: प्रदोष व्रत का समय भगवान शिव के पूजन से संबंधित है । इस वर्ष सावन माह में Adhik Maas Pradosh Vrat का आगमन रविवार के दिन होगा । इस दिन पर भक्त भगवान शिव का पूजन करते हैं और मनोवांछित फलों को पाने में सफल होते हैं। प्रदोष काल में किया जाने वाला पूजन इस दिन पर विशेष रुप से किया जाता है। अधिकमास में किया जाने वाला प्रदोष व्रत भक्तों को सभी प्रकार के विघ्नों से बचाता है और पुण्य फलों को प्रदान करता है । हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है । लेकिन जब अधिकमास में प्रदोष व्रत आता है तो उसका फल अधिक बढ़ जाता है। धर्म ग्रंथों और शास्त्रों में श्रावण के माह में अधिकमाह  में पड़ने वाला प्रदोष व्रत बहुत ही शुभ होता है और कई गुना अधिक लाभकारी बताया गया है।  

Adhik Maas Pradosh Vrat 2023

सावन अधिक मास के पहले प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त समय

नोएडा न्यूज़: इस साल सावन के माह में अधिकमास होने से प्रदोष व्रत भी अधिक होंगे. जिसमें से अधिकमास को मिलाकर चार प्रदोष व्रत पड़ेंगे। अब इस समय पर सावन अधिकमास का पहला प्रदोष व्रत रविवार को रखा जाएगा। जिसके कारण यह रवि प्रदोष कहा जाएगा। सावन अधिकमास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 30 जुलाई को रविवार के दिन 10: 34 से होगा। इसके बाद अधिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि कि समाप्ति 31 जुलाई 2023 को सोमवार के दिन 07:27 पर हो जाएगी।

Sawan's second Pradosh Vrat 2023

 

श्रावण अधिक मास प्रदोष पूजा योग 

ग्रेटर नोएडा न्यूज़: श्रावण माह के अधिकमास की शुक्ल पक्ष के प्रदोष प्रदोष व्रत की पूजा का आरंभ प्रात:काल से ही होगा। इसमें प्रदोष समय पूजा का समय संध्या 19:14 से आरंभ होगा। प्रदोष व्रत की पूजा का समय रात्रि 21:19 मिनट तक रहने वाला है। श्रावण अधिक मास में पड़ने वाले प्रदोष व्रत के दिन कुछ शुभ योग भी निर्मित होंगे। इस में सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, इंद्र योग एवं वैधृतियोग का निर्माण होगा। 30 जुलाई को सुबह 6:00 से 21:32 तक सर्वार्थ योग व्याप्त होगा। 30 जुलाई को ही रात 21.32 से अगले दिन तक रवि योग बना रहने वाला है.  

Adhik Maas Ravi Pradosh Vrat का महत्व 

अधिकमास पर रविवार के दिन प्रदोष व्रत का लाभ व्यक्ति को मान सम्मान एवं यश की प्राप्ति के रुप में होगा। इस दिन रविवार का समय होने से भगवान सूर्य का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा। इस समय पर किया जाने वाला शिव पूजन एवं सूर्य पूजन व्यक्ति को समस्त प्रकार के मान सम्मान प्रदान करने वाला होगा। धर्म शास्त्रों में प्रदोष व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. शिवपुराण में इस दिन के संदर्भ में बहुत ही सुंदर वर्णन प्राप्त होता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है. जो भक्त इस दिन पूजा करते हैं वह जीवन में आने वाले संकटों से मुक्ति पाते हैं। प्रदोष व्रत की पूजा करने से शादीशुदा जीवन के साथ-साथ कई अन्य सुख भी प्राप्त होते हैं।

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#dharmkarm #धर्मकर्म #greaternoida #noida #jyotish #spiritual #chetnamanch #astrology   ग्रेटर नोएडा / नोएडा का नंबर 1 न्यूज़ पोर्टल देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें नीचे दिये सोशल मीडिया लिंक्स पे फॉलो और सबस्क्राइब करे और चेतना मंच से जुड़े रहें। Follow and subscribe us on: Facebook | Twitter | LinkedIn | Instagram | YouTube | Koo
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एस्ट्रोलॉजर राजरानी, 21 जुलाई 2023, नोएडा Adhik Maas Pradosh Vrat 2023, ग्रेटर नोएडा न्यूज़: प्रदोष व्रत का समय भगवान शिव के पूजन से संबंधित है । इस वर्ष सावन माह में Adhik Maas Pradosh Vrat का आगमन रविवार के दिन होगा । इस दिन पर भक्त भगवान शिव का पूजन करते हैं और मनोवांछित फलों को पाने में सफल होते हैं। प्रदोष काल में किया जाने वाला पूजन इस दिन पर विशेष रुप से किया जाता है। अधिकमास में किया जाने वाला प्रदोष व्रत भक्तों को सभी प्रकार के विघ्नों से बचाता है और पुण्य फलों को प्रदान करता है । हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है । लेकिन जब अधिकमास में प्रदोष व्रत आता है तो उसका फल अधिक बढ़ जाता है। धर्म ग्रंथों और शास्त्रों में श्रावण के माह में अधिकमाह  में पड़ने वाला प्रदोष व्रत बहुत ही शुभ होता है और कई गुना अधिक लाभकारी बताया गया है।  

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सावन अधिक मास के पहले प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त समय

नोएडा न्यूज़: इस साल सावन के माह में अधिकमास होने से प्रदोष व्रत भी अधिक होंगे. जिसमें से अधिकमास को मिलाकर चार प्रदोष व्रत पड़ेंगे। अब इस समय पर सावन अधिकमास का पहला प्रदोष व्रत रविवार को रखा जाएगा। जिसके कारण यह रवि प्रदोष कहा जाएगा। सावन अधिकमास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 30 जुलाई को रविवार के दिन 10: 34 से होगा। इसके बाद अधिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि कि समाप्ति 31 जुलाई 2023 को सोमवार के दिन 07:27 पर हो जाएगी।

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श्रावण अधिक मास प्रदोष पूजा योग 

ग्रेटर नोएडा न्यूज़: श्रावण माह के अधिकमास की शुक्ल पक्ष के प्रदोष प्रदोष व्रत की पूजा का आरंभ प्रात:काल से ही होगा। इसमें प्रदोष समय पूजा का समय संध्या 19:14 से आरंभ होगा। प्रदोष व्रत की पूजा का समय रात्रि 21:19 मिनट तक रहने वाला है। श्रावण अधिक मास में पड़ने वाले प्रदोष व्रत के दिन कुछ शुभ योग भी निर्मित होंगे। इस में सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, इंद्र योग एवं वैधृतियोग का निर्माण होगा। 30 जुलाई को सुबह 6:00 से 21:32 तक सर्वार्थ योग व्याप्त होगा। 30 जुलाई को ही रात 21.32 से अगले दिन तक रवि योग बना रहने वाला है.  

Adhik Maas Ravi Pradosh Vrat का महत्व 

अधिकमास पर रविवार के दिन प्रदोष व्रत का लाभ व्यक्ति को मान सम्मान एवं यश की प्राप्ति के रुप में होगा। इस दिन रविवार का समय होने से भगवान सूर्य का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा। इस समय पर किया जाने वाला शिव पूजन एवं सूर्य पूजन व्यक्ति को समस्त प्रकार के मान सम्मान प्रदान करने वाला होगा। धर्म शास्त्रों में प्रदोष व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. शिवपुराण में इस दिन के संदर्भ में बहुत ही सुंदर वर्णन प्राप्त होता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है. जो भक्त इस दिन पूजा करते हैं वह जीवन में आने वाले संकटों से मुक्ति पाते हैं। प्रदोष व्रत की पूजा करने से शादीशुदा जीवन के साथ-साथ कई अन्य सुख भी प्राप्त होते हैं।

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SC/ST Mandir Ban: धार मे दलित वर्ग को मंदिर मे प्रवेश करने पर लगाई रोक पर मचा बवाल

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नर्मदेश्वर महादेव मंदिर
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calendar21 Jul 2023 04:22 PM
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बबीता आर्य, 21 जुलाई 2023, मध्य प्रदेश MP News - SC/ST Mandir Ban: मध्य प्रदेश के धार जिले मे महादेव के मंदिर में दलित के प्रवेश पर रोक लगाने  का मामला सामने आया है । यह घटना मध्य प्रदेश के धार जिले में एक मंदिर के बाहर बैनर लगाकर दलितों के प्रवेश पर रोकने की है। रोक लगाने के मामले ने हंगामे का रूप ले लिया है। दलित समाज के हंगामे के बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौक पर पहुंचे और मंदिर से बैनर को हटवाया। मामले में पुलिस ने एससी-एसटी कानून के तहत केस दर्ज किया है।

SC/ST Mandir Ban

कहा है मंदिर?

यह मामला धार जिले के कुक्षी विकासखंड के लोहारी ग्राम का है। यहां श्री नर्मदेश्वर  महादेव मंदिर है, जहां मंदिर के बाहर एक बैनर लगा नजर आया। जिसमें साफ लिखा था - निवेदन है कि हरिजनों का मंदिर में आना सख्त मना है। मंदिर के बाहर एक समाज विशेष के प्रवेश पर रोक लगाए जाने का बैनर लगा होने की बात सामने आने पर बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतर आए। [caption id="attachment_102940" align="aligncenter" width="700"]SC/ST Entry Ban SC/ST Entry Ban Banner[/caption]

देखिये कौन है विरोध में?

ग्रामीणों ने जयस के पदाधिकारियों के साथ चक्काजाम किया, जिससे मनावर-कुक्षी मार्ग पर वाहनों की लाइन लग गई। विरोध कर रहे लोगों की मांग पर प्रशासन ने मंदिर से फ्लैक्स हटवा दिया है। इसके अलावा क्षेत्रीय विधायक हीरालाल अलावा भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने किसी तरह समझा बुझा  कर रात साढ़े बारह बजे जाम खुलवाया । एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि फ्लैक्स लगाने वाले प्रहलाद विश्वकर्मा नाम के आरोपी के खिलाफ मारपीट समेत एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।  

SC/ST Mandir Ban: जमीन मेरी तो मंदिर मेरा 

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र पाटीदार ने बताया कि प्रह्लाद विश्वकर्मा नाम के व्यक्ति ने अपनी जमीन पर एक मंदिर बनाया है, जिसका निर्माण 3 माह पहले ही हुआ है । गांव के लोग हर रोज यहा पूजा अर्चना करने आते है । तभी उसके पास एक बोर्ड लगा दिया जाता है । बोर्ड में लिखा है कि पूजा स्थल सार्वजनिक संपत्ति नहीं बल्कि उसकी निजी संपदा है। ऐसे में निवेदन है कि (समाज विशेष) का मंदिर में आना सख्त मना है। [caption id="attachment_102946" align="aligncenter" width="700"]MP पुलिस के हाथ मे सब MP पुलिस के हाथ मे सब[/caption]

क्या सच मे ज़मीन प्रह्लाद विश्वकर्मा की है?

शिकायतकर्ता धनराज का कहना है कि हम खुद ही वहां नहीं जातें है । लेकिन इस तरह का बोर्ड लगाकर हमारी भावनाओं को ठेस पहुचाई है । जब इस बात का विरोध किया गया तो प्रह्लाद विश्वकर्मा ने गाली-गलौज किया और जान से मारने की धमकी भी दी । ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि प्रहलाद ने शासकीय जमीन पर कब्जा किया है जिसे निजी बता रहा है। लोगों ने मंदिर की जमीन की भी जांच करने की मांग की है।

SC/ST Mandir Ban: क्या करना चाहिए? हम बताए क्या?

यह सही है कि मामले की पूरी जांच कानून के दायरे मे रहकर ही करनी चाहिए। सबसे पहले तो यह पता लगाना ज़रूरी है की वो ज़मीन असल मे है किसकी? अगर वो ज़मीन प्रह्लाद विश्वकर्मा की नहीं है तोह सरकार को ज़मीन कब्ज़े मे ले लेनी चाहिए और मंदिर मे सबका प्रवेश जारी रखना चाहिए। अगर वो प्रह्लाद विश्वकर्मा की ही है तो बात-चीत कर के हरिजनो की एंट्री बैन का जो बैनर लगा हुआ है वो तुरंत हटवाना चाहिए । फिर अगर प्रह्लाद विश्वकर्मा दलित समाज से मांफी मांगता है और मंदिर मे किसी की एंट्री मे कोई रुकावट पैदा नहीं करता तो दलित समाज को उन्हे माफ़ कर देना चाहिए। अगर नहीं, तो फिर प्रह्लाद विश्वकर्मा पर कानूनी प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए और दोषी पाए जाने पर उपयुक्त सज़ा होनी चाहिए । हमे नहीं लगता की निर्णय आने मे ज्यादा समय लगेगा। आपको क्या लगता है इस पूरे मामले के बारे मे? अपनी राय नीचे कमेंट बॉक्स मे लिखें और हमसे बात करे।  

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