Maharashtra महाराष्ट्र की परियोजनाओं को 'चुरा' रहा है UP

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userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 05:47 AM
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 Maharashtra : मुंबई। महाराष्ट्र में विपक्षी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से राज्य में नौकरियों और निवेश की रक्षा करने की अपील करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं को यहां से दूसरे राज्यों में ले जाने की योजना बना रही है।

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राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि उनकी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उत्तरी राज्य में निवेश के लिए बॉलीवुड और महाराष्ट्र के उद्योगों को लुभाने के प्रयास को गंभीरता से लिया है।

महेश तापसे ने आरोप लगाया कि गुजरात के बाद अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हमारी परियोजनाओं की 'चोरी' करने आए हैं। दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकार है।

योगी आदित्यनाथ ने अगले महीने लखनऊ में होने वाले निवेशक शिखर सम्मेलन के सिलसिले में बृहस्पतिवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक रोड शो किया और हिंदी फिल्म उद्योग की प्रमुख हस्तियों से भी मुलाकात की।

राकांपा नेता ने कहा कि इससे पहले, वेदांता-फॉक्सकॉन और टाटा-एयरबस परियोजनाओं को गुजरात में भेज दिया गया था। शुरुआत में इन दोनों परियोजनाओं को महाराष्ट्र में लाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए इन्हें वहां ले जाया गया।

महेश तापसे ने एक बयान में कहा कि अब ऐसा लगता है कि भाजपा वही खेल खेल रही है और उत्तरी राज्य में लोकसभा सीटों की संख्या पर नजर रखते हुए महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश में अपने उपक्रमों को स्थानांतरित करने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने एकनाथ शिंदे से भाजपा की इस 'साजिश' को विफल करने और महाराष्ट्र के लोगों की नौकरियां और आजीविका बचाने की अपील की।

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Border dispute : दो राज्यों के बीच सीमा में बदलाव विशुद्ध रूप से राजनीतिक मुद्दा: मेघालय

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 06:32 PM
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Border dispute : नई दिल्ली। मेघालय सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि दो राज्यों के बीच सीमाओं में बदलाव या क्षेत्रों के आदान-प्रदान से संबंधित मामला पूरी तरह से राजनीतिक मुद्दा है, जो कार्यपालिका के ‘एकमात्र कार्यक्षेत्र’ में आता है।

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राज्य सरकार ने मेघालय उच्च न्यायालय के आठ दिसंबर, 2022 के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है, जिसमें असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों द्वारा उनके सीमा विवाद को सुलझाने के लिए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी याचिका में मेघालय सरकार ने कहा कि उच्च न्यायालय इस बात की समीक्षा करने में विफल रहा कि जब मामला राज्यों के बीच सीमा के सीमांकन जैसे संप्रभु कार्यों से संबंधित है, तो केवल याचिकाकर्ता के कहने पर अंतरिम आदेश पारित नहीं किया जा सकता है। याचिका में कहा गया है, यह निवेदन किया जाता है कि दो राज्यों के बीच सीमाओं के परिवर्तन या दो राज्यों के बीच क्षेत्रों के आदान-प्रदान से संबंधित कोई भी मुद्दा देश के राजनीतिक प्रशासन और इसकी संघीय घटक इकाइयों से संबंधित विशुद्ध रूप से राजनीतिक प्रश्न है। याचिका में कहा गया है कि दोनों राज्यों द्वारा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सीमाओं का सीमांकन करने के लिए राज्यों के बीच एक संप्रभु अधिनियम है जिसे एक रिट याचिका के माध्यम से हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है और अंतरिम आदेश पारित करके (राज्यों के अधिकार को) कम नहीं किया जा सकता है। याचिका के अनुसार, इतना ही नहीं, ऐसे मामलों के संबंध में न्यायिक समीक्षा का दायरा बेहद संकीर्ण है। राज्य सरकार ने कहा है, यह निवेदन किया जाता है कि विवादित फैसले को पारित करते वक्त (उच्च न्यायालय की) खंडपीठ इस बात की समीक्षा करने में विफल रही कि 29 मार्च, 2022 को असम और मेघालय के बीच छह क्षेत्रों के सीमा विवादों को सुलझाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। राज्य सरकार ने कहा है कि उच्च न्यायालय को एकल न्यायाधीश द्वारा पारित अंतरिम आदेश में हस्तक्षेप करना चाहिए था क्योंकि यह अंतरिम राहत प्रदान करने के लिए न्यायिक रूप से निर्धारित सिद्धांतों का पालन किए बिना एक यांत्रिक तरीके से पारित किया गया आदेश था।

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MP News : गैंगरेप झूठे मामले से बरी होते ही पीड़ित ने पुलिस से मांगे 1006 करोड़ रुपये

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar07 Jan 2023 02:42 AM
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MP News : मध्य प्रदेश के रतलाम में गैंगरेप के एक झूठे मामले में दो साल जेल की सजा काटने के बाद एक शख्स ने मध्य प्रदेश सरकार और पुलिस से 1006 करोड़ रुपये हर्जाना मांगा है। गैंगरेप मामले में कोर्ट से बरी होने के बाद व्यक्ति ने अदालत में एक अर्जी दाखिल कर पुलिस और सरकार से 1006 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की है। झूठे मामले में सजा काट चुके शख्स का कहना है कि पुलिस ने बिना जांच उसे झूठे मामले में फंसाया। जिस कारण उसे और उसके परिवार को मानसिक और आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ी।

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दो साल जेल में रहने वाले शख्स का नाम कांतिलाल उर्फ कांतु है जोकि शादीशुदा है और वह अपने परिवार के साथ गांव घोडाखेड़ा में रहता है। पीड़ित के वकील ने बताया कि वह अन्य आरोपियों को जानता तक नहीं और ना कभी उनसे मिला। कोर्ट में यह बात साबित होने पर कोर्ट ने उसे दोषमुक्त करार दिया गया। अब जब पीड़ित के वकील ने इस मामले में रेप पीड़िता से जानकारी ली तो सामने आया कि महिला के पति ने उसके साथ मारपीट कर झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।

गैंगरेप के झूठे मामले में दो साल की सजा काट चुके कांतु का कहना है कि वह दो साल तक बिना दोष के जेल में सजा काटा। इससे उसका परिवार और उसे बहुत परेशानी झेलनी पड़ी। वह अपने परिवार में एक मात्र कमाने वाला था। उसके परिवार को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा। अब जब वह बरी हो गया है तो कोर्ट में याचिका दायर कर 1006 करोड़ रुपये बतौर हर्जाना मांगा है।

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