AMU : यूपी विधान परिषद में मनोनयन के बाद एएमयू के कुलपति का इस्तीफा

Amu
Vice Chancellor of AMU resigns after being nominated in UP Legislative Council
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:13 AM
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अलीगढ़ (उप्र)। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए मनोनीत किए जाने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि उनका कार्यकाल खत्म होने में अभी कुछ हफ्ते शेष हैं।

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मोहम्मद गुलरेज होंगे कार्यवाहक कुलपति

एएमयू के रजिस्ट्रार मोहम्मद इमरान ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ फिलहाल कार्यवाहक कुलपति के रूप में काम करेंगे। प्रोफ़ेसर तारिक मंसूर को उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य विधान परिषद के सदस्य के तौर पर मनोनीत किया है। सोमवार रात इसकी आधिकारिक अधिसूचना भी जारी कर दी गई।

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छह साल तक एएमयू के वीसी रहे प्रोफेसर मंसूर

मंसूर ने तीन/चार अप्रैल की रात को विश्वविद्यालय के छात्रों और कर्मचारियों को लिखे एक खुले पत्र में कहा कि जैसा कि मैं पद छोड़ रहा हूं, यह आखिरी बार है, जब मैं आपको कुलपति के रूप में संबोधित कर रहा हूं। मुझे अच्छे और चुनौतीपूर्ण समय के दौरान छह साल तक संस्थान की सेवा करने का अवसर मिला। उन्होंने इस अवधि के दौरान विशेष रूप से कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए एएमयू समुदाय को धन्यवाद दिया।

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भाजपा के तीसरे मुस्लिम चेहरा होंगे मंसूर

प्रोफेसर मंसूर ने 17 मई 2017 को पांच साल की अवधि के लिए कुलपति के रूप में पदभार ग्रहण किया था। उनका कार्यकाल पिछले साल मई में समाप्त होना था, लेकिन महामारी से उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया था। प्रोफेसर तारिक मंसूर राज्य विधान परिषद में राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी और राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष मोहसिन रजा के बाद भाजपा के तीसरे मुस्लिम सदस्य होंगे। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Rajasthan : झुकी सरकार तो बन गई बात, आरटीएच लागू करने वाला पहला राज्य

Rth
Lean government has become a matter, the first state to implement RTH
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 05:55 PM
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जयपुर। डॉक्टरों के आंदोलन के आगे आखिर प्रदेश सरकार को झुकना पड़ा। यानि सरकार के नरमी के बाद बात बन गई। स्वास्थ्य का अधिकार (आरटीएच) विधेयक को वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे निजी अस्‍पतालों के चिकित्सकों की मंगलवार को राज्‍य सरकार के साथ सहमति बन गई। हालांकि समझौते का आधिकारिक ब्‍यौरा अभी सामने नहीं आया है।

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कानून से बाहर होंगे निजी अस्पताल

प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्‍य सरकार से रियायती दरों पर जमीन एवं अन्‍य लाभ नहीं लेने वाले निजी अस्‍पतालों को इस विधेयक के दायरे से बाहर रखने पर सहमति बनी है। मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक पर सरकार एवं चिकित्सकों के बीच अंततः सहमति बन गई। राजस्थान, स्वास्थ्य का अधिकार लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। उन्‍होंने लिखा कि मुझे आशा है कि आगे भी चिकित्सक-मरीज संबंध पहले की तरह यथावत बना रहेगा।

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सरकार को सौंपा आठ सूत्रीय मांग पत्र

मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए), प्राइवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स एसोसिएशन और यूनाइटेड प्राइवेट क्लिनिक्स एंड हॉस्पिटल्स एसोसिएशन (यूपीसीएचएआर) सहित डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सरकार के साथ बातचीत की और आठ सूत्री ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। निजी हॉस्पिटल्‍स एंड नर्सिंग होम सोसायटी के सचिव डॉ. विजय कपूर ने कहा कि सरकार के साथ एक समझौता किया गया है। निजी क्षेत्र को पूरी तरह से आरटीएच से मुक्त कर दिया गया है। सरकार इसे अपने संसाधनों और अपने संस्थानों पर लागू करेगी। हमने आज की ‘विरोध रैली’ को ‘विजय रैली’ में बदल दिया है।

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आरटीएच के विरोध में डॉक्टरों ने निकाली रैली

समझौते का आधिकारिक ब्‍यौरा अभी सामने नहीं आया है। इससे पहले आरटीएच के विरोध में मंगलवार को राजधानी जयपुर में चिकित्‍सकों ने बड़ी रैली निकाली, जिसमें बड़ी संख्या में चिकित्सक और अन्य कर्मचारी शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में निजी च‍िक‍ित्‍सक 28 मार्च को राज्य विधानसभा में पारित विधेयक को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। विधेयक के अनुसार, राज्य के प्रत्येक निवासी को किसी ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान, स्वास्थ्य देखभाल प्रतिष्ठान और नामित स्वास्थ्य देखभाल केंद्र’ में बिना पूर्व भुगतान के आपातकालीन उपचार और देखभाल का अधिकार होगा। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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West Bengal : हुड़दंगियों के साथ सख्ती से निपटेंगी एजेंसियां : राज्यपाल

Bos
Agencies will deal strictly with hoodlums: Governor
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:24 PM
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रिसड़ा (पश्चिम बंगाल)। दार्जिलिंग का दौरा छोड़कर हुगली जिले के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने कहा कि हुड़दंगियों को कानून को हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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भीड़तंत्र को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए काम करेगी सरकार

संवाददाताओं से मंगलवार को बातचीत में राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार भीड़तंत्र को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए मिलकर काम करेगी। उन्होंने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों की तरफ से ठोस कार्रवाई की जाएगी। हम हुड़दंगियों को कानून को अपने हाथों में लेने की कभी अनुमति नहीं देंगे। केंद्र, राज्य, राजनीतिक दल, मीडिया और जनता, भीड़तंत्र को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए हाथ मिलाएंगे। राज्यपाल ने स्थिति का जायजा लेने के लिए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों एवं स्थानीय लोगों से भी बातचीत की।

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हिंसाग्रस्त क्षेत्र का राज्यपाल ने किया दौरा

दार्जिलिंग से रवाना होकर कोलकाता हवाई अड्डे पर उतरने के बाद बोस सीधे हुगली जिले के रिसड़ा गये। राज्यपाल रेलवे गेट संख्या चार पर गये, जहां सोमवार रात हिंसा और आगजनी की गयी थी। रिसड़ा में रविवार की शाम रामनवमी जुलूस के दौरान झड़प हुई थी। उसमें भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष एवं पार्टी के विधायक बिमान घोष भी मौजूद थे। इस दौरान विधायक घायल हो गये और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। श्रीरामपुर के कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं, जिसके बाद निषेधाज्ञा लगा दी गयी और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गयीं। बोस जी20 बैठक में भाग लेने के लिए दार्जिलिंग गए हुए थे। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।