Corona Update : भारत के कोविड प्रबन्धन की सराहना पूरी दुनिया में हुई: मुख्यमंत्री

Yogi Adityanath
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 03:19 PM
bookmark
Lucknow: लखनऊ(एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath) ने आज जनपद मेरठ के लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (Lala Lajpat Rai Memorial Medical College)का निरीक्षण कर कोरोना उपचार व्यवस्था की जानकारी प्राप्त की। निरीक्षण के उपरान्त, मुख्यमंत्री ने मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना की थर्ड वेव वर्तमान में पूरी दुनिया में है। भारत में बेहतर कोविड प्रबन्धन के माध्यम से लोगों के जीवन एवं जीविका दोनों को बचाने की पूरी व्यवस्था की गई। समय से उठाए गए कदम इस महामारी से बचाने में बहुत प्रभावी सिद्ध हुए। भारत के कोविड प्रबन्धन की सराहना पूरी दुनिया में हुई। देश के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में भी बेहतर कोरोना प्रबन्धन हुआ। इस दौरान कई ऐसे मॉडल भी खड़े हुए, जिसकी सर्वत्र सराहना हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से डरने और भागने की नहीं, बल्कि सतर्कता और सावधानी की आवश्यकता है। बुजुर्ग, बीमार, बच्चे, गर्भवती महिलाएं, कमजोर इम्युनिटी के लोग अनावश्यक घर से बाहर न निकलें, शेष लोगों को घर से बाहर निकलना हो तो मास्क जरूर लगायें। भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर अनावश्यक जाने से बचें। यह सतर्कता और सावधानी कोरोना को परास्त करने तथा लोगों के जीवन और जीविका को बचाने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने विश्वास जताया कि सभी के सम्मिलित प्रयासों से कोरोना हारेगा और भारत जीतेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के सेकेण्ड वेव जैसी स्थिति थर्ड वेव में नहीं है। इस वेव में कुल एक्टिव केस के 01 से 1.5 प्रतिशत संक्रमित लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ रही है। इनमें भी अधिकतर संक्रमित मरीज ऐसे हैं, जो पहले से ही किसी गम्भीर बीमारी से पीडि़त हैं। शेष लोगों को होम आइसोलेशन में निगरानी समितियों की देखरेख तथा इण्टीग्रेटेड कोविड कमाण्ड सेण्टर से संवाद के माध्यम से उपचार की व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है।
अगली खबर पढ़ें

Health Update :टीबी रोगी को चपेट में ले रहा है कोरोना

IMG 20220102 WA0082
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 09:08 AM
bookmark
Noida :  नोएडा  कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों को कोरोना अपनी गिरफ्त में ले रहा है। ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) मरीजों में संक्रमण का खतरा अन्य मरीजों से अधिक होता है। ऐसे में मरीजों को सतर्कता बरतना जरूरी है। विशेषकर उन मरीजों को जो पहले से फेफड़ों की समस्या से जूझ रहे हैं। लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है। फेलिक्स अस्पताल (Felix Hospital)के चेयरमैन डॉ.डी.के. गुप्ता(Chairman Dr D.K.Gupta) ने बताया कि कोरोना संक्रमित होने वालों को खांसी परेशान कर रही है। यह खांसी दो से तीन हफ्तों से अधिक समय तक भी देखी जा रही है। टीबी के लक्षणों में यह प्रमुख है कि यदि दो हफ्ते तक लगातार खांसी होती रहती है, तो उसकी जांच करानी चाहिए। आमतौर पर दमा, गले में इंफेक्शन, टॉन्सिलाइटिस, फेरनजाइटिस, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों के इंफेक्शन, निमोनिया या हृदय रोग की वजह से खांसी होती है। लिहाजा खांसी को लेकर सतर्क रहना जरूरी है। ओमीक्रोन(Omicron) आने के बाद जितने भी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, सभी ए-सिम्टोमेटिक हैं। यानि, संक्रमित तो हैं लेकिन लक्षण दिख नहीं रहे हैं। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि संक्रमण दूसरे व्यक्ति तक नहीं पहुंच सकता। आगामी दो-तीन दिनों में लक्षण दिख भी सकते हैं। इसलिए टीबी मरीजों के लिए बेहतर होगा कि सावधानी बरतें, जांच और इलाज कराएं।
अगली खबर पढ़ें

CoronaVirus: ओमिक्रॉन के बाद अब सामने आया, सबसे खतरनाक NeoCov Virus

Coronavirus 4914026 1280
Corona XE Variant Second patient of XE variant of Corona found in Mumbai
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Jan 2022 06:25 PM
bookmark
CoronaVirus: Omicron भले ही तेजी से फैलने वाला हो, लेकिन COVID-19 का अपेक्षाकृत गैर-घातक रूप हो, लेकिन कोरोना वायरस (CoronaVirus) का एक अधिक घातक संस्करण - "NeoCov Virus" अब दक्षिण अफ्रीका में पाया गया है। चीन के वुहान लैब के वैज्ञानिकों ने कथित तौर पर चेतावनी दी है कि, NeoCov का मृत्यु दर ये उच्च (High Death Rate) हैं और संचरण दर भी उच्च (High Transmission Rate) है। रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक की एक रिपोर्ट के अनुसार, NeoCov वायरस, MERS-CoV वायरस से जुड़ा है जिसे 2012-15 में मध्य-पूर्वी देशों (Middle-Eastern Countries) में खोजा गया था। >> जरूर पढ़े:- Supreme Court: बेटियों को बिना वसीयत के मरने वाले पिता की संपत्ति विरासत में मिलेगी रूसी एजेंसी TASS के अनुसार, चीन में वैज्ञानिकों ने पाया कि दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों में पाए जाने वाले कोरोनावायरस (CoronaVirus) का NeoCov संस्करण MERS बुखार का एक संस्करण है, जिसके लक्षण और प्रभाव SARS CoV-2 के समान हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, चीनी शोधकर्ताओं ने पाया है कि, NeoCov वायरस (NeoCov Virus) में मृत्यु दर बहुत अधिक है - 'हर तीन संक्रमित व्यक्तियों में से एक (One in Every Three infected individuals)'। “वेक्टर अनुसंधान केंद्र (Vector research centre) के चीनी शोधकर्ताओं द्वारा NeoCoV कोरोनावायरस(NeoCoV CoronaVirus) पर प्राप्त आंकड़ों से अवगत है। रूसी स्टेट वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर (Russian State Virology and Biotechnology Research Center) ने एक बयान में कहा की, "फिलहाल, मुद्दा मनुष्यों के बीच सक्रिय रूप से फैलने में सक्षम नए कोरोनावायरस के उभरने का नहीं है।" >> जरूर पढ़े:-  Petrol Diesel Prices: गणतंत्र दिन पर आपके शहर में पेट्रोल डीजल के क्या रेट है ? हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक NeoCov वायरस कोई नया नहीं है। MERS-CoV वायरस से संबद्ध, यह 2012 और 2015 में मध्य पूर्वी देशों में प्रकोपों ​​में खोजा गया था और यह SARS-CoV-2 के समान है, जो मनुष्यों में कोरोनावायरस के कारण बनता है। वुहान यूनिवर्सिटी (Wuhan University) और चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज इंस्टीट्यूट ऑफ बायोफिजिक्स (Chinese Academy of Sciences Institute of Biophysics) केवैज्ञानिको के अनुसार, मानव कोशिकाओं में घुसपैठ करने के लिए वायरस के लिए केवल एक उत्परिवर्तन की आवश्यकता होती है। शोध के निष्कर्षों में कहा गया है कि, नोवेल कोरोनावायरस (Novel CoronaVirus) एक जोखिम पैदा करता है क्योंकि, यह ACE2 रिसेप्टर को कोरोनावायरस रोगज़नक़ से अलग तरीके से बांधता है। >> जरूर पढ़े:- Flying Car KleinVision: बटन को दबाते ही कार बन जाएगी फ्लयिंग कार – 2022