खतरे में भारत का भविष्य? मिडिल क्लास बन रही सबसे बड़ी वजह

खतरे में भारत का भविष्य? मिडिल क्लास बन रही सबसे बड़ी वजह
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 12:23 AM
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देश की आर्थिक वृद्धि के लिए रीढ़ माने जाने वाले मिडिल क्लास की कम होती खरीदारी से भारतीय कंपनियों की कमाई पर बड़ा असर पड़ रहा है। मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के सौरभ मुखर्जी ने एक ब्लॉग में बताया है कि दिवाली 2023 के बाद से देश में खपत में गिरावट आई है, जिसके कारण कंपनियों की आय में भारी कमी देखने को मिली है। उनकी राय में इसका सबसे बड़ा कारण मध्यम वर्ग के लोगों के खर्च में आई कमी है यानी उनके पास खर्च करने के लिए पैसा खत्म होता जा रहा है। Middle Class Family 

मिडिल क्लास की टूट रही है कमर

सौरभ मुखर्जी के मुताबिक, इस आर्थिक संकट के पीछे तीन मुख्य वजहें हैं सफेदपोश नौकरियों के अवसरों में कमी, वास्तविक मजदूरी में गिरावट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते दायरे ने मिडिल क्लास की कमर तोड़ दी है। ये तीनों कारक मिलकर देश की आर्थिक विकास गति को कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2024 में घरेलू बचत 50 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है जो 1977 के बाद पहली बार हुआ है। वहीं, खपत जो देश की GDP का लगभग 60% हिस्सा है 2021 से 2023 के बीच गिरावट पर है। चाहे SUV की मांग हो, घर खरीदना हो या ट्रेवलिंग, इन सब में पहले जैसी तेजी नहीं दिख रही है।

नौकरियों को दोगुने होने में लगेंगे 24 साल

नौकरी के अवसरों में कमी भी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। सौरभ मुखर्जी ने कहा कि 2020 से पहले सफेदपोश नौकरियों में हर छह साल में दोगुनी वृद्धि होती थी लेकिन अब यह दर सालाना 3% पर आ गई है। इसका मतलब है कि नौकरियों के दोगुने होने में अब 24 साल लगेंगे। खासकर आईटी, सॉफ्टवेयर और रिटेल सेक्टर में रोजगार की वृद्धि धीमी पड़ गई है। उन्होंने ऑटोमेशन और AI के विस्तार को इस गिरावट की वजह बताया और उदाहरण देते हुए कहा कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने जुलाई 2025 में कर्मचारियों की संख्या में 2% कटौती की है।

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बड़े संकट में पड़ सकता है देश

कंपनियों की आमदनी घटने और कर्मचारियों की वास्तविक वेतन वृद्धि न होने से मध्यम वर्ग पर आर्थिक दबाव बढ़ रहा है। सौरभ मुखर्जी के अनुसार, भारत के करीब 4 करोड़ सफेदपोश पेशेवर लगभग 20 करोड़ नौकरियों का सृजन करते हैं। अगर इनके वेतन और रोजगार सृजन में सुधार नहीं हुआ तो मिडिल क्लास की आर्थिक तंगी लंबे समय तक बनी रहेगी जो देश की आर्थिक गति के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती है। इसलिए अब जरूरी है कि सरकार और कंपनियां मिलकर मिडिल क्लास के खर्च और रोजगार के अवसर बढ़ाने पर ध्यान दें ताकि भारत की आर्थिक तरक्की का इंजन फिर से तेज गति से दौड़ सके। Middle Class Family 
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हिमांशु भाऊ की हथेली पर Elvish की जिंदगी! इंटरनेट पर ली बड़ी जिम्मेदारी

हिमांशु भाऊ की हथेली पर Elvish की जिंदगी! इंटरनेट पर ली बड़ी जिम्मेदारी
locationभारत
userचेतना मंच
calendar18 Aug 2025 11:10 AM
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दिल्ली के पास गुरुग्राम में रविवार को यूट्यूबर एल्विश यादव (Elvish Yadav) के घर फायरिंग की सनसनीखेज घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। इस हमले की जिम्मेदारी हरियाणा के कुख्यात गैंगस्टर हिमांशु भाऊ और उसके साथी नीरज फरीदपुरिया ने सोशल मीडिया पर खुलकर ली है। बताया जा रहा है कि हिमांशु भाऊ इस वक्त अमेरिका में रह रहा है जहां से अपने गुर्गों के माध्यम से भारत में वारदातें करवा रहा है। Elvish Yadav News 

कई परिवार हुए तबाह

हिमांशु भाऊ और उसके साथी ने अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में इस गोलीबारी की वजह बताते हुए लिखा है कि एल्विश यादव ने सट्टे का प्रचार कर कई परिवारों को तबाह किया है, इसलिए इसे सबक सिखाने के लिए यह हमला किया गया। पोस्ट में साफ चेतावनी भी दी गई है कि अगर कोई सोशल मीडिया पर सट्टे का प्रचार करेगा तो उसे किसी भी वक्त फोन या गोली मिल सकती है। यह पहली बार नहीं है जब हिमांशु भाऊ गैंग ने ऐसी वारदातों की जिम्मेदारी ली हो। पिछले कुछ वर्षों में उनके गिरोह का नाम दिल्ली और हरियाणा में कई बड़ी वारदातों से जुड़ा रहा है। ये गैंगस्टर अक्सर वारदात के बाद मौके पर अपने नाम के पर्चे छोड़ देते हैं ताकि साफ हो सके कि यह हमला उनके इशारे पर हुआ है।

गैंगस्टर हिमांशु भाऊ की क्राइम कुंडली

हिमांशु भाऊ ने महज 22 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा। वह हरियाणा के रोहतक जिले के रतौली गांव का रहने वाला है और पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक उस पर करीब 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसे गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का कट्टर विरोधी माना जाता है। साल 2022 में हिमांशु ने मात्र 24 घंटे के भीतर तीन हत्याएं कर पूरे हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में दहशत फैला दी थी। इसके बाद वह फर्जी पासपोर्ट के जरिए विदेश भाग गया। उसकी आखिरी लोकेशन पुर्तगाल में ट्रेस की गई थी, लेकिन विदेश में रहते हुए भी उसने भारत में अपना मजबूत नेटवर्क बनाए रखा और अपराध जारी रखा।

इंटरपोल ने भी जारी किया रेड कॉर्नर नोटिस

हिमांशु भाऊ का गैंग प्रॉपर्टी कारोबारियों, शराब के धंधेबाजों और सट्टेबाजों को निशाना बनाता है। हरियाणा पुलिस ने उस पर ढाई लाख रुपए और दिल्ली पुलिस ने एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया है। साथ ही इंटरपोल ने भी उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। 2024 में हरियाणा के मुरथल में एक जघन्य हत्याकांड के मामले में भी हिमांशु गैंग का नाम सामने आया था। मुरथल के गुलशन ढाबा पर शराब कारोबारी सुंदर मलिक को दो हमलावरों ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। इस वारदात की जिम्मेदारी भी भाऊ गैंग ने सोशल मीडिया पर ली थी। बताया गया कि सुंदर मलिक नीतू डाबोडिया गैंग से जुड़ा था और इसी वजह से उसकी हत्या करवाई गई।

अमेरिका से चला रहा है गिरोह

सूत्र बताते हैं कि हिमांशु भाऊ फिलहाल अमेरिका में बैठा है और वहीं से अपने गिरोह को ऑपरेट कर रहा है। हरियाणा के काला खर्मपुर, नीरज फरीदपुर और सौरभ गिडोली उसके करीबी साथी माने जाते हैं।

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नाबालिग लड़कों का भी करता है इस्तेमाल

हिमांशु भाऊ सोशल मीडिया के जरिए नए लड़कों को अपनी आपराधिक गतिविधियों में शामिल करता है, जिनमें अक्सर नाबालिग लड़कों का इस्तेमाल भी होता है। ये लड़के उसके इशारे पर वारदातों को अंजाम देते हैं। हरियाणा के गोहाना में हलवाई मातूराम की दुकान पर हुई फायरिंग और करोड़ों की रंगदारी वसूली के मामले ने भी भाऊ गैंग को पहली बार सुर्खियों में लाया था। Elvish Yadav News 
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Big Breaking: राधाकृष्णन बन सकते हैं देश के अगले उपराष्ट्रपति

Big Breaking: राधाकृष्णन बन सकते हैं देश के अगले उपराष्ट्रपति
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 08:29 AM
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राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सी. पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल राधाकृष्णन 21 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। इस बात की जानकारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुई भाजपा की संसदीय बोर्ड बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया। C. P. Radhakrishnan

कौन हैं सी. पी. राधाकृष्णन?

सी. पी. राधाकृष्णन (चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन) भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे हैं। वे दो बार तमिलनाडु के कोयंबटूर से लोकसभा सांसद रह चुके हैं (1998 और 1999) और राज्य की भाजपा इकाई के अध्यक्ष पद पर भी कार्य कर चुके हैं। हालांकि, उन्हें बाद में 2004, 2014 और 2019 में कोयंबटूर से हार का सामना करना पड़ा। उनका राजनीतिक जीवन छात्र आंदोलनों से शुरू हुआ था। 2007 में तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने 93 दिनों की 19,000 किमी लंबी रथ यात्रा निकाली थी, जिसका उद्देश्य सामाजिक व राजनीतिक मुद्दों जैसे नदी जोड़ो अभियान, आतंकवाद, समान नागरिक संहिता, नशा मुक्ति और अस्पृश्यता के खिलाफ जन जागरूकता फैलाना था। फरवरी 2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। इसके साथ ही उन्हें तेलंगाना के राज्यपाल और पुदुच्चेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया। जुलाई 2024 में वे महाराष्ट्र के राज्यपाल बने।

उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया क्या है?

भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव परोक्ष प्रणाली से होता है। इसमें निर्वाचक मंडल में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य ही मतदान करते हैं। इसमें विधायक वोट नहीं डालते, लेकिन नामित सांसदों को वोट देने का अधिकार होता है। उपराष्ट्रपति चुनाव में नामांकन भरने के लिए उम्मीदवार को 20 प्रस्तावक और 20 अनुमोदकों की जरूरत होती है, जो सांसद हों। इसके साथ ही ₹15,000 की जमानत राशि भी जमा करनी होती है। चुनाव की पूरी प्रक्रिया निर्वाचन अधिकारी जो आमतौर पर किसी एक सदन के महासचिव होते हैं, की निगरानी में होती है।

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कब होगा चुनाव?

बता दें कि, उपराष्ट्रपति बनने के लिए उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए। उसकी उम्र कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए और वह राज्यसभा सदस्य बनने की योग्यता रखता हो। किसी लाभ के पद पर आसीन व्यक्ति उपराष्ट्रपति पद का चुनाव नहीं लड़ सकता। उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भरने की अंतिम तारीख 21 अगस्त 2025 है। मतदान 9 सितंबर को होगा और इसी दिन चुनाव परिणाम भी घोषित किए जाएंगे। C. P. Radhakrishnan