भारत जोड़ो यात्रा: ठंड में हाफ T-shirt में बेटे को देख ठिठुरा सोनिया गांधी का दिल

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 Dec 2022 12:00 AM
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भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) को शुरू हुए 108 दिन हो चुके हैं। कन्याकुमारी से शुरू हुई ये यात्रा आज 108वें दिन देश की राजधानी दिल्ली में प्रवेश कर चुकी है। आज अपने बेटे का मनोबल बढ़ाने के लिए सोनिया गांधी भी इस यात्रा में सम्मिलित हुई है। यह दूसरी बार है जब सोनिया गांधी भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) का हिस्सा बनी। इससे पहले अक्टूबर महीने में जब यह यात्रा कर्नाटक राज्य पहुंची थी, तब सोनिया गांधी यात्रा का हिस्सा बनने पहुंची थी। Bharat Jodo Yatra आज सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी के लिए बहुत ही भावुक पल था। सितंबर माह में शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा, राजस्थान, मध्य प्रदेश व दक्षिण के राज्यों से गुजरती हुई आज देश की राजधानी दिल्ली में पहुंची तो वहां पर भी अन्य राज्यों की तरह ही कांग्रेस पार्टी को पूरा समर्थन मिला और गर्मजोशी के साथ इस यात्रा का स्वागत किया गया। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी आज इस यात्रा में शामिल हुई, और राहुल गांधी का मनोबल बढ़ाने के लिए थोड़ी दूर तक उनके साथ चली। यात्रा के दौरान सोनिया गांधी ने बेटे राहुल गांधी को गले से लगा लिया ये बेहद भावुक करने वाला पल था। Bharat Jodo Yatra मां बेटे के मिलन की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। इस कड़ाके की ठंड में, जब देश की राजधानी में भी ठंड अपने चरम पर है, ऐसे में राहुल गांधी आज एक हाफ टीशर्ट में नजर आए। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी की टीशर्ट की तरफ कुछ इशारा करते नजर आ रही है। इस तस्वीर को देखकर यही कयास लगाए जा रहे हैं, कि मां को अपने बेटे की चिंता सता रही है। Bharat Jodo Yatra

सोनिया गांधी के साथ प्रियंका वाड्रा भी आई नजर-

भारत जोड़ो यात्रा’ (Bharat Jodo Yatra) शनिवार सुबह हरियाणा से दिल्ली में दाखिल हुई और बदरपुर बॉर्डर पर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से इसका स्वागत किया। यात्रा के चलते दिल्ली के कुछ हिस्सों से यातायात जाम की सूचना मिली है। सुबह में विश्राम के लिए यात्रा के यहां आश्रम चौक पहुंचने से पहले सोनिया गांधी ने चेहरे पर मास्क लगाकर अपने बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ कुछ मिनट तक चहलकदमी की।
bharat jodo yatra कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने दिल्ली में प्रवेश किया
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Delhi : दूरसंचार विभाग के 10 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन हटाया

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 08:50 PM
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Delhi News : दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संयुक्त सचिव समेत दूरसंचार विभाग के 10 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्त करने पर मुहर लगा दी है। भ्रष्टाचार को एकदम बर्दाश्त न करने की नीति और 'काम करो या काम छोड़ो' अभियान के तहत यह छंटनी की गई है।

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एक आधिकारिक सूत्र ने शनिवार को इन अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्त किए जाने के फैसले की जानकारी दी। पहली बार दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों को सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 के पेंशन नियम 48 के धारा 56 (जे) के तहत जबरन सेवानिवृत्ति दी गई है।

सूत्र ने कहा, 'दूरसंचार मंत्री ने संदिग्ध ईमानदारी और भ्रष्टाचार को तनिक भी बर्दाश्त नहीं करने की सरकार की नीति के तहत दूरसंचार विभाग के 10 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति देने की मंजूरी दे दी है। इन 10 अधिकारियों में नौ अधिकारी निदेशक स्तर पर काम कर रहे थे जबकि एक अधिकारी संयुक्त सचिव स्तर का है।'

दूरसंचार मंत्री ने यह फैसला हर साल सरकार द्वारा मनाए जाने वाले 'सुशासन दिवस' ​​की पूर्व संध्या से एक दिन किया।

इससे पहले सितंबर में सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल के एक वरिष्ठ अधिकारी को वैष्णव की बैठक में झपकी लेते हुए पाए जाने पर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी गई थी।

रेलवे विभाग ने भी लगभग 40 अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी है। गौरतलब है कि वैष्णव के पास रेलवे मंत्रालय का भी प्रभार है।

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National News :  दूरदर्शी, भविष्योन्मुखी शिक्षा प्रणाली तैयार हो रही: मोदी

जहर खाकर ssp दफ्तर पहुंचा पति 111
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calendar01 Dec 2025 01:05 PM
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National News : राजकोट। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के जरिये देश में पहली बार एक दूरदर्शी एवं भविष्योन्मुखी शिक्षा प्रणाली तैयार की जा रही है। उन्होंने पिछली सरकारों पर “गुलाम मानसिकता” के कारण देश के खोए हुए गौरव को वापस पाने के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया।

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राजकोट में श्री स्वामीनारायण गुरुकुल के 'अमृत महोत्सव' को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि देश में आईआईटी, आईआईएम और मेडिकल कॉलेजों की संख्या 2014 के बाद काफी बढ़ी है। वर्ष 2014 में मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की पहली सरकार बनी थी। प्रधानमंत्री ने भारत की प्राचीन 'गुरुकुल' प्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि ज्ञान देश में जीवन का सर्वोच्च उद्देश्य रहा है। मोदी ने कहा कि संतों और आध्यात्मिक नेताओं ने शिक्षा के क्षेत्र में देश की खोई हुई महिमा को पुनर्जीवित करने में मदद की। उन्होंने कहा, आप अच्छी तरह से जानते हैं कि भारत का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने में हमारी मौजूदा शिक्षा नीति और संस्थानों की बड़ी भूमिका है। इसलिए आजादी के इस अमृतकाल में शिक्षा अवसंरचना हो या शिक्षा नीति... हम हर स्तर पर काम कर रहे हैं। मोदी ने कहा, देश में आज आईआईटी, आईआईआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे बड़े शिक्षण संस्थानों की संख्या बढ़ रही है। 2014 के बाद मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 65 फीसद से ज्यादा की बढ़ोतरी देखी गई है। नयी शिक्षा नीति के माध्यम से देश पहली बार एक ऐसी शिक्षा प्रणाली तैयार कर रहा है, जो दूरदर्शी और भविष्योन्मुखी है। उन्होंने कहा, जब भारत आजाद हुआ तो देश के प्राचीन गौरव व शिक्षा के क्षेत्र में हमारे महान गौरव को पुनर्जीवित करना हमारी जिम्मेदारी थी। प्रधानमंत्री ने कहा,लेकिन गुलाम मानसिकता के दबाव में सरकारें उस दिशा में नहीं चलीं और कुछ मामलों में उल्टी दिशा में चली गईं। ऐसे में एक बार फिर हमारे संतों और आचार्यों ने देश के प्रति इस कर्तव्य को निभाने का बीड़ा उठाया है। स्वामीनारायण गुरुकुल इसका जीता जागता उदाहरण है।” मोदी ने कहा कि भारत ने 'आत्मतत्व' से 'परमात्मा' तक, अध्यात्म से आयुर्वेद तक, सामाजिक विज्ञान से सौर विज्ञान तक, गणित से धातु विज्ञान तक, और शून्य से अनंत तक के क्षेत्रों में अनुसंधान करके दुनिया को रास्ता दिखाया। प्रधानमंत्री ने कहा, जब विश्व में 'लैंगिक समानता' जैसे शब्द का जन्म नहीं हुआ था तब हमारे यहां गार्गी और मैत्रेयी जैसी विदुषियां शास्त्रार्थ कर रही थीं। उन्होंने कहा, भारत ने अंधकार से भरे युगों में मानवता को प्रकाश की वो किरणें दीं, जिनसे आधुनिक विश्व और विज्ञान की यात्रा शुरू हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि उस काल के गुरुकुलों ने गार्गी और मैत्रेयी जैसी महिला विद्वानों को शास्त्रार्थ की अनुमति देकर उनके लिए दुनिया को समझने का मार्ग प्रशस्त किया। मोदी ने कहा कि ज्ञान भारत में जीवन का सर्वोच्च उद्देश्य रहा है, इसलिए जब अन्य देशों की पहचान राज्यों और शाही कुलों के आधार पर की जाती थी, तब भारत को उसके गुरुकुलों की वजह से जाना जाता था। प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे गुरुकुल सदियों से समानता, स्नेह और सेवा के बगीचे की तरह रहे हैं। नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय भारत की इस गुरुकुल परंपरा के वैश्विक गौरव का पर्याय हुआ करते थे। खोज और शोध-ये भारत की जीवन शैली का हिस्सा थे। आज हम देश में जो विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि देखते हैं, वह उन्हीं खोजों और नवाचारों का परिणाम है। मोदी ने कहा कि 2047 में जब भारत आजादी की शताब्दी मनाएगा तब एक बेहतर शिक्षा प्रणाली के तहत पले-बढ़े आदर्श नागरिक और युवा विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि स्वामीनारायण गुरुकुल जैसे संस्थानों के प्रयास निश्चित रूप से महत्वपूर्ण होंगे। मोदी ने स्वामीनारायण गुरुकुल से हर साल 15 दिन के लिए 100-150 स्वयंसेवकों को पूर्वोत्तर राज्यों में भेजने और वहां के युवाओं से मिलने, अपना परिचय देने और उनके बारे में लिखने का आग्रह किया।

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