UP News : भंडारे के बहाने ले जाकर आढ़ती को खिलाया जहर




UP Top News : मुजफ्फरनगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रमुख जिला है। इस जिले का नाम मुजफ्फरनगर शहर के नाम पर ही रखा गया है। जल्दी ही यह नाम इतिहास की बात हो जाएगा। इस शहर व जिले का नाम मुजफ्फरनगर से बदलकर लक्ष्मीनगर कर दिया जाएगा। इस बात की भरपूर संभावना जताई जा रही है कि वर्ष-2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मुजफ्फरनगर का नाम बदल दिया जाएगा।
दरअसल, मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर लक्ष्मीनगर करने की मांग कई वर्षों से हो रही है। भाजपा के फायर ब्राण्ड नेता व पूर्व विधायक संगीत सोम व अनेक हिन्दुवादी संगठन मुजफ्फरनगर का नाम बदलने की कई बार मांग कर चुके हैं। इन संगठनों व नेताओं का कहना है कि मुजफ्फरनगर नाम भारत पर जबरन कब्जा करने वाले मुगल सम्राट शाहजहां के मंत्री अब्दुल मुजफ्फर खान के नाम पर रखा गया था। आजाद भारत में मुगलों के नाम पर कोई भी नाम कायम रहना गलत है।
इस विषय में एक नया मोड़ तब आ गया जब एक कार्यक्रम में मुजफ्फरनगर पहुंचे केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि मुजफ्फरनगर का नाम किसानों के स्वाभिमान पर चोट है। यह नगर तो किसानों की राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है। इसलिए इसका नाम तुरंत बदला जाना चाहिए। जानकारों का मत है कि केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने यह बात बहुत ही सोच-समझकर बड़ी रणनीति के तहत कही है। भारतीय जनता पार्टी के सभी नेता मुजफ्फरनगर का नाम बदलवाना चाहते हैं। इसके लिए कई बार प्रस्ताव भी दे चुके हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का दावा है कि मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर लक्ष्मीनगर करना अथवा किसी बड़े किसान नेता के नाम पर इस शहर का नाम रख देना भाजपा के लिए 2024 के चुनाव में मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है। हाल ही में मुजफ्फरनगर जिले की सबसे अहम विधानसभा सीट खतौली पर उप चुनाव में भाजपा की करारी हार हुई है। इस हार के बाद से यहां भाजपा विरोधी हवा चल रही है। मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर भाजपा एक तीर से कई शिकार करने की योजना बना रही है। गिरिराज सिंह के बयान को उसी योजना का हिस्सा माना जा रहा है।
सब जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से अनेक शहरों व स्थानों के नाम बदले गए हैं। इस कड़ी में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया है। फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या रखा गया है। मुगल सराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन व मुगल सराय तहसील का नाम दीन दयाल उपाध्याय तहसील कर दिया गया।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ शहर के भी कई स्थानों का नाम बदला गया है। लखनऊ के बार्लिंगटन चौराहे का नाम अशोक सिंघल चौराहा किया गया है। सर्वोदयनगर द्वार का नाम विनायक दामोदर सावरकर द्वार कर दिया गया है। इसी प्रकार सिकंदराबाग चौराहे का नाम बदलकर वीरांगना उदा देवी कर दिया गया है। ऐसे ही कई और स्थानों के नाम या तो बदल दिए गए हैं या जल्दी ही बदले जाने वाले हैं। इसी कड़ी में अब मुजफ्फरनगर का नाम भी जुड़ गया है। कहा जा रहा है कि मुजफ्फरनगर का नाम बदलने की घोषणा जल्दी ही हो जाएगी।
UP Top News : मुजफ्फरनगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रमुख जिला है। इस जिले का नाम मुजफ्फरनगर शहर के नाम पर ही रखा गया है। जल्दी ही यह नाम इतिहास की बात हो जाएगा। इस शहर व जिले का नाम मुजफ्फरनगर से बदलकर लक्ष्मीनगर कर दिया जाएगा। इस बात की भरपूर संभावना जताई जा रही है कि वर्ष-2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मुजफ्फरनगर का नाम बदल दिया जाएगा।
दरअसल, मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर लक्ष्मीनगर करने की मांग कई वर्षों से हो रही है। भाजपा के फायर ब्राण्ड नेता व पूर्व विधायक संगीत सोम व अनेक हिन्दुवादी संगठन मुजफ्फरनगर का नाम बदलने की कई बार मांग कर चुके हैं। इन संगठनों व नेताओं का कहना है कि मुजफ्फरनगर नाम भारत पर जबरन कब्जा करने वाले मुगल सम्राट शाहजहां के मंत्री अब्दुल मुजफ्फर खान के नाम पर रखा गया था। आजाद भारत में मुगलों के नाम पर कोई भी नाम कायम रहना गलत है।
इस विषय में एक नया मोड़ तब आ गया जब एक कार्यक्रम में मुजफ्फरनगर पहुंचे केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि मुजफ्फरनगर का नाम किसानों के स्वाभिमान पर चोट है। यह नगर तो किसानों की राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है। इसलिए इसका नाम तुरंत बदला जाना चाहिए। जानकारों का मत है कि केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने यह बात बहुत ही सोच-समझकर बड़ी रणनीति के तहत कही है। भारतीय जनता पार्टी के सभी नेता मुजफ्फरनगर का नाम बदलवाना चाहते हैं। इसके लिए कई बार प्रस्ताव भी दे चुके हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का दावा है कि मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर लक्ष्मीनगर करना अथवा किसी बड़े किसान नेता के नाम पर इस शहर का नाम रख देना भाजपा के लिए 2024 के चुनाव में मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है। हाल ही में मुजफ्फरनगर जिले की सबसे अहम विधानसभा सीट खतौली पर उप चुनाव में भाजपा की करारी हार हुई है। इस हार के बाद से यहां भाजपा विरोधी हवा चल रही है। मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर भाजपा एक तीर से कई शिकार करने की योजना बना रही है। गिरिराज सिंह के बयान को उसी योजना का हिस्सा माना जा रहा है।
सब जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से अनेक शहरों व स्थानों के नाम बदले गए हैं। इस कड़ी में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया है। फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या रखा गया है। मुगल सराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन व मुगल सराय तहसील का नाम दीन दयाल उपाध्याय तहसील कर दिया गया।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ शहर के भी कई स्थानों का नाम बदला गया है। लखनऊ के बार्लिंगटन चौराहे का नाम अशोक सिंघल चौराहा किया गया है। सर्वोदयनगर द्वार का नाम विनायक दामोदर सावरकर द्वार कर दिया गया है। इसी प्रकार सिकंदराबाग चौराहे का नाम बदलकर वीरांगना उदा देवी कर दिया गया है। ऐसे ही कई और स्थानों के नाम या तो बदल दिए गए हैं या जल्दी ही बदले जाने वाले हैं। इसी कड़ी में अब मुजफ्फरनगर का नाम भी जुड़ गया है। कहा जा रहा है कि मुजफ्फरनगर का नाम बदलने की घोषणा जल्दी ही हो जाएगी।
