Friday, 15 November 2024

बाबा आदम के जमाने से हो क्या? जानें इस कहावत का अर्थ

General Knowledge : बाबा आदम के जमाने से हो क्या? यह कहावत आपने कई बार सुनी होगी। जब कोई व्यक्ति…

बाबा आदम के जमाने से हो क्या? जानें इस कहावत का अर्थ

General Knowledge : बाबा आदम के जमाने से हो क्या? यह कहावत आपने कई बार सुनी होगी। जब कोई व्यक्ति अपने पुराने किस्से-कहानियां या पुराने तरीकों से जुड़ी बातें साझा करता है, तो अक्सर उसे मजाकिया अंदाज में यह कहावत सुनने को मिलती है। इस कहावत का प्रयोग किसी चीज को पुरानी, अप्रचलित या समय से पीछे रहने वाली बताने के लिए किया जाता है। लेकिन “बाबा आदम” के जमाने का अर्थ वास्तव में क्या है? आइए इसके बारे में जानते हैं।

“बाबा आदम का जमाना” का अर्थ क्या है?

“बाबा आदम का जमाना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जिसका उपयोग किसी पुरानी चीज या विचार को दर्शाने के लिए होता है। जब कोई व्यक्ति पुरानी सोच या पुराने तरीके से काम करता है, तो उसे हंसी-मजाक में कहा जाता है, “तुम तो बाबा आदम के जमाने से हो।” यह मुहावरा यह इशारा करता है कि वह व्यक्ति वर्तमान समय के बजाय पुरानी बातों और तौर-तरीकों में उलझा हुआ है।

बाबा आदम कौन हैं?

इस कहावत को सही ढंग से समझने के लिए यह जानना आवश्यक है कि “बाबा आदम” कौन हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आदम दुनिया के पहले इंसान माने जाते हैं। इस्लाम, ईसाई और यहूदी धर्म में आदम का जिक्र मानवता के पहले पुरुष के रूप में हुआ है। उन्हें मानवता का आदि पुरुष और समस्त इंसानों का पूर्वज माना गया है।

अलग-अलग धर्मों में बाबा आदम का महत्व

इस्लाम में आदम: इस्लाम धर्म के अनुसार, आदम को अल्लाह ने मिट्टी से बनाया और उनमें अपनी आत्मा का अंश फूंका। इसके बाद आदम और हव्वा को जन्नत से निकालकर धरती पर भेजा गया, और वहीं से मानव जीवन की शुरुआत हुई।

ईसाई धर्म में आदम: ईसाई धर्म के पवित्र ग्रंथ बाइबिल में भी आदम को प्रथम मानव माना गया है। कहा जाता है कि ईश्वर ने आदम को मिट्टी से बनाया और उसमें जीवन की सांस डाली।

यहूदी धर्म में आदम: यहूदी धर्म के ग्रंथ तौरात में भी आदम को पहला इंसान माना गया है, जिसे ईश्वर ने मिट्टी से बनाया और फिर उसे एडन के बगीचे में रहने भेजा।

कहावत का प्रचलन

प्राचीनता को इंगित करने के लिए यह कहावत लोकप्रिय हो गई है। चूंकि आदम को पृथ्वी पर पहला मानव माना गया है, इसलिए जब किसी व्यक्ति की बात या विचार अत्यधिक पुराने और अप्रचलित लगते हैं, तो लोग हंसी में कहते हैं कि वह “बाबा आदम के जमाने का है।” इस कहावत के प्रचलन की कोई सटीक तिथि नहीं है, लेकिन यह काफी लंबे समय से आम लोगों की भाषा का हिस्सा रही है और आज भी इसका उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है। “बाबा आदम का जमाना” मुहावरा पुरानी बातों और विचारों को संदर्भित करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह एक मजेदार और व्यंग्यपूर्ण तरीके से कहने का तरीका है कि कोई व्यक्ति आधुनिक समय से बहुत पीछे है।

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