Delhi Services Bill: दिल्ली सेवा बिल लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी पास हो गया है। राज्यसभा में ये बिल 131 वोट के बहुमत के साथ पास हुआ। इस बिल के विपक्ष में केवल 102 वोट पड़े। इस बिल का पास होना आम आदमी पार्टी के लिए एक झटके की तरह है। आप को लगने वाला ये इकलौता झटका नहीं है। इसके बाद आप को एक और झटका भी लग सकता है, उसके सांसद राघव चड्डा इस बिल को लेकर मुसीबत में पड़ गए हैं। उन पर FIR भी की जा सकती है।
मुश्किल में घिरे राघव चड्डा
Delhi Services Bill: इस बिल को लेकर आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्डा मुश्किलो में घिर गए हैं। बताया जा रहा है कि इस सिलसिले में उन पर संसदीय कार्यवाही और FIR दर्ज भी की जा सकती है। इसकी वजह ये है कि उन्होंने संसद में इस बिल को पास न करके, पहले सलेक्ट कमेटी को भेजे जाने का प्रस्ताव रखा। अपने इस प्रस्ताव पर उन्होंने अन्य सांसदों के समर्थन का दावा भी किया। उन्होंने इस प्रस्ताव पर उनका समर्थन करने वाले 5 सांसदों के हस्ताक्षर भी दिखाए। ये 5 सांसद हैं एस फांगनोन कोन्याक, बीजेपी के नरहरि अमीन, बीजेपी के सुधांशु त्रिवेदी, एआईएडीएमके के एम थंबीदुरई और बीजेडी के सस्मित पात्रा।
जिन सांसदों का नाम राघव चड्डा ने लिया है, उन सांसदों का आरोप है कि आप सांसद राघव चड्ढा ने इस प्रस्ताव में उनकी सहमति के बिना उनके नाम डाले हैं। उन्होंने इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने की मांग का समर्थन नहीं किया है। इस मुद्दे पर राज्यसभा के सभापति के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और राज्यसभा में सत्ता पक्ष के नेता पीयूष गोयल ने देर रात बैठक की, जिसके बाद राघव चड्ढा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने का फैसला किया गया।
अमित शाह भी चड्डा पर भड़के
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आप सांसद राघव चड्डा पर भड़कते हुए कहा कि “इन सदस्यों ने खुद कहा है कि उन्होंने कोई हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इसलिए ये जांच का विषय है कि इनके साइन कहां से आए? ये मामला अब सिर्फ दिल्ली में फर्जीवाड़े का नहीं है, बल्कि अब संसद के अंदर फर्जीवाड़े का हो गया है।” अमित शाह ने आगे मांग करते हुए कहा कि “इन सदस्यों का बयान रिकॉर्ड किया जाए और इसकी जांच भी की जाए।”
आप ने किया राघव चड्डा का बचाव
Delhi Services Bill: इन आरोपों के बाद आप ने राघव चड्डा का बचाव किया है। आप का कहना है कि उनके सांसद ने कुछ गलत नहीं किया है। उन पर लग रहे आरोप गलत हैं। खुद राघव चड्ढा ने भी अपना पक्ष रखा और उन्होंने कहा कि जब प्रीविलेज कमेटी उन्हें इससे जुड़ा कोई नोटिस देगी, तब इस पर वो विस्तार से इसका जवाब देंगे। दिल्ली सेवा बिल 8 घन्टे लम्बी चली बहस के बाद राज्यसभा में भी आखिरकार पास हो गया। इसके पक्ष में 131 और विपक्ष में 102 वोट पड़े।