दिल्ली में तीन नए इंडस्ट्रियल एरिया, जानें किन सेक्टरों को मिलेगी प्राथमिकता

दिल्ली में तीन नए इंडस्ट्रियल एरिया, जानें किन सेक्टरों को मिलेगी प्राथमिकता
locationभारत
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calendar30 Nov 2025 05:14 PM
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दिल्ली वालों के लिए अच्छी खबर है। दिल्ली सरकार ने तीन नए औद्योगिक क्षेत्रों के विकास का प्रस्ताव तैयार किया है। इसे जल्द ही कैबिनेट की बैठक में पेश किया जाएगा। इन तीन नए औद्योगिक क्षेत्रों के बनने से दिल्ली में काफी हद तक रोजगार का दवाब कम होगा और दिल्ली पहले से बेहतर रूप में निखर कर आएगी। दिल्ली में इन तीन नए औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा। Delhi News : * कंझावला * रानीखेड़ा * बापरोला

कौन से सेक्टरों को मिलेगी प्राथमिकता?

उद्योग मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा के मुताबिक, इन क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बायोटेक्नोलॉजी और एडवांस्ड रोबोटिक्स जैसी तकनीक आधारित उद्योगों को प्राथमिकता दी जाएगी। इन उद्योगों को वित्तीय सहायता भी दी जाएगी, जिससे नई तकनीक आधारित उद्योगों का प्रसार तेजी से होगा। इन क्षेत्रों के विकास के होने से आधुनिक उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।

जमीन और योजना

* कुल जमीन: लगभग 1200 एकड़ * रानीखेड़ा: 147 एकड़, औद्योगिक हब के लिए निर्धारित * बापरोला: 137 एकड़, प्लग-एंड-प्ले इलेक्ट्रॉनिक सिटी की योजना * कंझावला: आधुनिक औद्योगिक और टेक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित नई औद्योगिक जगहें केवल फैक्ट्रियों तक सीमित नहीं रहेंगी। इन्हें सैटेलाइट टाउन के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें आॅफिस, आवासीय परिसर, सामुदायिक केंद्र, होटल, बाजार और क्लब जैसी सुविधाएं होंगी।

पर्यावरण और मौजूदा स्थिति

* दिल्ली में वर्तमान में 29 नियोजित औद्योगिक एस्टेट और 25 नॉन-कन्फॉर्मिंग पॉकेट्स हैं। * नई साइट्स में ईको-फ्रेंडली इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा, ताकि विकास के साथ पर्यावरण पर न्यूनतम असर पड़े। तीन नए औद्योगिक क्षेत्रों से नई तकनीक आधारित उद्योगों का विकास होगा और आने वाले सालों में लाखों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। Delhi News
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दिवाली से पहले बढ़ रही है ग्रीन पटाखे की डिमांड, क्या है वजह?

दिवाली से पहले बढ़ रही है ग्रीन पटाखे की डिमांड, क्या है वजह?
locationभारत
userचेतना मंच
calendar08 Oct 2025 05:28 PM
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यह बात हम सभी जानते हैं कि दिवाली (Diwali) का त्योहार रोशनी और खुशियों का प्रतीक है लेकिन हर साल पटाखों से होने वाले प्रदूषण लोगों के लिए बदतर साबित होते हैं। दिवाली के बाद कई शहर धुएं की चादर ओढ़ लेते हैं जिससे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब लोगों ने इसे बदलने का फैसला लेते हुए ग्रीन पटाखे को तवज्जों देना शुरू कर दिया है। ग्रीन पटाखे का क्रेज कुछ इस तरह से बढ़ रहा है कि दुकानों में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। Green Crackers अगर आप भी इस साल की दिवाली को ‘ग्रीन दिवाली’ बनाने की सोच रहे हैं तो हम आपको बताएंगे कि दिल्ली की किन मार्केट्स में ये पर्यावरण-हितैषी पटाखे आपको सस्ते दाम में मिलेंगे, लेकिन इससे पहले जान लेते हैं कि ग्रीन पटाखे क्या होते हैं?

क्या हैं ग्रीन पटाखे? (What are Green Crackers)

ग्रीन पटाखे ऐसे फायर क्रैकर्स होते हैं जिनमें कम मात्रा में रासायनिक तत्व उपयोग किए जाते हैं। इनमें सल्फर और नाइट्रेट जैसे हानिकारक पदार्थ बहुत कम या बिल्कुल नहीं होते जिससे ये सामान्य पटाखों की तुलना में 30-40% कम प्रदूषण करते हैं। अगर इस दिवाली हर घर में ग्रीन पटाखे इस्तेमाल किए जाएंगे तो दिल्ली की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार आ सकता है। साथ ही बच्चों और बुजुर्गों पर प्रदूषण का असर भी कम होगा।

ग्रीन पटाखों की खासियत

ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों की तुलना में 30% तक कम धुआं छोड़ते हैं। हवा में फैलने वाले हानिकारक गैसों (SO₂ और NO₂) की मात्रा बेहद कम होती है। इनकी आवाज 125 डेसिबल से कम रहती है जिससे ध्वनि प्रदूषण भी नहीं होता। ग्रीन पटाखे के पैकेट पर QR कोड होता है जिससे असली ग्रीन पटाखे पहचाने जा सकते हैं।

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दिल्ली के ये बाजार ग्रीन पटाखों के लिए मशहूर

सदर बाजार: यहां हर रेंज के ग्रीन पटाखे सस्ते दामों में मिल जाते हैं। लाजपत नगर मार्केट: फेस्टिवल सीजन में पर्यावरण-फ्रेंडली फायर क्रैकर्स के खास काउंटर लगाए जाते हैं। करोल बाग: छोटे बच्चों के लिए सेफ और साइलेंट पटाखे यहां आसानी से मिलते हैं। Green Crackers
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मालामाल हुई दिल्ली सरकार, 6 महीने में जुटाए 22,000 करोड़ रुपये

मालामाल हुई दिल्ली सरकार, 6 महीने में जुटाए 22,000 करोड़ रुपये
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userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:51 AM
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दिल्ली सरकार के खजाने में इस बार GST से रिकॉर्ड तोड़ राजस्व पहुंचा है। वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (1 अप्रैल से 30 सितंबर) में सरकार को 22,443 करोड़ रुपये से अधिक का जीएसटी कलेक्शन प्राप्त हुआ है। यह पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले लगभग 1,400 करोड़ रुपये ज्यादा है। आश्चर्य की बात यह है कि ये बढ़ोतरी तब दर्ज की गई है जब कई वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में कटौती की गई थी। इसके बावजूद सरकार को SGST (राज्य वस्तु एवं सेवा कर) से 16.15% की वृद्धि देखने को मिली है। Delhi GST Collection

GST दरें घटीं फिर भी बढ़ा राजस्व

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2024 में जहां 3,272.55 करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ था, वहीं सितंबर 2025 में यह बढ़कर 3,373.45 करोड़ रुपये हो गया। यानी दरों में कटौती के बावजूद 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कलेक्शन हुआ है। वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक, यह आंकड़ा अभी प्रारंभिक है और फाइनल आंकड़े आने के बाद इसमें और इजाफा हो सकता है।

GST लक्ष्य 48,500 करोड़ तय

दिल्ली सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए GST वसूली का लक्ष्य 48,500 करोड़ रुपये रखा है, जो पिछले साल की तुलना में 5,000 करोड़ ज्यादा है। जानकारों का मानना है कि जीएसटी में कटौती के बाद बाजार में सकारात्मक माहौल बना है जिससे खरीदारों की संख्या और ट्रांजेक्शन में तेजी आई है।

VAT में गिरावट की वजह क्या है?

जहां एक ओर जीएसटी से राजस्व में बढ़ोतरी हुई है वहीं VAT से सरकार की कमाई घट गई है। अप्रैल से सितंबर 2025 तक वैट से 166 करोड़ रुपये कम वसूले गए हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह डीजल की बिक्री में गिरावट मानी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि, सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ने से डीजल की मांग घटी है। दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर पाबंदी भी असर डाल रही है। चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में डीजल दिल्ली से 3 से 5 रुपये सस्ता है, जिससे बाहर से आने वाले ट्रक दिल्ली में डीजल भरवाने से बच रहे हैं। दिल्ली के पेट्रोल पंप संचालक केन्द्र सरकार से डीजल पर वैट कम करने की मांग लगातार कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस साल डीजल की बिक्री में करीब 8% की गिरावट आ चुकी है, जिससे व्यापारियों और सरकार दोनों को नुकसान हो रहा है।

राजस्व की विस्तृत जानकारी 

स्रोत प्राप्त राशि (करोड़ में)
SGST ₹10,067 करोड़
VAT + CGST ₹3,410.57 करोड़
Settlement (राज्य को केंद्र से हिस्सेदारी) ₹8,965.21 करोड़
कुल GST राजस्व ₹22,443.21 करोड़
आबकारी कर (Excise) ₹4,192.86 करोड़
वाहन पंजीकरण शुल्क ₹7.6 करोड़

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क्या होता है SGST?

SGST (State Goods and Services Tax) यानी राज्य वस्तु एवं सेवा कर राज्य के भीतर (Intra-State) लेन-देन पर लगाया जाता है। जब कोई वस्तु या सेवा एक ही राज्य की सीमा में खरीदी-बेची जाती है तो उस पर SGST लगता है। इसमें मिलने वाला राजस्व राज्य सरकार को जाता है। इसके साथ-साथ केंद्र सरकार CGST (Central GST) भी वसूलती है। Delhi GST Collection