WEATHER REPORT : न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री सेल्सियस, वायु गुणवत्ता ‘खराब’

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WEATHER REPORT
locationभारत
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calendar30 Nov 2025 04:55 PM
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WEATHER REPORT : नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार सुबह न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री कम है, जबकि वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में रही। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी।

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आईएमडी के मुताबिक, दिल्ली में अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों ने दिन में शहर में मुख्य रूप से आसमान साफ ​​रहने और शाम या रात में आंशिक रूप से बादल छाए रहने का अनुमान जताया है। आईएमडी के अनुसार, दिल्ली में सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्षिक आर्द्रता 89 फीसदी दर्ज की गई। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में शनिवार सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 224 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच एक्यूआई गंभीर माना जाता है।

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RAJPATH SE: पीएम से कहता, ठेकेदार नहीं दे रहा मेहनताना

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RAJPATH SE
locationभारत
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calendar02 Dec 2025 03:30 AM
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RAJPATH SE: नई दिल्ली। पेशे से माली सुखनंदन कर्तव्य पथ पर इस साल के गणतंत्र दिवस परेड में उन विशेष आमंत्रित लोगों में से एक थे, जिन्हें परेड देखने के लिए आमंत्रित किया गया था। सेंट्रल विस्टा परियोजना के निर्माण कार्य और इंडिया गेट एवं कर्तव्य पथ के पास रखरखाव की गतिविधि में शामिल कई कर्मियों और मजदूरों को परेड देखने के लिए विशेष पास दिया गया था। विशेष आगंतुकों को अहाता संख्या 17 आवंटित किया गया था जो सलामी मंच के ठीक सामने था जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सहित अन्य व्यक्ति बैठे थे। सुखनंदन मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के निवासी हैं और वह प्रधानमंत्री को इतने करीब से देखभर बहुत अभिभूत हुए। उन्होंने कहा कि वह बहुत रोमांचित हुए जब प्रधानमंत्री उनके अहाते के करीब आए और हाथ हिलाकर उन सभी का अभिवादन किया। चौबालीस-वर्षीय सुखनंदन ने कहा, इस कार्यक्रम का हिस्सा बनकर मैं बहुत सौभाग्शाली महसूस कर रहा हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे विशेष आमंत्रित लोगों में शामिल किया जाएगा। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि अगर उन्हें मौका मिलता तो वह प्रधानमंत्री से क्या पूछते, इस पर उन्होंने कहा, पिछले ठेकेदार ने मेरा 44 दिन का मेहनताना देने से इनकार कर दिया है। मैं प्रधानमंत्री जी से अनुरोध करूंगा कि वह मेरा मेहनताना दिलवाने में मेरी मदद करें। सुखनंदन पिछले दो महीने से इंडिया गेट पर बागवानी विभाग में काम कर रहे हैं। इससे पहले वह एक ठेकेदार के अंतर्गत आंध्र भवन में कार्यरत थे। वह इंडिया गेट के पास एक अस्थायी तंबू में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते हैं। उन्होंने कहा, उसने (ठेकेदार ने) मेरा 44 दिन का मेहनताना देने से इनकार कर दिया है। मेरे पास हाजिरी रजिस्टर की एक प्रति है कि मैंने 44 दिन वहां काम किया था। उन्होंने कहा, इसके बावजूद ठेकेदार मेरा मेहनताना देने को तैयार नहीं है जो मेरा हक है। अब मैंने भी उसे ब्रश कटर लौटाने से इनकार कर दिया है, जो ठेकेदार से मुझे मिला था। मैंने उससे कहा कि वह मुझे मेरा बकाया लौटाए नहीं तो मैं ब्रश कटर वापस नहीं करूंगा। स्थानीय निकाय संस्था अधिक मजदूरों की आवश्यकता वाले कार्यों के लिए निजी ठेकेदारों को अनुबंध पर रखती है, जो सरकार द्वारा निर्धारित दर पर भुगतान करने के वादे के साथ मजदूरों को काम पर रखते हैं। कई बार इन श्रमिकों का शोषण किया जाता है और ठेकेदार किसी न किसी बहाने वेतन देने से मना कर देते हैं। ये मजदूर कानून का सहारा नहीं ले पाते, क्योंकि उनके पास ऐसा करने के लिए न तो पैसा है और न ही समय एवं न ही जागरूकता। सुखनंदन के मुताबिक, स्थानीय नगर निकायों ने मालियों की मासिक मजदूरी 14,586 रुपये तय की है। उन्होंने कहा, इस दर के हिसाब से मेरा कुल बकाया लगभग 21,000 रुपये है। उन्होंने कहा कि ठेकेदार ने केवल 6,000 रुपये देने की पेशकश की थी। संपर्क करने पर सुखनंदन के पूर्व ठेकेदार जितेन उपाध्याय ने बकाया राशि को लेकर विवाद होने की बात स्वीकार की और कहा कि मजदूरी की राशि को लेकर विवाद है। उन्होंने आरोप लगाया, मुझे नहीं लगता कि उनका बकाया 21,000 रुपये है। साथ ही, ब्रश कटर के अलावा उन्होंने प्लंबिंग के अन्य उपकरण भी रखे हैं, जिन्हें उन्हें पहले वापस करना होगा।

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BBC Documentry से अब DU में बवाल, छात्रों को हिरासत में लिया गया

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locationभारत
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calendar30 Nov 2025 09:30 AM
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BBC Documentry: नई दिल्ली। बीबीसी के 2002 के गुजरात दंगों पर बने विवादास्पद वृत्तचित्र (Documentry) के प्रदर्शन के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में शुक्रवार को जमा हुए अनेक छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। कुछ छात्र कार्यकर्ताओं ने यह आरोप लगाया।

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वृत्तचित्र के प्रदर्शन को लेकर पिछले दिनों इसी तरह का हंगामा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुआ था।

छात्र संगठनों के वृत्तचित्र के प्रदर्शन के आह्वान के बाद विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।

इससे पहले आज दिन में दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोक्टर रजनी अब्बी ने कहा था कि विश्वविद्यालय प्रशासन स्क्रीनिंग नहीं होने देगा और छात्र संगठनों ने इसके लिए अनुमति नहीं मांगी है।

कांग्रेस समर्थित एनएसयूआई ने नॉर्थ कैंपस में शाम चार बजे वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग की घोषणा की थी, वहीं भीम आर्मी स्टूडेंट्स फेडरेशन ने कहा कि वह विश्वविद्यालय के कला संकाय के बाहर शाम पांच बजे स्क्रीनिंग करेगा।

कुछ छात्रों ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने आंबेडकर विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं को वृत्तचित्र के प्रदर्शन से रोका था। हालांकि छात्रों ने फोन और लैपटॉप पर वृत्तचित्र देखने की वैकल्पिक व्यवस्था की थी।

बहरहाल, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे इलाके में अमन चैन बनाकर रखने के लिए जिले में सभी कॉलेज और विश्वविद्यालयों के परिसरों का दौरा कर रहे हैं।

वाम समर्थित एसएफआई ने आरोप लगाया कि वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग नहीं हो सकी क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिजली आपूर्ति रोक दी, लेकिन फिल्म के लिंक के साथ एक क्यूआर कोड छात्रों के साथ साझा किया गया ताकि वे अपने फोन, लैपटॉप आदि पर इसे देख सकें।

बीबीसी ने ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से दो भाग में एक नयी सीरीज तैयार की है। बीबीसी का दावा है कि यह सीरीज गुजरात में 2002 में हुए दंगों के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल करती है। गुजरात दंगे के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे।

विदेश मंत्रालय ने दो भागों वाले इस वृत्तचित्र को ‘दुष्प्रचार का एक हिस्सा’ करार देते हुए सिरे से खारिज कर दिया है और कहा है कि इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से झलकती है।

सरकार ने बीबीसी के वृत्तचित्र ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ का लिंक साझा करने वाले कई यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को 21 जनवरी को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए थे।

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