सार
नोएडा में हुए 200 करोड़ रुपये के फिक्स डिपोजिट (FD) वाले कांड में बैंक आफ इंडिया व नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी ”कागजी खेल” खेल रहे हैं। इस मामले के ”मास्टर माइंड” तक न पहुंच पाने वाली नोएडा कमिश्नरी की पुलिस जांच में पूरी तरह से फेल साबित हो रही है।
विस्तार
Noida Authority News : आपको बता दें कि नोएडा में हुए 200 करोड़ के एफडी कांड में बैंक आफ इंडिया ने नोएडा प्राधिकरण के चोरी गए 3 करोड़ 80 लाख रुपये वापस लौटा दिए हैं। ये रुपये बैंक ने अपनी जमा पूंजी में से वापस लौटाए हैं। जिन जालसाजों ने 3.80 करोड़ रुपये चुरा लिए थे उनके ‘मास्टर माइंड’ का अभी तक कोई अता पता नहीं है। चोरी होने से बचे 196.2 करोड़ रुपये बैंक पहले ही नोएडा प्राधिकरण को वापस कर चुका है। इस प्रकरण में नोएडा प्राधिकरण व बैंक अधिकारी रोज एक दूसरे को पत्र लिखकर जांच करने की औपचारिकता कर रहे है। रोज लिखे जा रहे पत्रों को पढ़कर साफ साफ समझा जा सकता है कि दोनों तरफ के अधिकारी केवल ”कागजी खेल” खेल रहे हैं।
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क्या है विकल्प ?
कानून के जानकार पुलिस अफसरों का मत है कि इस कांड के ‘मास्टर माइंड’ तक पहुंचने का मात्र एक ही विकल्प है। वह विकल्प है इस पूरे कांड की सीबीआई से जांच कराना। कानूनविद् साफ कह रहे हैं कि नोएडा प्राधिकरण के किसी अधिकारी तो क्या कर्मचारी तक पर हाथ डालने की हिम्मत पुलिस नहीं कर सकती। यदि असली ‘मास्टर माइंड’ को पकड़ना है तो इस कांड की तुरंत सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए। सवाल यह उठ रहा है कि सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश कौन करे ? जानकारों का कहना है कि सीबीआई से जांच की सिफारिश पुलिस को ही करनी चाहिए। पुलिस अभी तक जांच में पूरी तरह से फेल साबित हुई है।
क्या 200 करोड़ का कांड
आपको बता दें कि यह मामला नोएडा प्राधिकरण के 200 करोड़ रुपये में की गई सेंधमारी का है। सेंधमारों ने 9 करोड़ 90 लाख रुपये तो बैंक से उड़ा लिए थे, जब वे 9 करोड़ रुपये और निकाल रहे थे तब इस प्रकरण की पोल खुली। नोएडा प्राधिकरण की तरफ से गत 4 जुलाई को थाना सेक्टर 58 में फर्जी दस्तावेजों का आधार पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। दर्ज रिपोर्ट में बताया गया था कि प्राधिकरण ने अपने बैंक खातों में जमा धनराशि पर अधिकतम ब्याज देने के आधार पर सेक्टर 62 स्थित बैंक ऑफ इंडिया को 200 करोड़ रुपये की एफडी करने के लिए स्वीकृत किया था।
इस संबंध में 21 जून को बैंक खाता संचालन के लिए पत्र भी निर्गत किया गया। 23 जून को बैंक ऑफ इंडिया ने अपने पत्र व ईमेल के द्वारा बैंक खाता खोले जाने की पुष्टि की। इसके पश्चात प्राधिकरण ने 100- 100 करोड़ रुपये की धनराशि 26 जून को एचडीएफसी बैंक व इंडियन बैंक के खाते से भेजकर बैंक ऑफ इंडिया को 200 करोड़ रुपये की एफडी नोएडा प्राधिकरण को उपलब्ध कराने को कहा।
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3 जुलाई 2023 को बैंक ऑफ इंडिया की शाखा को दिए गए रुपयों की एफडी की पुष्टि करने के लिए जब प्राधिकरण कर्मी बैंक पहुंचे तो पता चला कि 200 करोड रुपये की एफडी नहीं बनाई गई है बल्कि 30 जून को उस खाते से तीन करोड़ 90 लाख रुपये किसी अन्य खाते में ट्रांसफर कर दिए गए हैं। इस दौरान प्राधिकरण को सूचना मिली कि अब्दुल खादर नामक व्यक्ति द्वारा उक्त खाते से 9 करोड़ रुपये और निकालने का प्रयास किया गया था। इस जानकारी के बाद प्राधिकरण व बैंक में हड़कंप मच गया था। नोएडा प्राधिकरण की तरफ से सेक्टर 58 थाने में 3 जुलाई को मामले की एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस मामले में तब से अब तक अगल अलग स्थानों से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। Noida Authority News
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