Noida Crime News : खड़ी गाडिय़ों का शीशा तोडक़र लैपटॉप, मोबाइल, पर्स व अन्य कीमती सामान चोरी करने की वारदातों को अंजाम देकर पुलिस के लिए सिरदर्द बने अंतरराज्यीय ठक-ठक गिरोह के सरगना सहित चार सदस्यों को थाना सेक्टर 39 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने नोएडा, दिल्ली एनसीआर में 100 से अधिक वारदातों को अंजाम देकर पुलिस की नींद उड़ा रखी थी। पकड़े गए आरोपी चेन्नई के रहने वाले हैं और एक साथ दर्जनों वारदातों को अंजाम देकर यहां से चेन्नई भाग जाते थे। एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि थाना सेक्टर 39 पुलिस को सूचना मिली थी।
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ठक ठक गिरोह के कुछ सदस्य सेक्टर 104 के पास चोरी की वारदात को अंजाम देने के इरादे से इकट्ठा हुए हैं। सूचना के आधार पर एसीपी रजनीश वर्मा के नेतृत्व में थाना प्रभारी अजय चाहर ने बताए गए स्थान पर छापा मारा। पुलिस ने मौके से संजय उर्फ माइकल, विक्की, अमित व विक्रम को स्कूटी के साथ गिरफ्तार कर लिया। इनकी निशानदेही पर चोरी के 30 लैपटॉप, 8 महंगी स्मार्ट वॉच, ईयरपोड, डॉलर, यूरो, दीनार सहित कई अन्य देशों की करेंसी, शीशा तोडऩे में प्रयुक्त होने वाली गुलेल, लोहे के छर्रे व दो स्कूटी बरामद हुई।
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एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि पकड़ा गया संजय उर्फ माइकल अंतरराज्यीय ठक ठक गिरोह का सरगना है। संजय उर्फ माइकल व उसके साथियों ने नोएडा, दिल्ली गाजियाबाद में 100 से अधिक चोरी की वारदातों को अंजाम दिया है। इस गिरोह के सदस्यों पर करीब 50 से 60 मुकदमें विभिन्न थानों में पंजीकृत हैं। पकड़ा गया सरगना संजय उर्फ माइकल पिछले एक साल से दिल्ली व नोएडा पुलिस से वांछित चल रहा था और पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही थी। उन्होंने बताया कि इस गिरोह के सदस्य राहुल के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने पूर्व में मकोका के तहत भी कार्रवाई की थी। संजय उर्फ माइकल की पत्नी सिमरन भी इस गिरोह की सक्रिय सदस्य है और वह चोरी के माल को ठिकाने लगाने में अहम भूमिका निभाती है।
इस गिरोह के अन्य वांछित सदस्यों राकेश, चंदन, विशाल, शशि, दीपक, गंगेश व सूरज खोपड़ी की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि गिरोह के सदस्य एक समय में कई वारदातों को अंजाम देकर मौके से रफूचक्कर हो जाते थे।
स्कूटी से रेकी, चंद मिनटों में काम तमाम
अंतरराज्यीय ठक ठक गिरोह पूरे सुनियोजित तरीके से वारदात को अंजाम देता है। गिरोह के सदस्य स्कूटी से रेकी करने के बाद वाहनों को चिन्हित करते थे। रेकी के बाद गिरोह की बी टीम के सदस्य गुलेल से शीशा तोडक़र चंद सैकेंडों में चोरी की वारदात को अंजाम देकर रफूचक्कर हो जाते थे। एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि गिरोह का सरगना संजय उर्फ माइकल व उसका एक साथी पार्किंग व सडक़ किनारे खड़ी गाडिय़ों की स्कूटी से रेकी करता था। जिस गाड़ी में इन्हें लैपटॉप, बैग या अन्य सामान रखा हुआ दिखता था तो यह पीछे स्कूटी पर आ रहे टीम के दूसरे सदस्यों को इशारा कर देते थे। पीछे वाली स्कूटी पर आ रहे गिरोह के सदस्य गुलेल से शीशा तोड़ देते थे और कार से सामान निकाल कर संजय के हवाले कर देते थे। इसके बाद संजय उर्फ माइकल चोरी के सामान को लेकर मौके से रफूचक्कर हो जाता था। उन्होंने बताया कि इस गिरोह की खासियत यह है कि यह चंद मिनटों में ही वारदात को अंजाम देकर घटनास्थल से निकल जाते थे।