Saturday, 31 May 2025

Noida : 23 मार्च 2023, लोगों को भूखे पेट नींद ही नहीं आई होगी ?

Noida : (अंजना भागी) हाल ही में नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने सड़क पर उतरकर नोएडा का भ्रमण…

Noida : 23 मार्च 2023, लोगों को भूखे पेट नींद ही नहीं आई होगी ?

Noida : (अंजना भागी) हाल ही में नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने सड़क पर उतरकर नोएडा का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने नोएडा की जन समस्याओं को जानने का प्रयास किया, लेकिन हैरत की बात यह है कि उनके भ्रमण से पूर्व नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने सड़कों पर रेहडी लगाकर अपना गुजर बसर करने वाले वाले लोगों को न केवल भगा दिया, बल्कि उनकी रेहडी और रेहडी पर रखा सामान भी पलट गया।

Noida

आपको बता दें कि 23 मार्च को प्राधिकरण सीईओ रितु माहेश्वरी ने जन समस्याओं से रु ब रु होने के लिए निरीक्षण किया था। उनका यह निरीक्षण उन लोगों को भारी पड़ गया, जो दो वक्त की रोटी के लिए दिनभर नोएडा की सड़क किनारे बैठकर सामान आदि बेचते हैं। सेक्टर 83 और 86 इंडस्ट्रियल इलाका है। साथ ही इसके गाँव याक़ूबपुर तथा कुछ अन्य लाल डोरा में आने वाले गाँव हैं। 23 मार्च की शाम लगभग तीन दिन पहले नोएडा अथॉरिटी का एंकरोचमेंट टीम इनकी रेहड़ियाँ तथा सामान ले गया है। रेहड़ी वाले अपने सामान को वापिस लाने में आगे– पीछे घूम रहे हैं।

जो आदमी हाथ में 30 रुपये लेकर 23 मार्च की शाम खाना खाने के लिए निकले थे उन्हें खाने को कुछ भी नहीं मिला मायूस हो वापिस लौट गए। भूखे थे तो नींद तो कहाँ से आती ? और 30 रुपए में इन रेहड़ी पटरी वालों के अलावा पेटभर भोजन कोई खिला भी कहाँ सकता है ?

सभी अपनी- अपनी जगह सही  हैं। नोएडा एक रेसीडेंशियल कम इंडस्ट्रियल टाउन है। रेज़िडेन्शियल इलाकों में तो लगभग सभी अच्छा खाते – कमाते लोग ही घर खरीद कर रहने आते हैं। लेकिन इंडस्ट्रियल सेक्टरों में दूर दराज गाँव से असंगठित क्षेत्रों में कार्य करने वाले जब गावों में घर चलाने का कोई जुगाड़ नहीं बैठता तो शहरों की और आते हैं। कुछ कारखानो या आसपास नौकरी पा जाते हैं। तो कुछ जो भूख से बचने को यहाँ आते हैं वो दूसरों की भूख का इंतजाम करने लगते हैं। न कोई दुकान न ही घर, न बिजली या कुछ अन्य खर्च। सस्ता बनाते हैं और सस्ते में ही दूसरों का पेट भी भरने लगते हैं। लेकिन जब इनकी भी संख्या बहुत बढ्ने लगती है तो प्राधिकरण भी क्या करे ?  धीरे–धीरे इनका पटरी के साथ–साथ चलती सड़क तक फैलाव भी फिर एक समस्या ही बन जाता है।

बात जो चुभ गई वो यह है की जिस इंडस्ट्री के सामने ये लोग डेरा डालते हैं वहीं पर फिर बर्तन- भांडे धोना उन्हीं से पानी का जुगाड़ भी बैठाना शुरू करते हैं और रात में जाते – जाते आस पास कचरा भी डालना बुरा तो लगता ही है। पर यदि कोई एंकरोचमेंट दस्ते से कहे इनके ठेले – झमेले तोड़ ही दो। इस क्लेश के माहौल में यदि कोई सचमुच ऐसा करने भी लगता है, तब दृश्य बहुत चुभ भी जाता है।

Noida News : एक बार फिर दिखा नोएडा पुलिस का मानवीय चेहरा

नोएडा ग्रेटरनोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।

देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।

Related Post