Noida News : नोएडा। दशकों से नोएडा में आपूर्ति हो रहे घटिया गुणवत्ता युक्त जल से कई सेक्टरों को दिसंबर माह से निजात मिल जाएगी। इसके लिए अंडरग्राउंड रिजरवॉयर (यूजीआर) के पानी में 90 एमएलडी (37.50 क्यूसेक) गंगाजल मिलाकर आपूर्ति किया जाएगा। ताकि पानी में टीडीएस की मात्रा को घटाकर इसे पेयजल लायक बनाया जाए। बता दें कि वर्तमान में कई सेक्टरों मंे पानी में टीडीएस की मात्रा 1800-1900 होने की शिकायतें मिल रही हैं।
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नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी अविनाश त्रिपाठी ने सेक्टर-75 तथा आसपास की सोसायटी की शिकायत पर यूजीआर का दौरा किया। उन्होंने आदेश दिये कि हर यूजीआर में टीडीएस मापने का यंत्र लगाया जाए ताकि लोगांे को पानी मंे मौजूद टीडीएस के मात्रा की जानकारी दी जा सके। वहीं यूजीआर के पानी में 90 एमएलडी गंगा जल मिलाकर इसे मीठा पानी में बदलकर आपूर्ति किया जाएगा।
नोएडा के करीब 25 नये सेक्टरों में बनी सरकारी तथा गैर सरकारी सोसायटी में करीब 5 लाख लोग रहते हैं। यहां पर पानी की गुणवत्ता काफी खराब है। पानी में टीडीएस की मात्रा 1800 से भी अधिक है।
इसलिए प्रताप विहार से नोएडा तक 37.50 क्यूसेक (90 एमएलसी) पानी आपूर्ति की नयी लाइन पर कार्य चल रहा है। यह योजना दिसंबर माह तक चालू हो जाएगी। इसका करीब 90 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। इस योजना की लागत 304.18 लाख रूपये है। पहले इस योजना की लागत 239.69 लाख रूपये थी। बाद में इसे संशोधित किया गया। इस योजना पर 14 मार्च 2018 को कार्य शुरू हुआ था तथा 30 नवंबर 2021 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य था। इस योजना के चालू होने पर 25 सेक्टरों के 5 लाख लोगों को मीठा पानी उपलब्ध होगा। बता दें कि वर्तमान में नोएडा में 240 एमएलडी गंगा जल की आपूर्ति हो रही है। लेकिन दिसंबर 2022 सेयह आपूर्ति बढ़कर करीब 330 एमएलडी हो जाएगी।