Noida News : वर्ल्ड टॉयलेट डे पर चेन्नई में केन्द्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर में बनाये गए टॉयलेट ने काफी सुर्खियां बटोरी थी। नोएडा में खासतौर पर महिलाओं के लिए बनाये गये पिंक टॉयलेट पर सबकी नजर रही। लेकिन असलियत इसके बिल्कुल अलग है। नोएडा के कई सेक्टरों में बनाए गए टॉयलेट बेहद गंदे हैं। अब यह शहरवासियों को तय करना है कि नोएडा में बनाए गए यह टॉयलेट नोएडा की साख हैं या दाग।
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नोएडा में नहीं थे सार्वजनिक शौचालय
उत्तर प्रदेश के शो विंडो शहर नोएडा में कुछ वर्षों पूर्व सार्वजनिक टॉयलेट नहीं थे। लेकिन नोएडा को हाईटेक शहर बनाने के लिए नोएडा प्राधिकरण की पूर्व सीईओ श्रीमती रितु माहेश्वरी ने नोएडा में महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट व पुरूषों के लिए सार्वजनिक शौचालय की संख्या को बढ़ाने का काम किया। नोएडा प्राधिकरण के दायरे में 120 यूरिनल ब्लॉक, 117 पब्लिक टॉयलेट, 67 कम्युनिटी टॉयलेट और 16 पिंक टॉयलेट हैं। इन टॉयलेट्स की बदौलत नोएडा को स्वच्छ भारत सर्वेक्षण के तहत ओडीएफ ++ का सर्टिफाइड किया गया है।
नोएडा के कई टॉयलेट बेहद गंदे
देशभर में चर्चा का विषय बने नोएडा के टॉयलेट की अब कुछ अलग ही तस्वीर सामने आयी है। सोशल नेटवर्किंग साइट x (टि्वटर) पर राकेश कुमार झा नामक यूजर ने नोएडा के गंदे टॉयलेट से पर्दा उठाया है। उन्होंने (टि्वटर) पर नोएडा के गंदे टॉयलेट की कुछ तस्वीरें पोस्ट करते हुए नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को टैग किया है।
फोटो के साथ राकेश कुमार ने लिखा है “कुछ दिनों पहले अखबारों के माध्यम से पढ़ा था कि पब्लिक टॉयलेट के कारण नोएडा की साख पूरे देश में बढ़ी है। शायद उन्हें पता नहीं कि दिखावे के लिए बनाए गए हैं। इन टॉयलेट में आप अंदर जा नहीं सकते, नोएडा के सीईओ से आग्रह है कि टॉयलेट का निरीक्षण कर उन्हें ठीक करवाएं। नोएडा के इन गंदे टॉयलेट की फोटोज सोशल मीडिया पर आने के बाद अब फैसला नोएडा के लोग करें कि नोएडा के टॉयलेट साख हैं या नोएडा के लिए दाग।
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