Noida News : मूलरूप से नोएडा के झुंडपुरा गांव में रहने वाले जोगिन्दर सिंह अवाना का राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा के दिग्गज नेता से मुकाबला होगा। जोगिन्दर सिंह अवाना को नोएडा क्षेत्र में नोएडा के लाल के नाम से जाना जाता है। श्री अवाना ने नोएडा से राजस्थान जाकर राजस्थान की नदबई विधानसभा सीट को अपनी कर्मभूमि बनाया है। नोएडा का यह लाल राजस्थान की नदबई विधानसभा सीट से दूसरी बार चुनाव लडऩे मैंदान में उतरा है। इस बार कांग्रेस पार्टी ने जोगिन्दर सिंह अवाना को नदबई विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है।
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नटवर सिंह के बेटे से होगा मुकाबला
नोएडा से राजस्थान जाकर राजनीतिक करने वाले जोगिन्दर सिंह अवाना का नदबई की सीट पर भाजपा के बड़े दिग्गज नेता से मुकाबला होगा। भारतीय जनता पार्टी ने नदबई विधानसभा सीट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री नटवर सिंह के बेटे जगत सिंह को चुनाव मैंदान में उतारा है। जगत सिंह जाट समाज से ताल्लुक रखते हैं। नदबई की सीट पर जाट समाज की अच्छी खासी संख्या है। साथ ही पूरे राजस्थान में नटवर सिंह के परिवार का खास सम्मान रहा है। इस कारण विश्लेषक मान रहे हैं कि नोएडा की जन्मभूमि से नदबई विधानसभा में अपनी कर्मभूमि बनाने वाले जोगिन्दर सिंह अवाना को चुनाव में कड़ा मुकाबला करना पडग़ा। भाजपा द्वारा गुरूवार को राजस्थान में 58 प्रत्याशियों की सूची जारी की गयी है। जिसमें नदबई विधानसभा सीट से पूर्व केन्द्रीय मंत्री नटवर सिंह के पुत्र जगत सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है।
कौन है जोगेंदर अवाना
आपको बता दें कि जोगिंदर सिंह अवाना नोएडा के झुंडपुरा गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने नोएडा क्षेत्र में लंबे अर्से तक सामाजिक कार्यों में योगदान दिया। सामाजिक कार्य करते करते उनका रुझान राजनीति की तरफ हुआ और वे कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस में युवा कांग्रेस के अध्यक्ष से लेकर प्रदेश कांग्रेस के महासचिव तक वे अनेक पदों पर काम करते रहे। जोगिंदर सिंह अवाना गुर्जर समाज से आते हैं। नोएडा क्षेत्र के गुर्जर समाज में गौत्र का बड़ा महत्व है। नोएडा में अवाना गौत्र की जनसंख्या कम थी। इस कारण उन्हें यहां से चुनाव लड़ने पर सफलता की उम्मीद नहीं थी। इस कारण जोगिंदर सिंह अवाना ने अपनी कर्मभूमि राजस्थान के भरतपुर जिले की नदबई विधानसभा सीट को बनाया।
नदबई विधानसभा सीट से 2018 में जोगिंदर सिंह अवाना बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए। उनके विधानक बनने के बाद कुछ अर्सा बाद राजस्थान में बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो गया। कांग्रेस की सरकार में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अशोक गहलोत सरकार से बगावत कर दी। इस बगावत के कारण राजस्थान की कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई। उस समय जोगिंदर सिंह अवाना बसपा के सभी 6 विधायकों के साथ अशोक गहलोत के साथ मिल गए।
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