Noida News : उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के किसानों की जमीन को हरियाणा के किसानों के नाम कर दिए जाने के मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। खुलासा यह हुआ है गौतमबुद्धनगर जनपद के सर्वे कार्यालय से यूपी हरियाणा की सीमा पर स्थित हरियाणा के किसानों की तीन एकड़ जमीन के कागजात गायब है। आरोपी लेखपाल ने हरियाणा की जमीन की असली खतौनी के कागजात सर्वे कार्यालय में जमा ही नहीं कराई और 500 एकड़ जमीन की फर्जी खतौनी जमा की थी। नोएडा (गौतमबुद्धनगर) प्रशासन ने सर्वे लेखपाल के खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी है। सदर तहसीलदार को जांच सौंपी गई है।
Noida News in hindi
आपको बता दें कि गौतमबुद्धनगर के फलैंदा गांव में हरियाणा के किसानों की तीन एकड़ जमीन है। 1974 में दीक्षित अवार्ड के समय तीन एकड़ जमीन की खतौनी बनी थी। उसे हरियाणा से गौतमबुद्धनगर भेज दी थी, लेकिन माफिया ने हरियाणा से 500 एकड़ जमीन की फर्जी खतौनी बनवा ली और गौतमबुद्धनगर में तीन एकड़ की जगह 500 एकड़ जमीन करा ली।
अब जब मामले की जांच शुरू हुई तो लेखपाल की करामात सामने आ रही है। प्रशासन ने तीन एकड़ जमीन की मूल खतौनी की तलाश शुरू की, लेकिन वह खतौनी रिकाॅर्ड रूम से ही नहीं बल्कि कार्यालय से भी गायब है, हालांकि जेवर तहसील के राजस्व रिकॉर्ड में प्रतिलिपि रखी है। कलेक्ट्रेट स्थित सर्वे कार्यालय में भी मूल खतौनी नहीं मिली है।
दो दिन तक अफसरों और कर्मचारियों ने काफी तलाश किया। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि फलैंदा गांव के दस्तावेज तत्कालीन सर्वे लेखपाल दीपक कुमार के पास थे। तबादला होने के समय उन्होंने गांव के दस्तावेज जमा किए है, लेकिन उनमें 500 एकड़ की खतौनी जमा की है, जो फर्जी है। खतौनी गायब करने में तत्कालीन सर्वे लेखपाल की भूमिका संदिग्ध है। उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गई है। जांच के बाद आरोपी लेखपाल पर एफआईआर या अन्य कार्रवाई हो सकती है।
अफसरों का कहना है कि आरोपी सर्वे लेखपाल का जुलाई में तबादला सोनभद्र कर दिया गया था, लेकिन उसने अब तक वहां तैनाती नहीं ली है। अब जांच के बाद लेखपाल पर कार्रवाई की तलवार लटकी है।
आज का समाचार 16 नवंबर 2023 : जल्दी ही मिलना शुरू होगा गंगा जल, वोल्वो में भीषण आग
ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।
देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।