Monday, 2 December 2024

UPSC में 47वीं रैंक लाने वाली इस भावी आईएएस को घुट्टी में मिले भ्रष्टाचार से लडऩे के संस्कार

UPSC Result 2022 नोएडा। कहते हैं कि जन्म लेते ही घुट्टी में मिलने वाले संस्कारों का प्रभाव जीवन भर रहता…

UPSC में 47वीं रैंक लाने वाली इस भावी आईएएस को घुट्टी में मिले भ्रष्टाचार से लडऩे के संस्कार

UPSC Result 2022 नोएडा। कहते हैं कि जन्म लेते ही घुट्टी में मिलने वाले संस्कारों का प्रभाव जीवन भर रहता है। आज हम आपको ऐसा ही एक प्रत्यक्ष उदाहरण बताते हैं। दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित सेवा UPSC की परीक्षा में 47वीं रैंक लाकर आईएएस बनने जा रही इस बेटी को भ्रष्टाचार का सफाया करने के संस्कार घुट्टी में ही मिल गए थे। 23 मई 2023 को UPSC की नतीजों में 47वीं रैंक प्राप्त करके आईएएस अधिकारी बनने जा रही गौरी प्रभात को भ्रष्टाचार के खिलाफ लडऩे तथा हमेशा अनुशासन में रहने की घुट्टी व शिक्षा बेहद ईमानदार अफसर के रूप में प्रसिद्ध रहे अपने पिता डा. प्रभात कुमार से मिली है।

UPSC Result 2022

कौन है गौरी प्रभात

गौरी उत्तर प्रदेश कैडर में वर्ष 1985 बैच के रिटायर आईएएस अफसर प्रभात कुमार की बेटी हैं। आपको बता दें कि डा. प्रभात कुमार केंद्र, उत्तर प्रदेश और गौतमबुद्ध नगर में कई महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रह चुके हैं। गौरी को तीसरी बार में यह कामयाबी मिली है। उन्होंने 12वीं तक दिल्ली के सरदार पटेल विद्यालय से पढ़ाई की है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया। जिसकी बदौलत उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफेंस कॉलेज में प्रवेश मिला। सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स ऑनर्स में ग्रेजुएशन करने के बाद गौरी ने सिविल सेवा की परीक्षा में बैठने के लिए तैयारी शुरू कर दी।

विस्तार से जानिए डा. प्रभात कुमार को

डॉ. प्रभात कुमार 1985 बैच के आईएएस अफसर रहे हैं। डॉ. प्रभात बीते 30 अप्रैल को कृषि उत्पादन आयुक्त के साथ ही अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के अध्यक्ष पद से रिटायर्ड हुए थे । डॉ प्रभात कुमार की छवि स्वच्छ और भ्रष्टाचार के विरोध वाले अधिकारी की रही है। उन्होंने सहकारिता समेत कई विभागों में भ्रष्टाचार की जांच की और भ्रष्टाचारियों को सजा दिलाई है। मेरठ के मंडलायुक्त, लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सहित कई पदों पर उन्होंने जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। डॉ. प्रभात कुमार आईएएस बनने से पहले पेशे से डॉक्टर रह चुके हैं। डॉ. प्रभात की छवि तेजतर्रार आईएएस अधिकारी की रही है। वह जनवरी 1996 से अप्रैल 1997 तक नोएडा अथॉरिटी में कार्यरत रहे हैं। इसके साथ ही वह फतेहपुर, मुजफ्फरनगर एवं कानपुर सिटी के डीएम भी रह चुके हैं। मुरादाबाद और लखनऊ अथॉरिटी के वाइस चेयरमैन के तौर पर भी उन्होंने अपनी सेवा प्रदान की है। वह नागरिक उड्डयन के संयुक्त सचिव और महानिदेशक भी रह चुके हैं।

लंबा प्रशासनिक अनुभव और अपने कार्य में दक्षता उन्हें दूसरे अधिकारियों से अलग कतार में खड़ा करता है। अपने कार्य के प्रति वह कितने गंभीर हैं उसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि में मेरठ के कमिश्नर बनने के बाद उन्होंने सभी सरकारी विभागों को आदेश देते हुए कहा कि सभी विभाग के अधिकारी शासन के निर्देशों का पालन करते हुए जनता की समस्याओं का निपटारा करें। यहीं नहीं उन्होंने साथ ही सभी को चेतावनी देते हुए कि अगर कोई अधिकारी अपने कार्यालय से अनुपस्थित रहा तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

डॉ. प्रभात कुमार देश और पर्यावरण के प्रति भी बेहद संजीदा हैं। भारत छोड़ो आन्दोलन की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मृति दिवस के आयोजन पर उन्होंने कहा आज जरुरत है कि पहले हम स्वयं को बदले तभी बदलाव आयेगा। उन्होंने 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन की तर्ज पर भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए भ्रष्टाचार भारत छोड़ो का आहवान किया था। वह लोगों से आह्वान करते हुए कहते हैं कि शपथ लें कि भ्रष्टों का साथ नहीं देंगे, सिफ़ारिश नहीं करेंगे और नियमों का पालन करेंगे। अपने बच्चों को भी यही सिखाएँगे। साथ ही पॉलीथीन के दुषप्रभावों से आम लोगों को बचाने के लिए पॉलीथीन मुक्त मेरठ के लिये प्लास्टिक बैग मेरठ छोड़ो का नारा दिया था।

अपने दफ्तर में बुलाकर भेज देते थे जेल

डा. प्रभात कुमार भ्रष्टाचार से बेहद नफरत करते रहे हैं। उनके आधीन काम करने वाले किसी कर्मचारी अथवा अधिकारी पर यदि भ्रष्टाचार का आरोप साबित हो जाता था तो वे उस संबंधित कर्मचारी व अधिकारी को सीधे अपने दफ्तर में बुलाते थे। भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी को दफ्तर में पहुंचते ही प्रभात कुमार सीधे पुलिस बुला लेते थे और भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी को सीधे जेल भिजवा देते थे। यमुना विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर तैनात रहते हुए उन्होंने 3 अधिकारी व 2 कर्मचारियों को सीधे जेल भिजवा दिया था। उनकी यह कार्रवाई आज भी उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बनी रहती थी। UPSC Result 2022

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