Monday, 2 December 2024

गाजियाबाद के डॉक्टर कुछ कर रहे हैं ऐसा आप जानकर रह जाएंगे हैरान

मेडिकल जगत में अवकेनिंग इंडिया फाउंडेशन के 25 से 30 डाक्टर मध्यम वर्ग के लिए कुछ अनूठा करने को चल पड़े हैं

गाजियाबाद के डॉक्टर कुछ कर रहे हैं ऐसा आप जानकर रह जाएंगे हैरान

Ghaziabad News गाजियाबाद। चिकित्सा जगत में गाजियाबाद और गुड़गांव के लिए एक बड़ी खबर है। मेडिकल जगत में अवकेनिंग इंडिया फाउंडेशन के 25 से 30 डाक्टर मध्यम वर्ग के लिए कुछ अनूठा करने को चल पड़े हैं। और दिलचस्प बात यह है कि वह यह सब अपने बलबूते पर कर रहे हैं। मध्यम वर्ग के लिए की चिकित्सा और सर्जरी के लिए आमतौर पर उन्हें आर्थिक मदद नहीं मिल पाती ना वह किसी से कह पाते हैं। अगर उन्हें छोटा सा ऑपरेशन भी करना हो तो हजारों के खर्च अस्पताल में करने पड़ते हैं। चिकित्सा जगत में अवकेनिंग इंडिया फाउंडेशन ने मध्यम और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के इस दर्द को समझा है कि वह एक छोटा सा छोटा ऑपरेशन चाहे वह आंख का हो या अन्‍य, पैसे ना होने की स्थिति‍ में नहीं कर पाते हैं और उन्हें नर्सिंग होम या अस्पताल में अच्छा खासा पैसा खर्च करने की वजह से वह अपनी बीमारी को बढ़ता देखकर लाचारी महसूस करते हैं।

क्या करता है अवकेनिंग इंडिया फाउंडेशन

अवकेनिंग इंडिया फाउंडेशन की संस्थापक डॉ नियति धवन ने बताया कि हम गाजियाबाद और गुड़गांव के मध्यम वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए ENT से संबंधित कोई भी सर्जरी निशुल्क करते हैं। उनको दवाइयां भी मुफ्त देते हैं और अगर किसी अन्य प्रकार की सर्जरी की जरूरत होती है तो हम बड़े डॉक्टर के साथ मिलकर उनकी सहायता से आर्थिक रूप से कमजोर और मध्यम वर्ग के लोगों की सहायता मेडिकल जगत में कर रहे हैं।

किसी अन्य सर्जरी के मामले में कैसे करते हैं मदद

मध्यवर्गीय और आर्थिक रूप से कमजोर तपके के लिए किसी अन्य बीमारी से संबंधित चिकित्सा की जरूरत पड़ने पर यह संस्था कैसे मदद करती है इस पर डॉक्टर नियति धवन का कहना है कि हमारे विभिन्न तरह के टीम में 25 से 30 लोग स्वैच्छिक रूप से जुड़े हुए हैं और हम मिलजुल कर अपनी सेवाएं देते हैं। और सर्जरी करते हैं लेकिन कभी-कभी हमें किसी डॉक्टर की सर्जरी की फीस देनी पड़ती है तो अवकेनिंग इंडिया फाउंडेशन डॉक्टर की फीस स्वयं भर देती है।

इंडिया अवकेनिंग फाउंडेशन कब से सेवा कार्य कर रही है

इंडिया अवकेनिंग फाउंडेशन की संस्थापक डॉक्टर नियति धवन ने कहा कि वैसे तो हम 15 साल से अधिक से कार्य कर रहे हैं लेकिन तब हमारी संस्था रजिस्टर्ड नहीं थी। और हम अपने-अपने स्तर पर लोगों की मदद कर रहे थे लेकिन हमने 2015 में संस्था को रजिस्टर्ड करके व्यवस्थित रूप से मेडिकल जगत में सेवा का कार्य शुरू किया है।

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इसका अर्थ है जागो भारत

यह संस्था चिकित्सा और अन्य चिकित्सा जगत में लोगों को क्या मदद कर रही है इस प्रश्न पर डॉक्टर धवन का मानना है की आदमी की नियत होनी चाहिए कि हम किसी की मदद करना चाहते हैं। तो रास्ते भी खुद निकल आते हैं। बस चिकित्सा जगत के हम डॉक्टरों ने मिलकर यह निर्णय लिया कि हम तमाम समय देखते हैं कि हमारे पास ऐसे मरीज भी आते हैं जो बहुत परेशान होते हैं और परिवार की जिम्मेदारियां में वह अपने लिए ही कुछ नहीं कर पाते। इस पीड़ा को महसूस करते हुए हमने मिलजुल कर चिकित्सा जगत में कुछ अनूठा करने का सोचा था। यह शुरुआत ENT  की सर्जरी और निशुल्क चिकित्सा से की। और अब हम शिक्षा जगत, साइकोलॉजी काउंसलिंग और विभिन्न बीमारियों में भी लोगों की मदद कर रहे हैं।

व्यवस्थित रूप से कैसे मदद की जाती है

डॉक्टर नियति धवन ने जानकारी दी कि 7 अप्रैल से पूरे महीने ENT सर्जरी का का निशुल्क कैंप हम लगाते हैं। और इसमें लगभग 500 मरीजों की निशुल्क चिकित्सा का लक्ष्य रखा जाता है। इससे भी अधिक आ जाएं तब भी हम उनका निशुल्क इलाज पूरे महीने करते हैं। अभी फिलहाल हमने यही सुविधा गाजियाबाद के आसपास के गांव और गुड़गांव के गांव में शुरू की है।

तमाम लोग जुड़ रहे हैं

अवकेनिंग इंडिया फाउंडेशन की संस्थापक डॉक्टर नियति का कहना है कि फाउंडेशन से तमाम डॉक्टर और शैक्षिक लोक मिल रहे हैं और धीरे-धीरे हमारे काम का दायरा भी बढ़ता जा रहा है। हमें लगता है कि मध्यम वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की सेवा के लिए सक्षम लोगों को आगे आना ही चाहिए।

मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग के बारे में क्या कहना है डॉक्टर का

मनोवैज्ञानिक डॉक्टर नियति धवन का कहना है कि आज के तमाम तरह के तनावग्रस्त समय में हर किसी को मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग की जरूरत पड़ती है। हालांकि मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग को लोग आंख बंद करके पागलपन और मानसिक रूप से कमजोरी से समझ लेते हैं, लेकिन यह सोच बिल्कुल गलत है। मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग का अर्थ व्यक्ति के मन और परिस्थितियों को समझ कर तनाव के समय उन्हें मानसिक सपोर्ट देना होता है। और आज छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा आदमी तनाव के दौर से गुजर रहा है। चाहे वह नौकरी करता हो या पढ़ाई, चिकित्सा जगत हो या फिर कोई भी तबका हर एक के सामने कोई ना कोई परेशानी रहती है। और ऐसे में मनोवैज्ञानिक समस्या खतरनाक मोड़ पर पहुंच जाती है और आदमी डिप्रेशन में चला जाता है या फिर आत्महत्या तक का निर्णय ले लेता है। इसमें तमाम बड़े-बड़े अफसर तक की घटनाओं को आप देख सकते हैं। इसलिए हमारी मेडिकल चिकित्सा टीम मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग की मदद भी करती है।

मनोवैज्ञानिक के तौर पर आप क्या सुझाव देंगे

डॉ नियति धवन का कहना है मेरा सुझाव है कि मनोवैज्ञानिक रूप से हर किसी व्यक्ति का कोई ना कोई एक ऐसा मित्र रिश्तेदार, बहन, बेटा, या बहू होना चाहिए जिससे वह मन की पूरी बात कर सके और उसे डिस्कस कर सके। अगर हम अपने मन में कुछ रख लेते हैं और उसे व्यक्त नहीं करते तो कभी-कभी यही छोटी-छोटी बातें बड़ी बनकर हमें मानसिक रूप से परेशान करती रहती हैं। सही सुझाव ना मिलने पर यह बड़ी घटना का कारण भी बन जाती है। आज के तनाव के समय में चाहे वह आपकी डायरी ही क्यों ना हो हमें अपने को अभिव्यक्त करके अपने मस्तिष्क को हल्का अवश्य करना चाहिए। यही मनोविज्ञान है जब तक हमारे अमन में कोई बात रहती है और वह बाहर नहीं निकलती वह एक समस्या का कारण बन सकती है। इसलिए मैं मनोवैज्ञानिक डॉक्टर के रूप में कहूंगी हर किसी को अपने अभिव्यक्ति के लिए अपना बेटा पति बहू मित्र अगर किसी से भी नहीं कह सकते तो कम से कम अपनी डायरी में हम अपने विचार जरूर व्यक्त करने चाहिए और मानसिक रूप से अपने को हल्का महसूस करते हुए समय के साथ तालमेल के लिए विचार विमर्श करना चाहिए।

प्रस्तुति मीना कौशिक

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