New Delhi News : पंजाब और हरियाणा के किसानों का ‘दिल्ली चलो मार्च’ का आज दूसरा दिन है। किसानों को हरियाणा पुलिस ने अभी भी शंभू बॉर्डर पर रोका हुआ है। वहीं किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि सरकार किसानों की मांगें माने नहीं तो हमें दिल्ली जाने दें। किसान दिल्ली जाने के लिए अपने घरों से निकले हैं और दिल्ली जाकर रहेंगे। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक किसानों के मुददे पर कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में मंत्रियों की बैठक हो रही है।
पंजाब और हरियाणा के किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं। किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर रोक लिया गया है। किसानों को रोकने और उन्हें तितर-बितर करने के लिए मंगलवार को पुलिस की ओर से आंसू गैस के दागे गए थे। आज दूसरे दिन भी शंभू बॉर्डर पर जबरदस्त तनाव है। किसान और पुलिस आमने-सामने हैं। वहीं सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं। इन सीमाओं पर सीमेंट और लोहे की बैरिकेडिंग भी की गई है।
उधर हरियाणा के अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों के अधिकार क्षेत्र में वॉयस कॉल को छोडक़र मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, बल्क स्रूस् और सभी डोंगल सेवाएं आदि 15 फरवरी तक निलंबित रहेंगी।
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टकराव नहीं चाहते : सरवन सिंह
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम प्रो खालिस्तानी और प्रो लेफ्ट-कांग्रेसी होने का आरोप लगाया जा रहा है, जोकि पूरी तरह गलत है। वहीं पत्थरबाजी को लेकर उन्होंने कहा कि हम पत्थरबाजी नहीं कर रहे हैं, हमारा आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण है। सरकार आंदोलन को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। पुलिस ने हमारे किसानों पर लाठीचार्ज किया है और आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां दागी। हम सरकार से टकराव नहीं चाहते, सरकार हमारी मांगें मान ले।
किसान नेता सरवन सिंह पंथेर ने बुधवार को शंभू बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। शंभू सीमा पर किसान नेता सरवन सिंह पंथेर ने कहा कि हमारे बारे में एक धारणा बनाने की कोशिश की जा रही है। हम यहां सरकार के साथ टकराव के लिए नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि हम एमएसपी कानून पर कायम हैं। सरकार एमएसपी कानून लागू करे। पीएम मोदी बड़ा दिल दिखाएं। हम बातचीत के लिए तैयार थे, तैयार हैं। सरकार आंदोलन को बदनाम कर रही है।
जल्दबाजी में कानून नहीं : मुंडा
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि किसान संगठनों को ये समझना होगा कि जिस कानून की बात की जा रही है। उस कानून के बारे में इस तरीके से कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता, जिससे बाद के दिनों में सबके लिए बगैर सोची समझी स्थिति के बार में लोग आलोचना करें। हमें ये कोशिश करनी चाहिए हम इसके सभी पक्षों का ध्यान रखें। किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना पड़ेगा कि आम जनजीवन को बाधित ना करें, आम जनजीवन किसी तरह से परेशान ना हो।
गाजीपुर बॉर्डर सील
पंजाब के किसान हरियाणा होते हुए दिल्ली में घुसना चाहते हैं. हालांकि ‘दिल्ली चलो’ मार्च का सबसे ज्यादा असर पंजाब में ही है. इसके अलावा हरियाणा के कुछ जिलों में इसका असर है, लेकिन यूपी में इसका कोई खास प्रभाव नजर नहीं आ रहा है। हालांकि किसान नेता राकेश टिकैत ने कल ही कह दिया था कि अगर जरूरत पड़ी तो हम भी आंदोलन में शामिल हो जाएंगे।
राकेश टिकैत ने कहा कि हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह किसानों से बात करे। उन्हें रोकने की कोशिश न करे. वे किसान हैं और हमारी सभी मांगें एक जैसी हैं। किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर कहा था कि किसान कभी पीछे नहीं हटेंगे, आंदोलन बंद नहीं करेंगे। वे वापस नहीं जाएंगे। सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए।
इसको देखते हुए दिल्ली पुलिस और भी ज्यादा अलर्ट हो गई है और गाजीपुर बॉर्डर को भी पूरी तरह सील कर दिया गया है. यहां भी कई लेयर में बैरिकेडिंग की गई है. हालांकि यहां सिंघु या टिकरी बॉर्डर जैसे हालात नहीं हैं. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के नीचे का हिस्सा पूरी तरह से बंद होने पर गाजीपुर बॉर्डर पर ऑफिस जाने के समय ट्रैफिक हैवी हो गया है. गाजीपुर फ्लाईओवर पर करीब हर लेन मे पुलिस मौजूद है इसका सीधा असर दिल्ली की तरफ जाने वाले ट्रैफिक पर पड़ रहा है.
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चिल्ला बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा
किसानों को रोकने के लिए नोएडा से लगने वाले चिल्ला बॉर्डर पर भी पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। हालांकि इस बॉर्डर को सील नहीं किया गया है। यहां बैरिकेडिंग कर लोगों से आने-जाने दिया जा रहा है। पुलिस बल तैनात है, हालांकि उन्हें रोका नहीं जा रहा है. अगर किसी भी तरह से हालात बिगड़ते हैं तो बॉर्डर को सील कर दिया जाएगा।
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