West Bengal पश्चिम बंगाल में ममता सरकार के खिलाफ नबन्ना मार्च निकाल रहे भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई। भाजपा कार्यकर्ताओं को काबू करने के लिए पुलिस बल को वॉटर कैनन का प्रयोग करना पड़ा, भीड़ के नहीं मानने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस ने कई भाजपा नेताओं को हिरासत में भी लिया है।
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हिरासत में लिए गए भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बंगाल की जनता ममता बनर्जी के साथ नहीं है। इसलिए वह बंगाल में उत्तर कोरिया की तरह तानाशाही कर रही हैं। दिलीप घोष ने बंगाल पुलिस पर तृणमूल कार्यकर्ताओं की तरह काम करने का आरोप लगाया है।
आपको बता दें कि ममता सरकार के खिलाफ भाजपा सरकार ने नबन्ना मार्च यानि सचिवालय मार्च निकाला था। भाजपा कार्यकर्ता सचिवालय की ओर बढ़ रहे थे कि बीच रास्ते में ही पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया और भाजपा नेताओं को लेकर पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी हुई। रानीगंज और बोलपुर क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं की बंगाल पुलिस के साथ झड़प हुई।
शांतिपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने ट्रेन में अर्पिता और पार्थ चटर्जी के पोस्टर लहराए। पोस्टर पर चोर लिखा हुआ है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांतो मजमूदार को कोलकाता पुलिस ने हावड़ा रेलवे स्टेशन पर ही रोककर हिरासत में ले लिया।
आपको बता दें कि भाजपा ने सचिवालय की तीन तरफ से घेराबंदी की प्लानिंग की थी। हावड़ा रेलवे स्टेशन से सुकांतो मजूमदार, सांतरागाछी से शुभेंदु अधिकारी और स्कॉयड से दिलीप घोष को सचिवालय जाना था, लेकिन पुलिस ने तीनों को रोक लिया। नेताओं की गिरफ्तारी के लिए बंगाल पुलिस ने स्पेशल फोर्स की तैनाती की थी।
पश्चिम बंगाल में 14 सितंबर से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा का यह प्रदर्शन सड़क पर शक्ति प्रदर्शन करने की कोशिश है। प्रदर्शन में भाजपा ने बंगाल में तृणमूल नेताओं के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया है। भ्रष्टाचार के आरोप में तृणमूल के दो कद्दावर नेता पार्थ चटर्जी और अनुब्रत मंडल जेल में हैं।