Delhi Assembly Election: दिल्ली विधानसभा के चुनाव शुरू होने से पहले ही दिल्ली की राजनीति गरमा गई है। दिल्ली विधानसभा के चुनाव फरवरी या मार्च में होंगे। चुनाव आयोग दिल्ली में विधानसभा चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है। इस बीच ज्यादातर राजनीतिक दलों ने दिल्ली की जनता को लुभावने वायदे तथा आकर्षक नारे देने शुरू कर दिए हैं। इन्हीं वायदों तथा नारों के बीच दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंदिरों के पुजारियों तथा गुरूद्वारों के ग्रंथियों के लिए पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना की घोषणा कर दी है। सवाल यह है कि क्या लुभावने वायदे तथा नारे दिल्ली के दिल में उतर पाएंगे।
क्या है आम आदमी पार्टी की नई लुभावनी योजना
दिल्ली विधानसभा के चुनाव को देखते हुए आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना शुरू की है। आपको बता दें कि महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना पर उठे विवाद के बीच आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना की घोषणा की। केजरीवाल ने कहा कि सत्ता में आने पर आप मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को हर महीने 18,000 रुपये देगी। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब दिल्ली में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों में ‘आप’ लगातार चौथी बार सत्ता में लौटने रहने की कोशिश कर रही है। केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि पुजारी और ग्रंथी हमारे समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं लेकिन इनकी उपेक्षा होती रही है। देश में पहली बार हम उनकी सहायता के लिए पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना शुरू कर रहे हैं। इसके तहत उन्हें 18,000 रुपये प्रतिमाह भत्ता मिलेगा। उन्होंने कहा कि मंगलवार को कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर जाएंगे और वहां पुजारियों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया की शुरुआत करेंगे। पूर्व सीएम केजरीवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि भाजपा से हाथ जोडक़र विनती है कि जैसे उन्होंने महिला सम्मान योजना व संजीवनी योजना को रोकने का प्रयास किया, कम से कम पुजारियों व ग्रंथियों के लिए शुरू की जा रही इस योजना को रोकने की कोशिश न करे।भाजपा तथा कांग्रेस भी कर रही हैं वायदे
सवाल उठा रहे हैं विश्लेषक
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर किए जा रहे लुभावने वायदे तथा घोषणाओं को लेकर चुनावी विश्लेषक खूब सवाल उठा रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या लुभावने वायदों तथा नारों से दिल्ली की जनता का दिल जीता जा सकता है? क्या केवल लुभावने वायदे तथा नारे ही दिल्ली में किसी एक दल को बहुमत दिलवा सकते हैं? इन सवालों का जवाब अभी किसी के पास नहीं है। ज्यादातर विश्लेषकों का मत है कि दिल्ली विधानसभा के चुनाव में वही पार्टी जीतेगी जिसकी चुनावी रणनीति तथा प्रत्याशियों के नाम जनता को सबसे ज्यादा प्रभावित करेंगे। साथ ही जातीय तथा धार्मिक समीकरण भी हार-जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। Delhi Assembly Election
समाजवादी पार्टी ने लगाया संभल पीड़ितों के जख्मों पर मरहम, बांटे 25 लाख रुपए
ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।
देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।