Kota New Guidelines : राजस्थान का प्रमुख कोचिंग हब के नाम से मशहूर कोटा में अब छात्रों के लिए राहत देने वाली नई गाइडलाइंस लागू की गई है। इन गाइडलाइंस का उद्देश्य छात्रों के वित्तीय बोझ को कम करना और उन्हें बेहतर रहने की सुविधाएं प्रदान करना है। जिला प्रशासन ने कोटा केयर्स अभियान के तहत यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसके तहत कोटा के 4,000 हॉस्टलों में अब छात्रों से सिक्योरिटी और कॉशन मनी नहीं ली जाएगी। पहले यह शुल्क हॉस्टल में एडमिशन के समय लिया जाता था और बाद में साल के अंत में वापस किया जाता था, लेकिन अब इसे समाप्त कर दिया गया है जिससे छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी।
नई गाइडलाइंस और सुविधाएं
1. सिक्योरिटी और कॉशन मनी की समाप्ति: अब छात्रों को हॉस्टल में सिक्योरिटी और कॉशन मनी के रूप में 4,000 रुपये नहीं चुकाने होंगे।
2. मेंटेनेंस शुल्क: हॉस्टल में 2,000 तक का मेंटेनेंस शुल्क लिया जा सकेगा।
3. सुरक्षा उपाय: सभी हॉस्टलों में एंटी-हैंगिंग सुसाइड सीलिंग फैन अनिवार्य किए गए हैं। इसके अलावा, सीसीटीवी कैमरे और बायोमेट्रिक सिस्टम लगाना भी जरूरी होगा, जिससे सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
4. हॉस्टल स्टाफ की ट्रेनिंग: हॉस्टल स्टाफ के लिए गेटकीपर ट्रेनिंग अनिवार्य होगी और रात में मैनुअल उपस्थिति दर्ज करनी होगी, ताकि सुरक्षा और निगरानी सुनिश्चित हो सके।
5. मनोरंजन सुविधाएं: हॉस्टलों में मनोरंजन क्षेत्र भी बनाए जाएंगे जिससे छात्रों को कुछ वक्त आराम से बिताने का अवसर मिलेगा।
6. रसीद की व्यवस्था: अभिभावकों को सभी भुगतानों की रसीदें दी जाएंगी।
यहां मिलेगा मुफ्त प्रवेश
इसके अलावा, छात्रों को चंबल रिवरफ्रंट और ऑक्सीजन जोन पार्क में मुफ्त प्रवेश मिलेगा, जिससे उन्हें कुछ समय के लिए रिलैक्स करने का अवसर मिलेगा। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर कोटा केयर्स हेल्पडेस्क भी स्थापित किया जाएगा, जो छात्रों को सहायता प्रदान करेगा। कोटा के जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कहा, “कोटा केयर्स अभियान के तहत हम छात्रों को बेहतर सुविधाएं और एक सुरक्षित माहौल देने का प्रयास कर रहे हैं। कोटा में बुनियादी ढांचे में सुधार किया गया है, जिससे छात्रों को उच्च स्तरीय कोचिंग और आवास की सुविधाएं मिलेंगी।”
छात्रों की संख्या में देखी गई भारी गिरावट
हाल के वर्षों में, कोटा में कोचिंग के लिए आने वाले छात्रों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई है। 2024-25 में यह संख्या 2 लाख से घटकर 1.24 लाख रह गई जिसके परिणामस्वरूप हॉस्टल उद्योग को लगभग 50% तक का राजस्व नुकसान हुआ। कई हॉस्टल में तो बुकिंग का प्रतिशत 40% से भी कम रह गया था। हॉस्टल एसोसिएशन के प्रमुख विश्वकनाथ शर्मा, सुनील अग्रवाल और नवीन मित्तल ने कहा, “अब हम हॉस्टल और पीजी छात्रों की देखभाल के लिए नए मानक स्थापित करेंगे। हम जिला प्रशासन और कोचिंग संस्थानों के साथ मिलकर सभी नियमों का पालन सुनिश्चित करेंगे।”
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