Wednesday, 25 December 2024

Teerthankar Mahavir University: तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ एजुकेशन में व्यक्तित्व विकास पर हुई वर्कशॉप

  प्रो.श्याम सुंदर भाटिया Education: तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी (Teerthankar Mahaveer University) के सीटीएलएफ के निदेशक प्रो. आरएन कृष्णिया(CTLF Director Prof.…

Teerthankar Mahavir University: तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ एजुकेशन में व्यक्तित्व विकास पर हुई वर्कशॉप

 

प्रो.श्याम सुंदर भाटिया

Education: तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी (Teerthankar Mahaveer University) के सीटीएलएफ के निदेशक प्रो. आरएन कृष्णिया(CTLF Director Prof. RN Krishnaia)  ने कहा, आत्मविश्वास सफलता की कुंजी है। इसके विकास पर प्रत्येक प्रतिभागी को ध्यान देना चाहिए। प्रो. कृष्णिया ने आत्मविश्वास की आवश्यकता और उन्नत बनाने के तरीकों को भी विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने शिक्षाशास्त्र के तीन उपागमों- पेडागोजिकल, एन्ड्रागोगिकल और सिनरागॉगिकल को उदाहरणों के माध्यम से समझाते हुए कहा, उच्च शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों को सिनरागॉगिकल उपागम को प्रयोग में लाना चाहिए। उन्होंने कहा, व्यक्ति को अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। लक्ष्य को चुनते समय स्मार्ट- स्पेसिफिक, मेसरेवल,अचीवेबल, रीयलीस्टिक और टाइम बॉन्ड का ध्यान रखते हुए एक्शन प्लान बनाना चाहिए। । प्रो. कृष्णिया तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ एजुकेशन में व्यक्तित्व विकास पर दो दिनी आयोजित वर्कशॉप के समापन मौके पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इससे पहले सीटीएलडी के डायरेक्टर प्रो. आरएन कृष्णिया, निदेशक छात्र कल्याण प्रो. एमपी सिंह, फैकल्टी ऑफ एजुकेशन की प्राचार्या प्रो. रश्मि मेहरोत्रा और एआर श्री दीपक मलिक ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके वर्कशॉप का शुभारम्भ किया।

व्यक्तित्व विकास में वर्कशॉप मील का पत्थर होगी साबितः प्रो. एमपी

वर्कशॉप के अनुभवों को छात्र वास्तविक जीवन में अपनाएंः प्रो. मेहरोत्रा

निदेशक छात्र कल्याण प्रो. एमपी सिंह ने कहा, शिक्षक समाज के निर्माता हैं। संतुलित व्यक्तित्व का शिक्षक ही अपने शिक्षार्थियों में व्यक्तित्व की विभिन्न विशेषताओं को पोषित कर सकता है। उन्होंने कहा, यह कार्यशाला स्टुडेंट्स के व्यक्तित्व का विकास करने में मील का पत्थर साबित होगी। वर्कशॉप में हैंड ऑन प्रैक्टिस पर जोर देते हुए आत्मसम्मान, जागरूकता मापनी, आत्मविश्वास मापनी, छवि प्रबंधन मापनी पर अपना मूल्यांकन करते हुए व्यक्तित्व के विभिन्न पक्षों का आकलन किया। प्राचार्या प्रो. रश्मि मेहरोत्रा ने कहा, वर्कशॉप से स्टुडेंट्स में आत्मानुभूति, कौशल, व्यावसायिक शिष्टाचार, लैंगिक संवेदनशीलता, लक्ष्य निर्धारण, नेतृत्व क्षमता आदि का विकास होगा। अंत में प्रो. मेहरोत्रा ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा, छात्रों को कार्यशॉला के अनुभवों को अपने वास्तविक जीवन में अपनाना चाहिए, जिससे उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास हो और जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में प्रभावी सामन्जस्य बना सकें। वर्कशॉप में डॉ. सुमित गंगवार, श्रीमती नाहिदा बी, श्री गौतम कुमार से संग-संग बीएड और एमएड के लगभग 60 स्टुडेंट्स भी मौजूद रहे।

एजुकेशन के स्टुडेंट्स ने आत्म-विश्वास मापनी करके किया मूल्यांकन

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